Explainer: 'झुंड में तो सूअर आते हैं, शेर अकेला आता है', रजनीकांत का बस कंडक्टर से सुपरस्टार बनने तक का सफर
Happy Birthday Rajinikanth: रजनीकांत को लोग एक हीरो के तौर पर जानते हैं, लेकिन ये बात बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि वो अपनी शुरुआती फिल्मों में विलेन के तौर पर नजर आते थे.
Happy Birthday Rajinikanth: भारत में सिनेमा को लेकर एक अलग ही तरह की दीवानगी देखने को मिलती है. लोग जिसको पसंद करते हैं उसको अपना भगवान मान लेते हैं, वहीं, कुछ अदाकार लोगों के दिलों में इस हद तक जगह बना लेते हैं कि वो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं. अपने फैंस के दिलों पर ऐसे ही राज करने वालों में एक सुपरस्टार ऐसा भी है जो जहां से निकलता है तो वहां पर वक्त ठहर सा जाता है. साउथ में उनकी इस कदर दीवानगी है कि उनकी फिल्मों को जिस दिन रिलीज किया जाता है उस दिन छुट्टी का ऐलान कर दिया जाता है. हम बात कर रहे हैं सुपरस्टार रजनीकांत की, जिनका आज जन्मदिन हैं.
रजनीकांत दशकों से बड़े पर्दे पर राज कर रहे हैं. उनके आने के बाद से सिनेमा हॉल में माहौल बदल गया था. इस स्टार की जब भी कोई फिल्म रिलीज होती है तो लोग उनको पूजते है. अगर जन्मदिन की बात करें तो ये दिन उनके चाहने वालों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता है.
फिल्मी हीरो से कम नहीं है उनकी कहानी
रजनीकांत आज अपना 73 वां जन्मदिन मना रहे हैं, उनका नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है. 12 दिसम्बर 1950 को रजनीकांत जन्म एक मराठी परिवार में हुआ था. उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक पुलिस कांस्टेबल थे. रजनीकांत के 4 भाई-बहन थे, जिसमें वो सबसे छोटे थे, बचपन में ही उनकी मां की मौत हो गई थी. रजनीकांत को लोग भगवान की तरह पूजते हैं, उनके फैंस उनको 'थलाइवा' या 'थलाइवर' कहते हैं जिसका मतलब होता है 'सुपरस्टार'.
कैसे शुरू हुआ करियर?
महज चार साल की उम्र में ही उनकी मां सा साया उनके सिर से उठ गया. एक साधारण से परिवार से वो ताल्लुक रखते थे, जिस वजह से उनके घर के हालात ठीक नहीं थे. उस दौरान उन्होंने बस में अपने टिकट काटने का काम भी किया. वो अलग अंदाज में टिकट काटा करते थे जिस वजह से सब लोगों में मशहूर हो गए थे. जहां एक समय पर वो बस में कंडक्टर के तौर पर काम किया करते थे, तो एक वक्त ऐसा आया जब वो एशिया के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले अभिनेता बन गए.
तमिल, तेलुगू, बंगाली, हिन्दी और अंग्रेज़ी में किया काम
हिंदी ऑडियंस में बहुत पहले से ही रजनीकांत को पसंद किया जाता था, लेकिन जब उनकी फिल्म 'शिवाजी द बॉस' हिंदी में रिलीज की गई तो उसके बाद उनकी एक्टिंग और खास अंदाज को बहुत किया जाने लगा. यहां तक के उनके कई डायलॉग्स ऐसे थे जो लोगों की जुबान पर चढ़ गए थे, और आज तक वो सबको याद हैं.
फिल्मी करियर की शुरुआत
किसी बी मध्यम परिवार के शख्स के लिए एक एक्टर बनना काफी मुश्किल और संघर्ष भरा रहता है, ऐसा ही कुछ रजनीकांत के साथ हुआ था, वो बचपन से ही एक्टर बनने करा सपना देखते थे. उन दौरान उनके एक दोस्त हुआ करते था जिनका नाम राज बहादुर था. इनकी वजह से ही रजनी को मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला मिला. उस वक्त रजनीकांत की जिन लोगों ने आगे बढ़ने में मदद की थी वो उनकी ही तरह बस कंडक्टर थे. लोगों को रजनी पर भरोसा था क्योंकि उनकी कंडक्टर की नौकरी के दौरान ही रजनी का खाश अंदाज सबको पसंद था.
