जब अमिताभ ने ठुकराई थी 'द बर्निंग ट्रेन', फिर भी बनी क्लासिक – जानिए कैसे!
एक ऐसी फिल्म, जिसमें 10 बड़े सितारे और एक भरी-भरकम बजट था, फिर भी बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह असफल हो गई। 'द बर्निंग ट्रेन' ने भारी नुकसान उठाया था, लेकिन बाद में टेलीविजन पर आकर क्लासिक फिल्म बन गई। क्या था इस फिल्म का वो खास मोड़, जिसने उसे लोगों के दिलों में एक नई पहचान दिलाई? जानने के लिए पढ़ें पूरी कहानी!
Entertainment: कुछ फिल्मों की कहानी बड़े बजट और स्टार कास्ट के बावजूद दुखद मोड़ पर खत्म होती है, लेकिन कुछ ऐसी भी हैं जो समय के साथ क्लासिक बन जाती हैं। "द बर्निंग ट्रेन" (1980) एक ऐसी ही फिल्म है, जिसने भारी नुकसान उठाने के बाद भी दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई।
फिल्म की असफलता और अमिताभ बच्चन का इंकार
रवि चोपड़ा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उस वक्त के बड़े सितारों का जमावड़ा था – धर्मेंद्र, जीतेंद्र, विनोद खन्ना, हेमा मालिनी, नीतू कपूर, परवीन बॉबी और रंजीत जैसे कलाकार थे। फिल्म में एक्शन, रोमांस और ड्रामा का भरपूर तड़का था, और इसकी कहानी एक रोमांचक ट्रेन दुर्घटना के इर्द-गिर्द घूमती थी। बावजूद इसके, अमिताभ बच्चन ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था। उनके पास तारीखों की कमी थी, जिसके कारण वे इस फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाए।
फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह नाकामी झेली
फिल्म की निर्माण लागत 30 करोड़ रुपये थी, लेकिन जब ये सिनेमाघरों में रिलीज हुई तो ये केवल 6 करोड़ रुपये ही कमा पाई, जिससे फिल्म को भारी नुकसान हुआ। हालांकि, इसके बाद भी ये फिल्म अपनी कड़ी मेहनत और स्टार कास्ट की वजह से चर्चा में बनी रही, लेकिन इसका असली मोड़ तब आया जब इसे दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया। टेलीविजन पर इस फिल्म को अचानक एक नया जीवन मिला और धीरे-धीरे इसे एक कल्ट क्लासिक का दर्जा मिल गया।
फिल्म की कहानी और शूटिंग
"द बर्निंग ट्रेन" की कहानी 1974 की हॉलीवुड फिल्म "द टावरिंग इन्फर्नो" से प्रेरित थी। फिल्म में एक ट्रेन अपनी पहली यात्रा के दौरान दिल्ली से मुंबई के बीच आग पकड़ लेती है। फिल्म को वास्तविकता से जोड़ने के लिए, एक असली ट्रेन में आग लगा दी गई थी और शूटिंग के लिए राजधानी एक्सप्रेस का इस्तेमाल किया गया। पनवेल और बड़ौदा जैसे स्थानों पर रात की शूटिंग की गई ताकि फिल्म को और भी रोमांचक और रियल बनाया जा सके।
फिल्म का ट्रांसफॉर्मेशन और क्लासिक बनना
हालांकि फिल्म ने शुरुआत में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन समय के साथ इसकी सराहना बढ़ी। टेलीविजन पर आने के बाद इस फिल्म को नए दर्शक मिले, और यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे बेहतरीन क्लासिक्स में से एक बन गई। आज भी "द बर्निंग ट्रेन" को उसकी शानदार कास्ट और अलग तरह की कहानी के लिए याद किया जाता है।
इस फिल्म का सफर एक प्रेरणा है, जो बताता है कि कभी-कभी चीजें पहले असफल हो सकती हैं, लेकिन सही समय और सही प्लेटफॉर्म पर उन्हें दूसरा मौका मिल सकता है।