OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स की बढ़ी मुश्किलें, चाइल्ड राइट बॉडी का मिला समन

OTT Platform Netflix: नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने मंगलवार को प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स को समन जारी किया है. इसमें लिखा गया है कि नेटफ्लिक्स के प्लेटफॉर्म पर सेक्सुअल कंटेट दिखाया जाता है और ये कंटेंट नाबालिगों के लिए भी बड़ी आसानी से उपलब्ध है. ऐसा होना पोक्सो एक्ट 2012 का उल्लंघन हुआ है. इसी मामले पर जून की शुरुआत में नेटफ्लिक्स को पत्र लिखा गया था, लेकिन उसका जवाब नहीं मिला था.

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OTT Platform Netflix: भारत सरकार ने OTT पर दिखाए जा रहे सेक्‍सुअल कंटेंट पर एक बार फिर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है.  इस बार सबसे OTT प्‍लेटफॉर्म नेटफ्ल‍िक्‍स को नोटिस भेजा गया है. बाल अध‍िकार संरक्षण आयोग ने नेटफ्लिक्स को समन जारी किया किया है और 29 जुलाई को पेश होने को कहा है.  

इस समन में नेटफ्लिक्स पर दिखाए जा रहे सेक्सुअल कंटेंट तक नाबालिगों की आसानी से पहुंच को मुद्दा बनाया गया है. यह पोक्‍सो एक्‍ट 2012 का उल्‍लंघन हैं. आयोग का कहना है कि बीते महीने जून की शुरुआत में भी इस बाबत ओटीटी प्‍लेटफॉर्म को चिट्टी लिखी गई थी, जिसका कोई जवाब नहीं मिला.

29 जुलाई को होना होगा पेश

साल 2018 से 2024 के बीच कई OTT प्लेटफॉर्म्स ने बी-ग्रेड वेब सीरीज को स्‍ट्रीम किया.इनमें से कई सॉफ्ट पोर्न की कैटेगरी में आते हैं. मामले में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने ओटीटी पर रेगुलेशन के नियम लागू किए. भारत सरकार अब ऑनलाइन कंटेंट की निगरानी इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड रूल्स, 2021 के तहत करती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमीशन ने CPCR एक्ट 2005 की धारा 14 के तहत नेटफ्लिक्स से जुड़े अधिकारियों को समन किया है और 29 जुलाई को उपस्थित होने को कहा है.

बी-ग्रेड कंटेंट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2018 से 2024 के बीच कई OTT प्लेटफॉर्म्स ने वेब सीरीज के तौर पर बी-ग्रेड और लो बजट सॉफ्ट पोर्न कंटेंट पेश करना शुरू किया. इस पर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने ओटीटी पर रेगुलेशन के नियम लागू किए. अब सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट की निगरानी इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड रूल्स, 2021 के जरिए करती है.

सरकार कर सकती है ब्‍लॉक

सरकार OTT प्‍लेटफॉर्म्‍स को सेल्‍फ रेगुलेशन के लिए प्रेरित करती है. इसके तहत ओटीटी प्लेटफॉर्म्स अपने कंटेंट का क्लासिफिकेशन करते हैं. इन्‍हें उम्र की रेटिंग देते हैं. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो धारा 67, 67A और 67B के तहत सरकार को यह अध‍िकार है कि वो स्‍ट्रीम हो रहे आपत्तिजनक कंटेंट को ब्लॉक करे या फिर बैन लगाए.

कोराना में ज्यादा देखा गया 

साल 2007 में नेटफ्ल‍िक्‍स ने पहली बार अपनी ऐप वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस शुरू की थी. ये कंपनी कभी ऑरिजनल कंटेंट की सीडी/डीवीडी बनाकर बेचती थी. साल 2021 में वेब सीरीज और ऑरिजनल कंटेंट के बढ़ते असर को देखते हुए कंपनी ने इस पर 1.35 लाख करोड़ रुपये खर्च किए. साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान भारत में OTT प्‍लेटफॉर्म्‍स की धमक सबसे अध‍िक बढ़ी. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के अंतिम 3 महीनों के मुकाबले कोरोना काल में इन प्‍लेटफॉर्म्‍स को 13% अध‍िक व्यूज मिले थे.

First Updated : Thursday, 25 July 2024