डायरेक्टर से हुई मुलाकात से बदली किस्मत
एक्टिंग सीखने के दौरान ही रजनीकांत फिल्म डायरेक्टर के.बालचंद्र से मिले थे. ये वही डायरेक्टर थे जिन्होंने रजनी को पहली फिल्म 'अपूर्वा रागंगाल' में मौका दिया था. इस फिल्म में कमल हासन और श्रीविद्या भी इनके साथ नजर आए थे.
विलेन से बने हीरो
रजनीकांत को अपने करियर की शुरुआत में नेगेटिव मिलते थे. पहली फिल्म में भी उनका एक छोटा सा नेगेटिव रोल था. इसी तरह के रोल उनको अगले कई सालों तक मिलते रहे. इसके बाद रजनी ने तमिल के अलावा भी साउथ की कई भाषाओं में फिल्में की. वहीं, हिंदी फिल्मों की बात करें तो उनको 1983 में फिल्म 'अंधा कानून' से पहचान मिली. अमिताभ बच्चन के साथ रजनी की जोड़ी ने उस समय धमाल मचा दिया था.
अलग अंदाज के लिए जाने गए
एक कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, ये कहावत रजनीकांत के जीवन पर काफी सही बैठती है. जब वो बस में कंडक्टर का काम किया करते थे तब उनका एक ट्कट काटने का एक खास तरीका था जो उनके अंदाज को दिखाता था. इसा के चलते उनका करियर शुरु हो पाया था. बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि जब वो विलेन के रोल कर रहे थे उस वक्त कमल हासन ने फनको समझाया था कि उनके करियर के लिए सही नहीं है उनको पॉजिटिव रोल भी करने चाहिए. इसी के साथ जब वो हीरो के तौर पर फिल्मों में आए तो उन्होंने स्टाइल की परिभाषा ही बदल दी. उनको अलग-अलग स्टाइल्स, चश्मा पहनना और सिगरेट जलाना आज भी लोगों को पसंद आता है. रजनी ने जिस फिल्म में हीरो का रोल प्ले किया था वो 'भुवन ओरु केल्विकुरी' थी.
फिल्म रिलीज होने पर हो जाता है छुट्टी का ऐलान
रजनीकांत 73 साल के हो गए हैं, लेकिन इस उम्र में भी वो लीड एक्टर के तौर पर काम करते हैं. आज भी जब रजनी की फिल्म थिएटर में रिलीज होती है तो उस दिन पर एक अलग जस्न मनाया जाता है, जश्न भी ऐसा कि उस दिन प्राइवेट कंपनियों की छुट्टी कर दी जाती है. कहा जाता है कि रजनीकांत के नाम से एक मंदिर बी बनाया गया है जहां पर उनकी पूजा की जाती है. दरअसल, कर्नाटक में कोटिलिंगेश्वर मंदिर है जहां पर रजनीकांत के 60वें बर्थडे पर शिवलिंग स्थापित किया था. इसके अलावा भी कई एक्टर्स के नाम के मंदिर होने की बात कही जाती है.
2023 में रजनीकांत ने किया धमाका
साउथ सुपरस्टार रजनीकांत की हर ज्यादातर फिल्में ब्लॉकबस्टर रहती हैं, लेकिन इस साल रजनीकांत की फिल्म 'जेलर' ने बंपर कमाई की. जेलर ने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर 607.29 करोड़ की बंपर कमाई की थी. इस फिल्म को लेकर इतना क्रेज था कि उनके फैंस ने रजनीकांत के पोस्टर पर दूध चढ़ाया था.
'लाल सलाम' के साथ होगी रजनी की वापसी
जेलर की जबरदस्त सफलता के बाद उनकी अगली फिल्म का ऐलान हो चुका है. रजनीकांत की नई फिल्म 'लाल सलाम' 2024 में पोंगल के मौके पर रिलीज की जाएगी. फिल्म का नया पोस्टर जारी करके मेकर्स ने फैंस की उत्सुकता बढ़ा दी है.