आज शाहरुख के स्टारडम की चर्चा पूरी दुनिया में होती है. इतना ही नहीं उन्होंने एक रोमांटिक हीरो के रूप में भी अपनी अच्छी छवि बनाई है. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब गौरी शाहरुख की सफलता नहीं बल्कि असफलता चाहती थीं.
गौरी ने एक बार मशहूर फैशन डिजाइनर अबू जानी और संदीप खोसला के चैट शो 'द फर्स्ट लेडीज विद अबू संदीप' में बताया था कि 'शुरुआत में वह नहीं चाहती थीं कि शाहरुख की फिल्में चलें. इसका एकमात्र कारण यह था कि वह अपने घर दिल्ली वापस जाना चाहती थी.'
गौरी ने कहा, 'मैं शाहरुख के बॉम्बे आने से खुश नहीं थी. मेरे लिए यहां आना, फिल्में और सबकुछ बहुत आश्चर्यजनक था. यह बहुत, बहुत कठिन था. दरअसल मैं नहीं चाहती था कि उनकी फिल्में अच्छा प्रदर्शन करें, मैंने सोचा कि अगर उनकी फिल्में फ्लॉप हो गईं तो मैं दिल्ली जा सकूंगी.'
क्योंकि मेरी शादी 21 साल की उम्र में हो गई थी. फिल्में, कब और कैसे, ये सब कुछ मेरे लिए बहुत नया था. गौरी ने यह भी बताया कि शाहरुख हमेशा से एक महत्वाकांक्षी व्यक्तित्व रहे हैं.
गौरी बताती हैं कि 'शाहरुख स्कूल और कॉलेज में हमेशा टॉप पर रहते थे. फुटबॉल हो, हॉकी हो या फिर थिएटर, शाहरुख हर चीज में आगे रहते थे. गौरी कहती हैं कि 'शाहरुख़ जिसे भी छू दें वो सोना बन जाता है.'