25 साल बाद वापस लौटीं ममता कुलकर्णी, 2000 करोड़ के ड्रग केस से क्यों जुड़े तार?
Mamta Kulkarni :
Mamta Kulkarni : 1990 के दशक में कई हिंदी फिल्मों में नजर आ चुकी पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी 25 साल बाद भारत वापस लौट आई हैं. मुंबई पहुंचने पर उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने अपने वतन लौटने की खुशी जाहिर की. ममता कुलकर्णी 2000 में देश छोड़कर चली गई थी.
हालांकि, उनका भारत लौटना उनके जीवन के एक विवादित अध्याय की यादें भी ताजा कर रहा है. अभिनेत्री एक हाई-प्रोफाइल ड्रग मामले में फंसी थी, जिसने बॉलीवुड और कानून प्रवर्तन एजेंसियों में हलचल मचा दी थी. इस मामले की कीमत ₹2,000 करोड़ आंकी गई थी और यह 2016 में तब सामने आया जब ठाणे पुलिस ने एक बड़े ड्रग तस्करी ऑपरेशन की जांच शुरू की.
₹2,000 करोड़ का ड्रग मामला
यह मामला महाराष्ट्र के सोलापुर में स्थित एक फार्मास्युटिकल कंपनी, एवन लाइफसाइंसेज लिमिटेड, से जुड़ा था. एक्ट्रेस पर आरोप था कि इस कंपनी का उपयोग इफेड्रिन, एक नियंत्रित पदार्थ, की तस्करी के लिए किया जा रहा था.
ममता कुलकर्णी और उनके साथी विक्की गोस्वामी, जो कथित तौर पर एक ड्रग माफिया हैं, उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया गया था. पुलिस ने दावा किया कि ममता 8 जनवरी 2016 को केन्या के ब्लिस होटल में हुई एक बैठक में मौजूद थीं, जहां ड्रग ऑपरेशन की योजना बनाई गई थी.
ममता पर आरोप लगाया गया कि वह योजना का हिस्सा रही और संभवतः उन्हें एवन लाइफसाइंसेज की निदेशक नियुक्त किया गया. हालांकि, ठाणे पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूत कमजोर साबित हुए. आरोप ज्यादातर सह-अभियुक्त जय मुखी के बयान पर आधारित थे, जिन्होंने बाद में दावा किया कि उनका बयान दबाव में लिया गया था.
कोर्ट का फैसला
मामले ने एक बड़ा मोड़ तब लिया जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप किया. हाल ही में अदालत ने ममता कुलकर्णी के खिलाफ एफआईआर को रद्द कर दिया, यह कहते हुए कि आरोपों के अलावा, उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था. जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की बेंच ने माना कि आरोप केवल एफआईआर तक ही सीमित हैं और ममता के खिलाफ कुछ भी ठोस प्रमाण नहीं है.
इस मामले को लेकर ममता कुलकर्णी ने किसी भी गलत काम से जुड़े होने पर इनकार किया है. लेकिन इस विवाद ने उनकी सार्वजनिक छवि को प्रभावित किया. इसके साथ ही, उनके बॉलीवुड करियर भी खत्म हो गया. हालांकि, कोर्ट के फैसले ने सब कुछ साफ कर दिया.