Suchitra Sen Birth Anniversary: लेजेंड एक्ट्रेस सुचित्रा सेन जिसने सालों तक खुद को छुपा कर रखने का संकल्प लिया, मौत के बाद भी नहीं दिखा चेहरा
भारतीय सिनेमा की महानायिका सुचित्रा सेन एक उमदा कलाकार में गिनी जाती है, फिल्मों में उनकी कलाकारी दर्शकों को खूब भाता था हालांकि पर्दें से दूर जाने के बाद लेंजेंड एक्ट्रेस सुचित्रा सेन की मुलाकात शायद ही किसी से हुई हो, सुचित्रा पर्दे से इस कदर खूद को दूर गई की उनके मौत के बाद भी उनका चेहरा कोई देख नहीं पाया। तो आइए आपको महानायिका सुचित्रा सेन के जन्म दिवस के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ पहलुओं के बारे में बताते है।
हाइलाइट
- मशहूर और खूबसूरत अभिनेत्री सुचित्रा सेन का आज जन्मदिवस है। सुचित्रा ने सिनेमा से किनारा करने का बाद संकल्प लिया था की वह कभी दर्शकों के सामने नहीं आएगी यही वजह थी की वह दादा फाल्के अवॉर्ड को भी लेने से इनकार कर दी थी
देवदास की पारो बनकर लोगों का दिल जितने वाली खूबसूरत अभिनेत्री सुचित्रा सेन ने अपने अभिनय से लाखों करोड़ों लोगों को दिवाना बनाया है एक्ट्रेस की बेहतरीन अदाकारी के लिए भारत सरकार ने दादा साहेब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया है, हांलाकि यह अवॉर्ड को लेने से एकट्रेस ने मना कर दिया क्योंकि यह अवॉर्ड लेने के लिए सुचित्रा को दिल्ली जाना पड़ता। सुचित्रा ने सिनेमा से किनारा करने का बाद संकल्प लिया था की वह कभी दर्शकों के सामने नहीं आएगी यही वजह थी की वह दादा फाल्के अवॉर्ड को भी लेने से इनकार कर दी थी। यह अवॉर्ड एक बहुत उंचा औदा है जो देश के राष्ट्रपति के हाथों दिया जाता है। दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से महानायक अमिताभ बच्चन को भी 2019 में सम्मानित किया गया था।
हिंदी सिनेमा की महानायिका कही जाने वाली सुचित्रा सेन का जन्म 6 अप्रैल 1931 को हुआ था, एकट्रेस को किवंदंती नायिका के नाम से भी जाना जाता है। जब सुचित्रा सेन 47 वर्ष की थी तब वह आखिरी बार लोगों के बीच नजर आई थी उसके बाद एक्ट्रेस ने खूद को एकांत में इस कदर रखा की उनकी मौत के बाद भी उनका चेहरा कोई देख नहीं पाया। 25 साल तक दर्शकों को अपने खूबसुरती से दिवाना बनाने वाली एकट्रेस सुचित्रा सेन 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। हालांकि आज भी उनके फैंस 47 साल की उम्र की ही झलक अपने दिल में अभी तक बसाए हुए हैं।
सिनेमा की जबरदस्त जोड़ी
सुचित्रा ने अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत 1953 में आई फिल्म सात नंबर कैदी से किया था हालांकि यह फिल्म बॉक्सऑफिस पर बूरी तरह फ्लॉप हुई थी। इस फिल्म के बाद 1951 में सुचित्रा सेन को तरुण मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म एटम बम में एक्स्ट्रा रोल करने का अभिनय मिला हालांकि इस फिल्म को रिलीज 1954 में किया था। 1953 में बनी फिल्म साढ़े चौहत्तर में सुचित्रा सेन दमदार अभिनय किया जो सिनेमाघर में दर्शोकों को खूब पसंद आया। साढ़े चौहत्तर फिल्म में सुचित्रा सेन अभिनेता उत्तम कुमार के साथ पहली बार नजर आई थी,बता दें कि उत्तम कुमार को बंगाली सिनेमा का महानायक कहा जाता है। उत्तम और सुचित्रा की जोड़ी पर्दें पर दर्शकों को खूब पसंद आया। 20 साल तक इस जोड़ी ने दर्शकों को अपने अभिनय से खूब एंटरटेन किया। बतां दें कि महानायिका सुचित्रा सेन ने अपने फिल्मी करियर के 60 फिल्मों में 30 फिल्में बंगाली सिनेमा के महानायक उत्तम कुमार के साथ की थी।
देवदास की पारों बनकर हिंदी सिनेमा में किया डेब्यू
1955 में बिमल रॉय द्वारा निर्देशित फिल्म देवदास से एकट्रेस सुचित्रा सेन ने हिंदी सिनेमा में एक्टिंग की शुरुआत की थी, देवदास फिल्म काफी हिट हुई थी जिसकारण इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। देवदास फिल्म को पहले एक्ट्रेस मीना कुमारी को ऑफर किया गया था हालांकि इस फिल्म को करने के लिए मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही ने कुछ ऐसी शर्ते रख दी थी जो फिल्म के डायरेक्टर को स्वीकार नहीं हुआ जिसके बाद देवदास फिल्म के डायरेक्टर बिमल रॉय ने एक्ट्रेस सुचित्रा सेन को फिल्म के लिए ऑफर दिया।
सुचित्रा हिंदी सिनेमा में डेब्यू करने से पहले बंगाली सिनेमा में उत्तम कुमार के साथ कई सुपरहिट फिल्मों में काम कर चुकी थी। विमल दा ने देवदास में पारो के रोल के लिए सुचित्रा सेन को अप्रोच किया था वही इस फिल्म में चंद्रमुखी के रोल के लिए वैजयंतीमाला को बेस्ट एक्ट्रेस के लिए नेशनल अवॉर्ड दिया जा रहा था हालंकि इस अवॉर्ड को वैजयंतीमाला ने ये कह कर अवॉर्ड को ठुकरा दिया की फिल्म में उनका और एक्ट्रेस सुचित्रा सेन का अभिनय बराबर था।