वो 'शापित बंगला' बंगला, जिसे खरीदते ही तीन एक्टर बन गए स्टार, फिर इसी आलीशान घर में तबाह हुई थीं तीनों की जिंदगी
पश्चिमि मुंबई के बांद्रा में कार्टर रोड पर स्थित एक ऐसा बंगला था, जिसमें राजेश खन्ना, भारत भूषण और राजेश खन्ना जैसे स्टार ने स्टारडम भी देखा और संघर्ष का दौर भी देखा. 2 स्टार्स की तबाह जिदंगी देखकर तो लोगों ने इसे भूत बंगले का टैग दे दिया था.
पश्चिमि मुंबई के मशहूर उप नगर बांद्रा में एक कार्टर रोड नाम की जगह है। ये जगह आज फिल्मी सितारों के बंगलों के लिए जानी जाती है। इसी रोड पर कभी 'भूत बंगला' के नाम से मशहूर एक घर है, जिसने बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार गढ़ा. इसी सुपरस्टार का नाम है राजेश खन्ना और आज अगर वे जिंदा होते तो 82वां जन्मदिन मनाते. 18 जुलाई 2012 को दुनिया को अलविदा कहने वाले राजेश खन्ना के लिए ये बंगला किसी लॉट्री टिकट से कम नहीं था. ये महज एक इत्तेफाक ही था कि कभी इस बंगले का नाम 'डिंपल' हुआ करता था. लेकिन ये तब की बात है जब राजेश खन्ना और डिंपल एक दूसरे को जानते भी नहीं थे. बाद में इस बंगले का नाम रखा आर्शीवाद और इसकी मालिकिन बनीं डिंपल कपाड़िया. राजेश खन्ना की जिंदगी एक रोलरकोस्टर राइड रही है और शोहरत का वो फलक चूमा जिसका किसी ने कभी सपना भी नहीं देखा था. आज हम आपको बताते हैं 'भूत बंगला' के नाम से मशहूर हुए घर की कहानी जिसने राजेश खन्ना को सुपरस्टार बनाया और खुद पूरी मुंबई में एक पता बन गया.
लगातार 15 हिट देकर रातोंरात सुपरस्टार बन गए राजेश खन्ना
राजेश खन्ना का बंगला हुआ करता था जिसका नाम था आर्शीवाद. लेकिन इस बंगले की आर्शीवाद बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है. राजेश खन्ना से पहले ये बंगला बॉलीवुड के स्टार रहे एक्टर राजेंद्र कुमार के नाम पर था राजेंद्र कुमार हिंदी सिनेमा में पहचान 60 के दशक की शुरुआत में मिलने लगी थी. राजेंद्र कुमार ने साल 1957 में 'मदर इंडिया' और 1959 में 'धूल का फूल' जैसी फिल्में की और काफी नाम कमाया. इस समय राजेंद्र कुमार सांता क्रूज नाम की जगह पर किराए से रहते थे. लेकिन करियर की गाड़ी चल निकलने के बाद अच्छी जगह शिफ्ट होने का मन बना रहे थे. इसी दौरान एक ब्रोकर ने उन्हें कार्टर रोड का एक बंगला दिखाया. ये बंगला समुंद्र की ठंडी हवाओं से भरा रहता था. राजेंद्र कुमार को ये बंगला पसंद आया और उन्होंने 65 हजार रुपयों में इसे खरीद लिया. तब इस बंगले को भूत बंगला के नाम से भी जाना जाता था. लेकिन राजेंद्र कुमार ने इस बंगले का नाम अपनी बेटी के नाम पर 'डिंपल' रखा. इस बंगले को खरीदते ही राजेंद्र कुमार की किस्मत फिर गई और रातों-रात स्टार बन गए. राजेंद्र कुमार जब शोहरत के चरम पर पहुंचे तो उन्होंने एक और घर लिया और वहां शिफ्ट हो गए.
तबाह हो गए थे भारत भूषण
राजेश खन्ना के बंगले आशीर्वाद के बारे में आपने कई किस्से कहानियां सुनी होंगी. इस बंगले को सबसे पहले हिंदी सिनेमा के दिग्गज भारत भूषण ने खरीदा था. यह बंगला कार्टर रोड पर अरेबियन सी के बगल में बना है. इस बंगले में आने के बाद उन्होंने कई बड़ी फिल्में जैसे बैजू बावरा, मिर्जा गालिब, गेटवे ऑफ इंडिया, बरसात की रात जैसी फिल्मों में काम किया. लेकिन इस बंगले में आने के कुछ दिन बाद ही उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं भारत भूषण का स्टारडम खत्म हो गया और वह कर्ज में डूब गए. उनके बेचने के बाद ये बंगला खंडहर दिखने लगा और लोग इसे शापित मानने लगे थे.
यहां से शुरू हुआ राजेश खन्ना का सफर
साल 1960 का दशक खत्म होने जा रहा था और हिंदी सिनेमा में राजेश खन्ना नाम का हीरो छाने लगा था. 1969 में राजेश खन्ना की कामयाबी ने दस्तक दी और फिल्मी दुनिया को हिलाकर रख दिया. लगातार 15 सुपरहिट फिल्में देने वाले राजेश खन्ना ने 1969 में इस बंगले को 3 लाख रुपये में खरीदा था. इस बंगले को खरीदने के बाद राजेश खन्ना ने इसका नाम रखा 'आर्शीवाद'. इस बंगले के खरीदने के बाद ही राजेश खन्ना बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार बने और आर्शीवाद खुद पूरी मुंबई में एक पता बन गया. आर्शीवाद में आने वाले खतों में भी केवल राजेश खन्ना, आर्शीवाद, मुंबई पता लिखा होता था. राजेश खन्ना के लिए ये बंगला काफी लकी साबित हुआ और यहीं उन्होंने डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली. साल 2012 में राजेश खन्ना का निधन हो गया और 2014 में इस बंगले को 90 करोड़ रुपयों में किसी व्यापारी ने खरीद लिया. राजेश खन्ना इस घर को एक संग्रहालय में बदलना चाहते थे.