सोनू सूद ने किया बड़ा खुलासा, सीएम और डिप्टी सीएम बनने का मिला था ऑफर!
कोविड काल में लोगों के मसीहा बनकर उभरे सोनू सूद ने सिर्फ अपने दम पर न जाने कितनों की मदद करके प्यार कमाया है. हाल ही में एक बातचीत के दौरान सोनू सूद ने बताया कि इसके बाद उनको सीएम और डिप्टी सीएम के पद ऑफर हुए थे. लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया.
कोरोना महामारी के दौरान सोनू सूद लोगों के मसीहा बनकर सामने आए थे. उन्होंने प्रवासियों और श्रमिकों की मदद की थी, जिसके लिए उन्हें बहुत प्यार मिला था. इसके अलावा, सोनू सूद ने देश-विदेश में फंसे लोगों की भी मदद की थी और इसके लिए उन्होंने अपनी संपत्ति भी गिरवी रख दी थी. आज भी यदि कोई उनकी मदद के लिए आता है, तो वह उसे खाली हाथ नहीं भेजते और कुछ न कुछ मदद जरूर करते हैं. हाल ही में, सोनू सूद ने एक बड़ा खुलासा किया है.
सोनू सूद ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री (सीएम) और डिप्टी सीएम बनने का भी ऑफर मिल चुका था. उन्होंने यह बात ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के साथ बातचीत में कही. सोनू सूद ने बताया कि उन्हें राजनीति में शामिल होने के कई अच्छे ऑफर मिले थे, यहां तक कि उन्हें राज्यसभा की सीट भी ऑफर की गई थी, लेकिन उन्होंने सभी ऑफर्स को ठुकरा दिया.
सोनू सूद ने किया बड़ा खुला
जब सोनू सूद ने लॉकडाउन में फंसे लोगों की मदद करना शुरू किया, तो कई लोगों ने सोचा था कि वह यह सब राजनीति में आने के लिए कर रहे हैं. लेकिन अभिनेता ने अपनी बात से सभी को चौंका दिया और राजनीति में शामिल होने का विचार छोड़ दिया. वह अपनी आने वाली फिल्म फतेह का प्रमोशन कर रहे थे, तभी उनसे राजनीति में शामिल होने के बारे में पूछा गया. इस पर उन्होंने कहा, "मुझे सीएम बनने का ऑफर मिला था. जब मैंने मना किया तो कहा गया कि डिप्टी सीएम बन जाओ. बड़े लोग थे जिन्होंने मुझे राज्यसभा की सीट तक ऑफर की."
सीएम बनने का ऑफर था
सोनू सूद ने आगे कहा, "ऐसे ऑफर मिलने से अच्छा लगता है, जब बड़े लोग आपसे मिलते हैं और चाहते हैं कि आप कुछ करें. इससे पॉपुलैरिटी भी मिलती है और जीवन में उन्नति होती है. लेकिन जितना ऊपर जाएंगे, उतना ऑक्सीजन का लेवल कम होता है. हम ऊपर तो जाना चाहते हैं, लेकिन वहां कितनी देर टिक पाएंगे, यह सवाल है."
इस डर के चलते किया इनकार
सोनू सूद ने यह भी बताया कि राजनीति में लोग दो कारणों से आते हैं—या तो पैसा कमाने या फिर सत्ता पाने के लिए, और उन्हें इन दोनों चीजों में कोई रुचि नहीं है. उन्होंने कहा, "अगर लोगों की मदद करनी है तो वह मैं पहले से ही कर रहा हूं. मुझे अब किसी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं है, मैं जाति, धर्म, या भाषा के भेदभाव के बिना मदद करता हूं. लेकिन राजनीति में आने के बाद मुझे किसी के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा, और मेरी स्वतंत्रता चली जाएगी. यह मुझे नहीं चाहिए."