Mahesh Babu Birthday: महेश बाबू आज 48 साल के हो गए हैं. साउथ सिनेमा के प्रिंस कहे जाने वाले महेश ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत महज़ 4 साल की उम्र में ही कर दी थी. महेश बाबू को लेकर लोगों में इतनी दीवानगी है कि उनकी फिल्म रिलीज़ होने पर सिनेमाघरों में हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए. महे बाबू की फिल्म रिलीज़ होती है तो माहौल ऐसा होता है जैसे- मानों कोई त्यौहार हो. लेकिन क्या आपको पता कि महेश बाबू रील हीरो होने के साथ साथ रियल लाइफ में भी हीरो हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, महेश बाबू अपनी सालाना कमाई में से 30 फीसद हिस्सा दान कर देते हैं. इसके साथ ही इस सुपरस्टार ने 2 गांव भी गोद ले रखे हैं, और एक हज़ार से ज़्यादा बच्चों के दिल का ऑपरेशन भी करवा चुके हैं. महेश बाबू की फिल्मों के बारे में या फिल्मी करियर के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन उनके इस दूसरे मसीहा वाले रुप को बहुत कम लोग जानते हैं.
कृष्णा बाबू के बेटे हैं महेश बाबू
महेश के जन्मदिन के मौके पर आज उनकी ज़िंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से बताएंगे. महेश बाबू के पिता कृष्णा बाबू साउथ सिनेमा के जाने माने स्टार थे. वो 5 भाई-बहनों में चौथे नम्बर के हैं. बचपन में महेश अपने पिता के साथ फिल्म की शूटिंग पर गए थे, जहां पर फिल्म के डायरेक्टर ने उनका चार्मिंग फेस देखकर उनको फिल्म में काम करनेका ऑफर दिया. उस वक्त वो सिर्फ 4 साल के थे. इसके बाद महेश ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट 9 फिल्मों में भूमिका निभाई.
छोड़ दी थी एक्टिंग
बचपन से ही फिल्मों में काम किया जिसकी वजह से उनको लगातार फिल्में मिलती रहीं. लेकिन इससे उनकी पढ़ाई पर बहुत असर पड़ रहा था. वो ज़्यादातर शूटिंग में व्यस्त रहते जिस वजह से पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे. इसी के चलते उनके पिता ने उनको समझाया कि पढ़ाई ज़रूरी है इसलिए उनको उसपर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए. इसीलिए महेश ने 15 साल की उम्र में अपने फिलमी करियर से ब्रेक लिया था.
2005 में अथाड़ु फिल्म से की वापसी
फिल्मों से ब्रेक के लगभग 9 साल बाद महेश ने वापसी की. महेश की बतौर लीड एक्टर पहला फिल्म राजा कुमारुडु थी जिसके लिए उनको बेस्ट एक्टर डेब्यू का नंदी अवॉर्ड भी मिला. लेकिन उनको ज़्यादा पहचान मिली 2005 में आई अथाड़ु फिलम से, जो महेश के करियर के साथ साथ ही तेलेगु सिनेमा की भी बेहतरीन फिल्मों में शामिल हुई.
महेश को नहीं आती थी तेलुगु
महेश बाबू का तेलुगु फैमली में जन्म हुआ था, लेकिन उनको तेलुगु नहीं आती थी. जब उन्होने फिल्मों में काम शुरु किया तो भाषा को लेकर उनके सामने एक चेलेंज आया. महेश डायलॉग का मतलब समझते थे फिर उसको रट लेते थे, इस तरह से वो अपने डायलॉग को बोला करते थे.
"एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी फिर मैं अपने आप की भी नहीं सुनता"
सलमान खान की फिल्म वांटेड का एक डायलॉग तो आपको याद ही होगा. "एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी फिर मैं अपने आप की भी नहीं सुनता" ये डायलॉग 2006 में आई महेश बाबू की फिल्म ''पोकिरि'' का है. इसको तेलुगु में बोला गया था, जिसको सलमान खान की फिल्म में हिंदी में बोला गया, और ये इतना फैमस हो गया.
नमृता शिरोडकर से शादी
महेश बाबू और नमृता शिरोडक ने वमशी फिल्म में एक साथ काम किया था. इसी दौरान उनके बीच नज़दीकियां बढ़ी और प्यार हो गया. ने 4 साल रिलेशन में रहने के बाद दोनों ने 2005 में शादी की. गौतम और सितारा महेश और नमृता के बच्चे हैं.
आंध्रप्रदेश में है महेश बाबू का मंदिर
साउथ में महेश बाबू के लिए इस कदर दीवानगी है कि उनके चाहने वालों नें आंध्रप्रदेश के कोंडापुरम में उनके नाम का एक मंदिर बनवाया है. जिसमें महेश की मूर्ती भी रखी गई है. उनके फैंस उनको भगवान की तरह पूजते हैं.
बच्चों के लिए बने मसीहा
महेश बाबू फिल्मों में काम करते हैं, उनको पसंद किए जाने की एक वजह ये है. इसके साथ ही उनको लोग भगवान की तरह पूजते है, इसकी दूसरी वजह है उनका लोगों के प्रति दयालु होना. महेश बाबू कई NGO के मालिक हैं. महेश ने रेन्बो चिल्ड्रन हॉस्पिटल के साथ मिलकर गरीब बच्चों के लिए फ्री में हार्ट के ऑपरेशन का काम भी करते हैं. इसमें वो अब तक 1000 से ज्यादा बच्चों के दिल का ऑपरेशन करवा चुके हैं.
इनकम का 30 प्रतीशत करते हैं दान
महेश बाबू जितना कमाते हैं उसमें से सालाना इनकम का 30 प्रतीशत दान कर देते हैं. उनके साथ साथ उनकी फैमली भी दान करने में पीछे नहीं रहती है. महेश बाबू की बेटी सितारा इतनी छोटी उम्र में भी सोशल वर्क में काफी एक्टिव रहती हैं. हाल ही में अपने जन्मदिन पर सितारा ने गरीब बच्चों का साइकिल दान की थीं.
महेश बाबू ने गोद लिए दो गांव
महेश बाबू के पिता कृष्णा बाबू बुरिपलेम नाम के गांव से हैं. 2015 में महेश ने इसी गांव को गोद लेने का फैसला किया था. इसके बाद उन्होने सिद्दापुर नाम का एक गांव और गोद ले लिया था. गांव को गोद लेते हैं तो उसमें उससे जुड़ी जितनी भी ज़रूरते होती हैं वो इपने खर्चे पर इसको पूरा करते हैं. इसके साथ ही महेश जितनी भी समाज सेवा करते हैं उसको हमेशा सीक्रेट रखना पसंद करते हैं. समाज के लिए जितने भी उन्होने काम किए हैं उनका कभी भी महेश ने ज़िक्र नहीं किया है, ये सारी जानकारियां उनके करीबियों से बाहर आ जाती हैं.
224 करोड़ के हैं मालिक महेश
महेश बाबू 224 करोड़ के मालिक हैं. जिस घर में वो रहते हैं उसकी भी कीमत लगभग 30 करोड़ रुपये है. हैदराबाद के साथ साथ महेश बाबू का एक बेंगलुरु में भी घर है. एक फिल्म के लिए वो 18-20 करोड़ रुपये फीस चार्ज करते हैं. इसके अलावा महेश ब्रांड एंडोर्समेंट से भी करोड़ों की कमाई करते हैं. First Updated : Wednesday, 09 August 2023