Explainer: किसी भी आम कहानी को खास बनाने की कला रखते हैं 'द हिट मशीन राजकुमार हिरानी'
Explainer: राजकुमार हिरानी निर्देशित फिल्म 'डंकी' शाहरुख खान की इस साल की तीसरी बड़ी है. किंग खान 'डंकी' के साथ सिनेमाघरों में दस्तक दे चुके हैं.
Explainer: साल 2023 शाहरुख खान के नाम रहा. साल की शुरुआत में बॉलीवुड के किंग खान ने चार साल के ब्रेक के बाद 'पठान' से वापसी की और बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया. इसके बाद शाहरुख खान ने जवान से सिनेमाघरों में तहलका मचा दिया. एक्टर की इस फिल्म ने 600 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया था. अब जब साल खत्म होने को है तो किंग खान 'डंकी' के साथ सिनेमाघरों में दस्तक दे चुके हैं. फिल्म को लेकर फैंस का उत्साह चरम पर है. आज जब फिल्म रिलीज होगी तो इसे बंपर ओपनिंग मिलने की उम्मीद है.
द हिट मशीन राजकुमार हिरानी
बॉलीवुड में शायद ही कई एक्टर होगा जो राजकुमार हिरानी के साथ काम ना करना चाहता हो. बॉलीवुड में अगर किसी के लिए द हिट मशीन कहा जाता है तो उसमें पहला नाम राजकुमार हिरानी का आएगा. उन्होंने लीग से हटकर उन मुद्दों पर फिल्में बनाई हैं जो कोई एक दम से सोच भी नहीं पाता है. उनकी कहानी एकदम आम होती है लेकिन वो अपने निर्देशन से उसको खास बना देते हैं. कभी वो मरीज़ को ज़हनी और जिस्मानी तौर पर सही करने के लिए जादू की झप्पी दिलाने का काम करते हैं, तो कभी गांधीगीरी सिखाते हैं. वहीं, फिल्म संजू को लेकर उनकी बहुत आलोचना हुई, लेकिन बावजूद इसके वो बी एक बड़ी हिट साबित हुई थी.
'डंकी' को लेकर हैं चर्चा में
शाहरुख खान अभिनीत फिल्म 'डंकी' के निर्देशक राजकुमार हिरानी हैं, ये फिल्म आज रिलीज हो गई है. फिल्म का नाम बहुत ही अजीब है जिसको लेकर उन्होंने खुलासा किया कि कैसे फिल्म का नाम पड़ा. हिरानी ने बताया कि 'जालंधर में जिनके घरों से लोग विदेश जाते हैं वो ना सिर्फ गुरुद्वारे में जाकर मन्नत मांगते हैं बल्कि हर संभव तरीका भी अपनाते हैं. वहां के लोग अवैध रास्ते से भी विदेश जाते हैं, इस अवैध रास्ते को 'डॉन्की' मार्ग कहा जाता है, जिसके नाम पर फिल्म का नाम 'डंकी' रखा गया है.
डिग्रियों को छोड़ सपनों के पीछे भागने की सलाह
2009 में आई 'थ्री इडियट्स' ने बॉलीवुड में अलग ही सफलता के झंडे गाड़ दिए थे. इस फलि्म को पसंद करने वालों में हर उम्र के लोग शामिल थे. हिरानी ने जिस तरह से उस फिल्म में जीवन को दिखाया था उसको एक आम इंसान अपनी जिंदगी से जोड़के देख सकता था. जैसे, 3 'इडियट्स' का फरहान (माधवन) कहता है, 'जब दोस्त असफल होता है तो दुख होता है, लेकिन जब दोस्त फर्स्ट आता है तो उससे भी ज्यादा दुख होता है.' अब इस तरह के डायलॉग से कोई भी इंसान अपने से जोड़ के देख सकता है.
मुन्नाबाई की 'जादू की झप्पी' से पीके की 'रॉन्ग कॉल' तक
राजकुमार हिरानी को यूं ही द हिट मशीन नहीं कहा जाता है, एक बार उनकी फिल्म की लिस्ट देख ली जाए तो ये साफ हो जाएगा कि वो लीग से हटकर फिल्में बनाने की हिम्मत रखते हैं. इसी लिए उनके नाम के आगे ये हिट मशीन का तमगा लगा है. हिरानी की फिल्म की बात करें तो उन्होंने मुन्ना भाई एमबीबीएस, पीके, थ्री इडियट्स और अब डंकी. हिरानी ने मुन्नाबाई में जिस जादू की झप्पी की बात की थी वो आज भी लोगों के लिए दवा का काम करती है. वहीं, पीके में उन्होंने लोगों को समझाया कि कैसे भगवान तक 'रॉन्ग कॉल' जाती है.
प्रोमो एडिट करने से लेकर निर्देशन तक का सफर
विज्ञापनों से अपने करियर की शुरुआत करने वाले राजकुमार हिरानी सफर काफी दिलचस्प रहा. उन्होंने शुरुआत में एडिटिंग का काम किया. वो फिल्मों के प्रोमो एडिट करते थे. जब विधु विनोद चोपड़ा '1942 ए लव स्टोरी' का प्रोमो हिरानी ने ही बनाया था. साल 2000 में 'मिशन कश्मीर' की एडिटिंग के दौरान ही उन्होंने अपनी फिल्म बनाने का सोचा. इस बीच उन्होंने मेडिकल कॉलेजमें पढ़ाई करने वाले अपने दोस्तों के जीवन को जाना जिसके बाद उन्होंने मुन्नाभाई एमबीबीएस बनाई.
हिरानी का परिवार
फिल्म थ्री इडियट्स में एक डायलॉग था जिसमें रैंचो कहता है कि 'जो काम में मज़ा आए उसे अपना प्रोफ़ेशन बनाओ. फिर काम काम नहीं, खेल लगेगा.' ऐसा ही कुछ हुरानी की जिंदगी में ता जब उन्होंने इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया , उन्होंने भी अपने पिता से कहा कि 'मुझे नहीं समझ में आती इंजीनियरिंग'. इसके बाद उनके पिता का जवाब था कि 'तो मत पढ़ो.' फिर वहीं से वो पुणे के फ़िल्म इंस्टिट्यूट आ गए. परिवार की बात करें तो वो मूल रूप से पाकिस्तान के हैं, बंटवारे के बाद उनका सिंधी परिवार पाकिस्तान से आगरा आ गया था, और नागपुर में बसा, जहां उनके पिता ने टाइपराइटिंग सिखाने का काम शुरू किया. यहीं से शुरू हुई ऐसे निर्देशक की कहानी जो समाज के गंभीर मुद्दों को मनोरंजक तरीके से पर्दे पर दिखाने का साहस रखता है.