शुगर की बीमारी जिसे डायबिटीज भी जाता है, आमतौर पर आनुवांशिक औऱ अनियमित जीवनशैली के चलते होती है। दुनिया में तेजी से शुगर के बढ़ते मरीजों की संख्या इस बात की गवाह है कि खान पान के चलते ये बीमारी तेजी से पैर पसार रही है। आमतौर पर शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए सही खान पान और परहेज को प्राथमिकता दी जाती है। इस बीमारी में मीठा खासतौर पर विलेन का काम करता है। शुगर के मरीज इस बात को लेकर अक्सर भ्रम में रहते हैं कि क्या खाया जाए और क्या ना खाया जाए। ऐसे में मैग्नीशियम की खान कहा जाने वाला केला शुगर में फायदा करेगा या नुकसान, इस बात को लेकर काफी सवाल पूछे जाते हैं।
चलिए जानते हैं कि शुगर की बीमारी में केला खाना चाहिए या नहीं। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि किसी भी शुगर की बीमारी में किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले उसके भीतर मौजूद ग्लाइसेमिक इंडेक्स कितना है, ये जानना जरूरी हो जाता है। इसे GI इंडेक्स कहते हैं। अगर किसी खाद्य पदार्थ में जीआई इंडेक्स अगर शुगर के लिहाज से कम है तो शुगर के मरीज उसका संतुलित मात्रा में यूज कर सकते हैं।
केले की बात करें तो केले में मैग्नीशियम, फाइबर और विटीमिन्स भरपूर मात्रा में होते हैं। शुगर के मरीज केला खा सकते हैं लेकिन इससे पहले उनको ये चैक करना होगा कि उनका शुगर लेवल कितना है। चूंकि केले का जीआई स्कोर कम होता है इसलिए शुगर मरीज द्वारा ज्यादा पके की बजाय कच्चे या हल्के पके केले का सेवन किया जा सकता है।
दूसरी बात कि केले में फ्रुक्टोज यानी फलों से मिलने वाला शुगर भी कम होता है इसलिए शुगर के मरीज केला खा सकते हैं। लेकिन जब उनका ब्लड शुगर बढ़ा हो तो उन्हें केले का सेवन नहीं करना चाहिए।
केले का कितना सेवन सही
जिन मरीजों का शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है वो हफ्ते में दो या तीन बार केला खा सकते हैं। इससे ज्यादा केला खाने पर शुगर का लेवल बढ़ सकता है जिससे मरीज को परेशानी हो सकती है। लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा पका केला नहीं खाना चाहिए क्योंकि ज्यादा पकने पर केले का जीआई स्तर बढ़ जाता है। कच्चे केले का जीआई स्तर 30 होता है जबकि पके केले का जीआई स्तर 50 होता है। इसलिए शुगर के मरीजों के लिए कच्चा या बिलकुल हल्का पका केला खाना सही रहता है।
सुबह खाएं या शाम को
शुगर मरीजों के लिए केला खाने का सही समय है ब्रेकफास्ट। चूंकि केले में भरपूर फाइबर होता है। इसलिए इसका सुबह के वक्त सेवन करने से इसे पचने में आसानी होती है और पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है। First Updated : Tuesday, 31 January 2023