स्वामी श्रद्धानंद ने 'डांसिंग ऑन द ग्रेव’ का प्रसारण रोकने के लिए भेजा लीगल नोटिस, जानिए आखिर क्या है मामला
Dancing On The Grave: सच्ची घटना पर आधारित पर बनी नई वेब सीरीज 'डांसिंग ऑन द ग्रेव' पर रोक लगाने के लिए स्वामी श्रद्धानंद ने अपील की है साथ ही प्राइम वीडियो को एक लीगल नोटिस भी भेजा है।
Dancing On The Grave :सच्ची घटना पर बनी नई क्राइम डॉक्यूमेंट्री ‘डांसिंग ऑन द ग्रेव’ का प्रसारण रोकने लिए स्वामी श्रद्धानंद ने अपील की है। साथ ही कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री उनके कानूनी अधिकारों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है। आपको मालूम हो कि मुरली मनोहर उर्फ स्वामी श्रद्धानंद को शेकरे नामजी की हत्या का दोषी करार दिया गया था, शीर्ष अदालात ने इस मामले में स्वामी श्रद्धानंद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, वह फिलहाल मध्य प्रदेश के सागर केंद्रीय कारागार में बंद है।
लीगल नोटिस भेज 'डांसिंग ऑन द ग्रेव’ को प्रसारण रोकने को कहा
एक रिपोर्ट के मुताबिक मुरली मनोहर के वकील ने प्राइम वीडियो को एक कानूनी नोटिस भेजा है, इस नोटिस में लिखा है- यह वेब सीरीज मेरे मुवक्किल से संबंध रखता है जिसका मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है, 2014 के रिट याचिका संख्या 66 के तहत आपकी ये सीरीज( 'डांसिंग ऑन द ग्रेव’) कानून का उल्लंघन है जो जज के सामने एक विचाराधीन मामले में मेरे मुवक्किल के कानूनी अधिकारों पर विपरीत प्रभाव डालती है, इसलिए मैं आपको इस कानूनी नोटिस के तहत अपील करता हूं कि कृपया आप अपनी वेब सीरीज का प्रसारण बंद कर दें।
प्रसारण बंद न होने पर होगी लीगल कार्रवाई
स्वामी श्रद्धानंद के वकील के द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस में आगे लिखा गया है कि अगर वेब सीरीज का प्रसार बंद नहीं किया जाएगा तो स्पष्ट निर्देश के तहत उनके खिलाफ अदालत में आपराधिक मामले शुरू किए जाएंगे। इसके साथ ही मुरली मनोहर के वकील ने 55 हजार रुपये राशि की मांग भी की है।
कैसी है 'डांसिंग ऑन दग्रेव’ वेज सीरीज
हाल ही में प्राइम वीडियो पर रिलीज की गई वेब सीरीज डांसिंग ‘ऑन द ग्रेव’ एक सच्ची घटना पर आधारित है, इस क्राइम सीरीज को पैट्रिक ग्राहम ने लिखा और निर्देशित भी किया है। इस वेब सीरीज का सहलेखन कनिष्क सिंह देव ने किया है।
मैसूर की घटना पर आधारित है यह वेब सीरीज
आपको बता दें कि पैट्रिक ग्राहम के डायरेक्शन में बनी वेब सिरीज 'डांसिंग ऑन द ग्रेव’ 1990 में कर्नाटक के मैसूर के तत्कालीन शाही परिवार से ताल्लुक रखती है जो शेकरे नामजी की हत्या पर आधारित है। नामजी को जमीन के अंदर जिंदा दफना दिया गया था इस पूरे मामले में मुरली मनोहर उर्फ स्वामी श्रद्धानंद को शीर्ष अदालत ने दोषी करार दिया था।