एक तवायफ कैसे बनीं सिनेमा की जान, खूबसूरती में महारानियों को देती थी मात, पढ़ें गौहर जान की कहानी

Ek tawaif Ki Kahani: आज हम आपको एक ऐसी तवायफ के बारे में बताने जा रहे हैं जो न सिर्फ अपने हुनर और खूबसूरती से महारानियों को मात दी बल्कि सिनेमा की जान बन गई. तो चलिए इस तवायफ की जिंदगी के बारे कुछ रोचक बाते जानते हैं.

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Ek tawaif Ki Kahani: भारत में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है लेकिन हमारे देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो औरत रूपी देवी को हवस की नजर से देखते हैं. ये वहशी छोटी-छोटी बच्चियों को भी अपना शिकार बना लेते हैं. आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे बाली उम्र में तवायफ बनने पर मजबूर कर दिया गया. हालांकि बाद में वो अपना ऐसा हुनर दिखाती है बॉलीवुड की जान बन जाती है.

दरअसल, हम बात कर रहे हैं भारतीय शास्त्रीय संगीत के शिखर पर पहुंचने वाली गौहर जान की जो भारतीय सिनेमा की जान कही जाती हैं. हालांकि उनकी निजी जिंदगी दर्दभरी रही हैं. महज 13 साल की उम्र में उनका बलात्कार हुआ था तो चलिए आज उनकी लाइक की स्ट्रगल की कहानी जानते हैं.

13 साल की उम्र में हुआ बलात्कार

भारतीय संगीत को नई दिशा में ले जाने वाली गौहर खान की असल जिंदगी की कहानी आपके आंखों में आंसू ला देगी. बता दें कि, महज 13 साल की उम्र में उनका बाल्तकार किया गया. हालांकि, इस सदमे से गौहर जान उबरी और संगीत की दुनिया में अपना नाम कमाने में कामयाब हुई. गौहर खान के साथ शोषण, धोखा घड़, वो सब हुआ जिसके बाद वो तवायफ बनने पर मजबूर हो गई. गौहर खुब पढ़ी लिखी थी उन्हें 20 भाषाओं का ज्ञान था.

गौहर जान की ठाठ बाट

गौहर खान डांस, कला, संगीत में इतनी निपुण की थी वो बहुत जल्द एक मशहूर तवायफ बन गई. उनकी संगीत, नृत्य के बड़े -बड़े नवाब दिवाने थे. उस जमाने में उनकी ठाट बाट इतनी थी कि जब कोई नवाब उन्हें अपनी कोठी पर महफील सजाने के लिए बुलावा भेजते थे तो उनके लिए एक ट्रेन बूक की जाती थी. गौहर जान ने पहली बार साल 1887 में दरभंगा राज में अपनी परफॉर्मेंस दी. उस दौरान उनकी इस परफॉर्मेंस की चर्चा दूर दूर तक हुई थी. यही से वो भारतीय सिनेमा की जान बनने के सफर पर निकल पड़ी और फिर कभी पीछे मुडकर नहीं देखा.

भारत की पहली गायिका बनकर बनाया दबदबा

गौहर जान ने अपना पहला गाना 'राग जोगिया में ख्याल' गाया था , जिसे ग्रामोफोन कंपनी के फ्रेड गैसबर्ग ने रिकॉर्ड किया था. यह रिकॉर्डिंग कोलकाता के एक होटल के दो बड़े कमरों में एक अस्थायी रिकॉर्डिंग स्टूडियो में की गई थी. साल 1903 के दौरान उनके गानों का रिकॉर्ड भारतीय बाजारों में दिखने लगे और उनकी मांग काफी बढ़ने लगी.

तवायफ बनीं सिनेमा की 'जान'

वह भारत में 78 आरपीएम रिकॉर्ड पर संगीत रिकॉर्ड करने वाली पहली कलाकारों में से एक थीं. बाद में ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया गया. इसके बाद से गौहर जान को "ग्रामोफोन गर्ल" और "भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार" के रूप में जाना जाने लगा. उस जमाने में गौहर खान ने अपने हुनर का जादू चलाकर ऐसा दबदबा बनाया कि रियासतों और संगीत सभाओं में उन्हें बुलाना प्रतिष्ठा की बात हुआ करता थी.

First Updated : Monday, 20 May 2024