Majrooh Sultanpuri: अपनी जिद के चलते जाना पड़ा जेल; आर्थिक तंगी में काम आया ‘इक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल’ गाना
Majrooh Sultanpuri: बॉलीवुड के चंद दिग्गज गीतकारों में शुमार किए जाने वाले मजरूह सुल्तानपुरी की कहानी बेहद दिलचस्प है. लगभग 50 वर्षों तक फिल्मों में गाने लिखने वाले मजरूह सुल्तानपुरी को अपने करियर की शुरुआत में ही जेल की हवा खानी पड़ गई थी. जानिए आखिर क्यों.
हाइलाइट
- जब मजरूह सुल्तानपुरी अपनी कविताओं के लिए जेल गए थे तो उनके एक गाने की वजह से परिवार को काफी सहारा मिला था. वो गाना था 'सब कुछ बिक जाएगा माटी के मोल'
Majrooh Sultanpuri: मजरूह सुल्तानपुरी उर्दू भाषा के दिग्गज शायर और गीतकारों में शुमार किए जाते हैं. शुरुआती दिनों में मजरूह सुल्तानपुरी सिर्फ मुशायरे पढ़ा करते थे लेकिन बाद में उन्होंने फिल्मों के लिए भी लिखना शुरू कर दिया और फिल्मों में एक से बढ़कर एक गीत लिखे. यहीं से उन्होंने दुनियाभर में अपना अलग पहचान बनाई. आज हम आपको मजरूह सुल्तानपुरी की जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं.
कैसे हुए फिल्मों में एंट्री?
कविताओं के लिए जाना पड़ा जेल, घर की हालत हुई खराब
मजरूह सुल्तानपुरी को उनकी कविताओं के चलते एक बार जेल में डाल दिया गया था. यह बात साल 1949 की है. हालांकि उनसे कहा गया था कि अगर वो माफी मांग लेते हैं उन्हें माफ कर दिया जाएगा लेकिन मजरूह साहब ने माफी मांगने से इनकार कर दिया था. उनके जेल में रहने की वजह से घर की आर्थिक हालत भी बेहद नाजुक हो गई थी. ऐसे हालात में दिग्गज एक्टर राजकपूर साहब ने उन्हें काम दिया और एक गाना लिखवाकर उसका मेहनताना उनके घर भिजवाया. जिससे उनको थोड़ी आर्थिक मदद मिली. यह गाना था, “इक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल”।
मजरूह सुल्तानपुरी के चंद गाने:
मजरूह सुल्तानपुरी के ज़रिए लिखे गए गानों को आज भी बहुत सम्मान की निगाहों देखा जाता है. उनके ज़रिए लिखे गए गानों की लिस्ट नीचे है.
➤ चुरा लिया है तुमने जो दिल को
➤ गुम है किसी के प्यार में
➤ मेरी भीगी-भीगी सी
➤ ओ हंसनी
➤ हमें तुमसे प्यार कितना
➤ क्या हुआ तेरा वादा
➤ बचना ए हसीनो
➤ पत्थर के सनम
➤ कितना प्यारा वादा है