'गद्दार' विवाद पर कुणाल कामरा ने खटखटाया बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा, FIR रद्द करने की मांग
कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शो के दौरान 'गद्दार' कहने के मामले में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने अपनी याचिका में इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है. कामरा को पहले ही मद्रास हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन अब वह इस केस को पूरी तरह खत्म करना चाहते हैं.

कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को "गद्दार" कहने के मामले में दर्ज FIR को रद्द कराने के लिए उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है. कामरा का कहना है कि उनके खिलाफ की गई शिकायतें उनके संविधान में मिले मौलिक अधिकारों अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, किसी भी पेशे को अपनाने और जीवन व स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती हैं. FIR के बाद अब यह मामला सिर्फ एक मजाक या स्टैंड-अप एक्ट नहीं रह गया है, बल्कि देश में अभिव्यक्ति की सीमाओं को लेकर एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है.
हाईकोर्ट पहुंचे कुनाल कामरा
सोमवार को कुणाल कामरा की याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता नवरोज सर्वई और अश्विन थूल द्वारा जस्टिस सारंग कोतवाल और एस.एम. मोडक की बेंच के समक्ष जल्द सुनवाई के लिए रखी जाएगी. याचिका में कहा गया है कि इस FIR के जरिए कामरा के मौलिक अधिकारों पर हमला किया गया है.
क्या था शो में?
कामरा ने अपने शो 'नया भारत' में फिल्म "दिल तो पागल है" के एक गाने को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और उसमें एकनाथ शिंदे को “गद्दार” कह दिया. बाद में इस क्लिप को उन्होंने यूट्यूब पर भी अपलोड किया. इस पर शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक मुरजी पटेल ने आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.
पुलिस समन को किया नज़रअंदाज
मुंबई पुलिस ने कामरा को पूछताछ के लिए तीन बार समन भेजा, लेकिन उन्होंने एक बार भी पेशी नहीं दी। इस बीच वह तमिलनाडु में हैं, जहां से उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक्टिविटी भी साझा की है.
पहले से मिली है अंतरिम अग्रिम जमानत
मार्च में कामरा ने मद्रास हाईकोर्ट से इस केस में अग्रिम जमानत ले ली थी। उन्होंने अदालत को बताया कि वह तमिलनाडु के स्थायी निवासी हैं और फिलहाल वहीं रह रहे हैं। इसके बावजूद FIR को लेकर वह अब बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे हैं ताकि मामला पूरी तरह से खत्म हो सके.
किन धाराओं में मामला दर्ज?
शिवसेना विधायक की शिकायत पर कुनाल कामरा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(1)(b) (सार्वजनिक उपद्रव के लिए भड़काने वाले बयान) और धारा 356(2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया है. कामरा ने कहा है, "यह सिर्फ एक व्यंग्यात्मक प्रस्तुति थी, कोई व्यक्तिगत हमला नहीं. अगर नेताओं की आलोचना करना गुनाह है, तो देश में कॉमेडी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दोनों खत्म हो जाएंगे. अब हाईकोर्ट यह तय करेगा कि क्या FIR को रद्द किया जा सकता है या नहीं. यह मामला एक बार फिर ये सवाल उठाता है. क्या भारत में व्यंग्य और राजनीतिक आलोचना की कोई सीमा होनी चाहिए?