इस एक्ट्रेस को बचपन में मिले ताने, मां ने बनाया बॉलीवुड का सुपरस्टार, फिर भी 20 साल नहीं हुई बात!

महज 14 साल की उम्र में इस एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था और 16 साल की उम्र में मिस इंडिया का खिताब अपने नाम किया.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

नूतन हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं. उनकी अभिनय क्षमता ने उन्हें महिला-केंद्रित फिल्मों में खास पहचान दिलाई. चाहे वह 'सुजाता' में उनकी भूमिका हो या 'बंदिनी' में, नूतन ने हर किरदार को बखूबी निभाया. हालांकि, उनकी जिंदगी में कुछ विवाद भी रहे, जिनमें उनकी मां का भी अहम रोल था, जिन्होंने नूतन को बॉलीवुड में स्टार बनाने में मदद की थी. आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से.

नूतन को बदसूरत कहा जाता था

नूतन का जन्म एक मराठी परिवार में हुआ था, उनके पिता कुमारसेन समर्थ फिल्म निर्माता थे और मां शोभना एक अभिनेत्री. नूतन को अपनी जवानी में रंग और शरीर की वजह से ताने सुनने पड़ते थे. एक बार, जब नूतन चार साल की थीं, तब उनकी मां की एक दोस्त ने उन्हें बदसूरत कह दिया था. नूतन ने इस बारे में बताया था, "मुझे याद है कि जब मैं चार साल की थी, तो एक रिश्तेदार ने मुझसे कहा था कि तुम बहुत बदसूरत हो."

कई पुरस्कारों से नवाजी गईं

नूतन ने 1950 में फिल्म 'हमारी बेटी' से बॉलीवुड में कदम रखा, जिसे उनकी मां शोभना ने प्रोड्यूस किया था. इसके बाद नूतन को मिस इंडिया का ताज पहनाया गया और उन्हें स्विस फिनिशिंग स्कूल भेजा गया ताकि वे और अच्छे से तैयार हो सकें. नूतन को फिल्म 'सीमा' के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड मिला था. 'सुजाता', 'कर्मा' और 'बंदिनी' जैसी फिल्मों ने उन्हें उस समय की सबसे बड़ी अभिनेत्रियों में शामिल कर दिया. उनकी सफलता का आलम यह था कि शादी के बाद भी उन्हें फिल्मों के ऑफर आते रहे.

मां पर पैसों के लिए केस किया

नूतन की जिंदगी में एक बड़ा विवाद तब आया जब उन्होंने अपनी मां शोभना के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज किया. नूतन को शक था कि उनकी मां उनके पैसों के साथ कुछ गड़बड़ी कर रही थीं. शोभना ही नूतन के पैसे संभालती थीं, और नूतन ने मां को कोर्ट में खींच लिया. इस मामले के कारण शोभना को कई साल तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़े.

रिश्ते हुए खराब

नूतन ने कहा था कि उनके लिए यह फैसला लेना बहुत मुश्किल था, "मैं जानती थी कि लोग कहेंगे, एक बेटी अपनी मां को अदालत तक कैसे ले जा सकती है, लेकिन मुझे अपनी भविष्य की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना पड़ा." इस मामले के कारण नूतन के रिश्ते अपनी मां और भाई-बहनों से खराब हो गए थे. एक बार, जब नूतन चेन्नई जा रही थीं, तो उन्होंने अपनी बहन तनुजा को उसी फ्लाइट में देखा और फिर उन्होंने अपनी सीट बदल दी. बाद में, जब नूतन की दादी बीमार पड़ीं, तो परिवार को नूतन से मिलना पड़ा और इस प्रकार उनका रिश्ता फिर से ठीक हुआ. 1983 में इस पूरे मामले का हल निकला.

calender
13 January 2025, 04:47 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो