पहलगाम आतंकी हमलाः भारत में रिलीज नहीं होगी फिल्म 'अबीर गुलाल', पाकिस्तान से जुड़ा है ये कनेक्शन
आरती एस बागड़ी द्वारा निर्देशित, 'अबीर गुलाल' इस महीने की शुरुआत में मुश्किल में पड़ गई थी, जब राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच खराब संबंधों का हवाला देते हुए भारत में इसकी रिलीज का विरोध किया था. कई सिनेमा हॉल इस फिल्म को दिखाने के लिए तैयार नहीं थे और कई मनोरंजन संगठनों ने इसके बहिष्कार की मांग की थी.

केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान अभिनीत बॉलीवुड फिल्म 'अबीर गुलाल' भारत में रिलीज नहीं होगी. यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले को लेकर देशभर में फैले आक्रोश के बीच लिया गया है, जिसमें 25 पर्यटकों और एक कश्मीरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
महाराष्ट्र में हुआ था विरोध
इस फिल्म में वाणी कपूर भी हैं. यह मूवी 9 मई को सिनेमाघरों में आने वाली थी. विवेक बी अग्रवाल द्वारा निर्मित और आरती एस बागड़ी द्वारा निर्देशित, 'अबीर गुलाल' इस महीने की शुरुआत में मुश्किल में पड़ गई थी, जब राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच खराब संबंधों का हवाला देते हुए भारत में इसकी रिलीज का विरोध किया था. पहलगाम आतंकी हमले के बाद फवाद खान अभिनीत इस फिल्म के खिलाफ विरोध और तेज हो गया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कई सिनेमा हॉल इस फिल्म को दिखाने के लिए तैयार नहीं थे और कई मनोरंजन संगठनों ने इसके बहिष्कार की मांग की थी. सूत्रों ने बताया कि अब मंत्रालय ने भी इसकी रिलीज की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
सरकार ने उठाए सख्त कदम
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि पहलगाम आतंकी हमले को बॉर्डर पार से समर्थन मिलने की संभावनाएं हैं, क्योंकि उसने पहले भी भारत में कई आतंकवादी कृत्यों को समर्थन दिया है. निर्दोष लोगों की हत्या पर देशभर में आक्रोश के बीच सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. सिंधु वाटर ट्रीटी को सस्पेंड कर दिया गया है और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया है. भारत सरकार ने यह भी कहा है कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाएगा. 1 मई तक उच्चायोगों की कुल संख्या भी 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी.


