इस फिल्म की टिकट खरीदने के लिए लगती थी लंबी-लंबी लाइनें और रात में सड़कों पर सो जाते थे लोग

'मुगल-ए-आज़म' ने 65 साल पहले भारतीय सिनेमा को नई दिशा दी और ये आज भी एक क्लासिक फिल्म के रूप में याद की जाती है. टिकट खरीदने के लिए लोगों की लंबी कतारों और फिल्म की भव्यता ने इसे एक ऐतिहासिक घटना बना दिया. रजा मुराद ने कहा कि इस फिल्म का रीमेक कभी नहीं बनना चाहिए.

बॉलीवुड की सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक फिल्मों में से एक, 'मुगल-ए-आज़म' ने 65 साल पहले भारतीय सिनेमा की धारा ही बदल दी थी. इस फिल्म के रिलीज के बाद, ये फिल्म इंडस्ट्री का एक मील का पत्थर बन गई, जिसे आज भी लोग याद करते हैं. के आसिफ द्वारा निर्देशित इस फिल्म में दिलीप कुमार, मधुबाला और पृथ्वीराज कपूर जैसे दिग्गज सितारे थे, जिनकी अदाकारी ने इस फिल्म को अमर बना दिया. 

फिल्म के लिए टिकट की लंबी कतारें

65 साल पहले जब 'मुगल-ए-आज़म' रिलीज हुई, तो ये केवल एक फिल्म नहीं बल्कि एक घटना बन गई थी. फिल्म के टिकट खरीदने के लिए लोग घंटों, बल्कि दिनों तक इंतजार करते थे. रजा मुराद, जो इस फिल्म के प्रमुख कलाकारों में से एक के पिता अली मुराद के बेटे हैं, उन्होंने इस फिल्म से जुड़ी कुछ खास यादों को साझा किया. रजा ने बताया कि जब फिल्म रिलीज हुई थी, तो टिकट खरीदने के लिए लोग दो दिन पहले से ही कतार में लग जाते थे और ये कतार 5 किलोमीटर तक फैली हुई थी.

दो दिनों तक लगी कतार

रजा मुराद ने बाताया कि सोमवार के एडवांस बुकिंग के लिए लोग शनिवार से ही कतार में लग जाते थे. मैं खुद ये सब देखता था, लोग सड़कों पर सोते थे और उनके परिवार वाले उन्हें खाना लाकर देते थे. रजा ने ये भी कहा कि वे भी उस वक्त सोमवार के शो के टिकट के लिए इंतजार करते थे. बॉम्बे सेंट्रल से शुरू होकर ये कतार महालक्ष्मी तक चली जाती थी, जो उस दौर के लिए बेहद चौंकाने वाली बात थी.

'मुगल-ए-आज़म' का रीमेक नहीं होना चाहिए

रजा मुराद ने इस फिल्म के बारे में अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि इस तरह की फिल्मों का कभी रीमेक नहीं बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो कोई भी इस फिल्म का रीमेक बनाने की कोशिश करेगा, वो बुरी तरह विफल होगा. 'मुगल-ए-आज़म' उस समय की भारत की सबसे भव्य फिल्म थी और इसकी शूटिंग के दौरान ही दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच का रिश्ता खत्म हो गया था.

क्यों 'मुगल-ए-आज़म' रही बॉलीवुड की सुपरहिट

'मुगल-ए-आज़म' ने अपने समय की सबसे महंगी फिल्मों में से एक होने के नाते भारतीय सिनेमा की दिशा बदल दी थी. आज के समय में भी ये फिल्म सिनेमा प्रेमियों के बीच एक क्लासिक के रूप में जीवित है. के आसिफ की निर्देशन में बनी इस फिल्म ने ना सिर्फ अपनी भव्यता बल्कि इसके संगीत और एक्टिंग के कारण भी दर्शकों के दिलों में अपनी एक स्थायी जगह बनाई है.

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07 April 2025, 07:15 PM IST

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