Gulzar Birthday: दिल में उतर जाता है गुलजार का लिखा हर एक शब्द, पढ़िए कुछ चुनिंदा शेर

Gulzar Birthday: आज गुलज़ार की 89वीं सालगिरह है. गुलजार ऐसी शख्सियत हैं जिनके अंदर हुनर कूट-कूट कर भरा है, उनका लिखा हर एक बोल लोगों के दिलों में उतर जाता है.

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Gulzar Birthday Special: ''तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं'' सुनकर दिमाग में गुलज़ार की छवी दौड़ जाती है. गुलज़ार ने बहुत से सुपरहिट गानें लिखे हैं, जो आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं. आज हम गुलज़ार की बात कर रहे हैं क्योंकि आज उनका जन्मदिन है. इस महान शख्सियत का जन्म पाकिस्तान के 'दीना' गांव में 18 अगस्त 1936 को हुआ था.

गुलजार का असली नाम 'सम्पूरण सिंह कालरा' है. जहां पर गुलजार की पैदाइश हुई वो क्षेत्र जिला झेलम में आता है. यहां की भाषा पंजाबी और उर्दू है. जहां पर गुलजार ने शुरुआती शिक्षा ली थी वह प्राइमरी स्कूल आज भी उस गांव में है. गुलज़ार को गालिब की शायरी पसंद थी जिस वजह से उनका झुकाव उर्दू ज़बान की तरफ हो गया. लेकिन गुलज़ार शुरुआत से ही बंगला साहित्य के भी दीवाने रहे हैं. 

गुलज़ार की गज़लों को लोग बहुत पसंद करते हैं, उनका लिखा हर एक बोल लोगों के दिलों में छप जाता है. आज गुलज़ार के जन्मदिन के मौके पर हम आपके लिए लेकर आएं हैं गुलज़ार के कुछ चुनिंदा शेर. 

आप के बा'द हर घड़ी हम ने 
आप के साथ ही गुज़ारी है 

आइना देख कर तसल्ली हुई 
हम को इस घर में जानता है कोई 

शाम से आँख में नमी सी है 
आज फिर आप की कमी सी है 

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा 
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़ 
किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे 

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर 
आदत इस की भी आदमी सी है 

कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ 
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की 

आदतन तुम ने कर दिए वादे 
आदतन हम ने ए'तिबार किया 

जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ 
उस ने सदियों की जुदाई दी है 

हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में 
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया 

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, 
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते 

शाम के साए बालिश्तों से नापे हैं 
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में. First Updated : Friday, 18 August 2023