अर्चना पूरन सिंह ने रेखा से पूछा मिस्ट्री मैन को लेकर सवाल, एक्ट्रेस ने दिया ये चौंकाने वाला जवाब

अर्चना पूरन सिंह के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा था जब उन्होंने 1989 की फिल्म लड़ाई में पहली बार बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री रेखा के साथ काम किया. अब, 35 वर्षों के बाद, उन्होंने द-कपिल शर्मा शो में रेखा के साथ मंच साझा करते हुए एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने रेखा के प्रति अपने प्यार और अपने रिश्ते का इजहार किया है.

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Archana Puran Singh: अर्चना पूरन सिंह ने हाल ही में अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री रेखा के साथ जुड़ी अपनी यादों को साझा किया. यह मौका था द-कपिल शर्मा शो में रेखा के साथ मंच साझा करने का. अर्चना ने अपने बचपन के सपने, रेखा से पहली मुलाकात और उनके साथ हुई खास बातचीत का जिक्र करते हुए एक लंबा नोट लिखा.

बचपन का सपना जो हुआ सच

आपको बता दें कि आगे अर्चना ने बताया कि कैसे उन्होंने छोटी उम्र में रेखा की फिल्म 'सावन भादों' देखकर उनके जैसा बनने का सपना देखा था. उस समय वह एक छोटे से शहर में रहती थीं और मुंबई जाने की कल्पना भी नहीं कर सकती थीं. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ''जब मैंने रेखा जी की 'सावन भादों' देखी, मैं एक छोटे से कस्बे में रहती थी और मुंबई जाने की उम्मीद भी नहीं कर सकती थी.''

पहली मुलाकात और मेकअप के टिप्स

वहीं आपको बता दें कि 1989 में फिल्म 'लड़ाई' के सेट पर अर्चना ने पहली बार रेखा के साथ काम किया. उन्होंने बताया कि रेखा ने उन्हें अपने मेकअप रूम में बुलाया और नकली पलकों के इस्तेमाल से जुड़े टिप्स दिए. अर्चना ने इसे याद करते हुए आगे लिखा, ''उन्होंने मुझे मेकअप के साथ-साथ नकली पलकों का ट्रेंड भी सिखाया, जिसे उन्होंने बॉलीवुड में पॉपुलर किया था.''

'ही' का रहस्य

इसके अलावा आपको बता दें कि अर्चना ने एक मजेदार किस्सा साझा करते हुए लिखा कि रेखा अकसर अपनी बातचीत में 'ही' का जिक्र करती थीं. जब अर्चना ने उनसे पूछा कि वह किसकी बात कर रही हैं, तो रेखा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ''तुम्हें नहीं पता 'ही' कौन है?'' यह रहस्य आज भी अर्चना के लिए कायम है.

अर्चना और रेखा का रिश्ता 

बताते चले कि रेखा के साथ अपने रिश्ते को लेकर अर्चना ने आगे कहा, ''रेखा जी एक जिंदा किंवदंती हैं. उनकी गर्मजोशी और स्वाभाविक करिश्मा दिल को छू जाता है. हर बार उनसे मिलना एक नई प्रेरणा होती है.'' हालांकि अर्चना पूरन सिंह का यह अनुभव न केवल उनके बचपन के सपने को पूरा करता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि छोटे शहरों के बच्चे भी बड़े सपने देख सकते हैं और उन्हें सच कर सकते हैं.
  First Updated : Friday, 06 December 2024