'हमारे पास कोई ठोस सबूत नहीं..', निज्जर हत्या मामले में ट्रूडो का बड़ा बयान
Justin Trudeau: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया कि उनकी सरकार ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत को ठोस सबूत नहीं दि. ट्रूडो का दावा है कि उनके पास इस मामले में भारत की भूमिका के 'विश्वसनीय सबूत' हैं.
Justin Trudeau: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि उनकी सरकार ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत को ठोस सबूत नहीं दिए.
देश की विदेशी हस्तक्षेप जांच से पहले गवाही देते हुए ट्रूडो ने कहा कि कनाडा ने सार्वजनिक रूप से भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाने से पहले केवल खुफिया जानकारी दी और कोई सबूत नहीं दिया.
🚨 Justin Trudeau admits that he didn’t provide India with real proof concerning the assassination of Hardeep Singh Nijjar.
— Suraj Balakrishnan (@SurajBala) October 16, 2024
Trudeau says that Canada only provided intelligence and no proof before publicly accusing India of killing the Khalistani terrorist. pic.twitter.com/uhC7alsz2K
ट्रूडो ने मानी बड़ी बात
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को ओटावा में संघीय चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थानों में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच से पहले गवाही देते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में भारत को ठोस सबूत नहीं दिए हैं.
हमारे पास 'विश्वसनीय सबूत' हैं- ट्रूडो
ट्रूडो ने निज्जर की हत्या से 'भारतीय एजेंटों' को जोड़ते हुए भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, "उस समय यह मुख्य रूप से खुफिया जानकारी थी, कोई ठोस साक्ष्य नहीं." ट्रूडो ने दावा किया कि उनके पास 'विश्वसनीय सबूत' हैं कि भारत ने निज्जर की हत्या में भूमिका निभाई थी.
हमारे पास खुफिया जानकारी- ट्रूडो
ट्रूडो ने कहा कि, "कनाडा ने भारत से सहयोग करने के लिए कहा. उनका (भारत का) अनुरोध सबूत के लिए था. हमने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से आगे की जांच करने और हमारे साथ सहयोग करने के लिए कहा क्योंकि उस समय हमारे (कनाडा) पास खुफिया जानकारी थी."
पीएम मोदी से की थी बात
ट्रूडो ने आगे कहा, "जी20 के अंत में मैंने इसे पीएम मोदी के सामने उठाया और साझा किया कि हम जानते थे कि भारत इसमें शामिल था. उन्होंने बताया कि कनाडा में कई लोग भारत सरकार के खिलाफ बोलते हैं और वह इन लोगों को गिरफ्तार होते देखना चाहते थे." ट्रूडो ने कहा कि जब वह जी20 शिखर सम्मेलन के बाद भारत से कनाडा लौटे, तो "यह स्पष्ट था कि भारत सरकार का दृष्टिकोण हमारी और हमारे लोकतंत्र की अखंडता की आलोचना करना था."