तांबे के बर्तन का पानी है फायदेमंद लेकिन भूलकर भी न करें ये गलतियां
आपको बता दें आयुर्वेद में माना गया है कि तांबे के बर्तन में रखा गया पानी पीने से हमारे शरीर में वात और पित्त तथा कफ का संतुलन बना रहता है। जो शरीर को तमाम रोगों से बचाता है। लेकिन छोटी सी गलती से फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है
आपको बता दें आयुर्वेद में माना गया है कि तांबे के बर्तन में रखा गया पानी पीने से हमारे शरीर में वात और पित्त तथा कफ का संतुलन बना रहता है। जो शरीर को तमाम रोगों से बचाता है। लेकिन छोटी सी गलती से फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है।
तांबे के पानी के फायदे -
तांबे के बर्तन में पानी पीने का चलन आज से नहीं है बल्कि बर्षों पुराना है। आयुर्वेद के अनुसार इससे वात और पित्त तथा कफ का संतुलन बना रहता है।
7 से 8 घंटे रखें पानी -
तांबे के बर्तन का पानी चार्जड वाटर कहलाता है। इसे पीने के लिए कम से कम 7 से 8 तक बर्तन में ही रखकर छोड़ दें।
कहां रखें तांबे का बर्तन -
जिस तांबे के बर्तन में पानी रखा है उसे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। बर्तन को लकड़ी के पाटे या मेज पर रखें।
सुबह खली पेट पिएं पानी -
सुबह उठते ही खली पेट इस पानी को घूंट-घूंट करके पिएं। इसके सेवन से पाचन ठीक होता है।
ऐसे लोग न पिएं तांबे का पानी -
जो लोग एसिडिटी के मरीज हैं। वे कभी इस पानी को न पिएं। चार्ज होने के बाद तांबे के पानी की तासीर गर्म हो जाती है।
किडनी या हार्ट के मरीज न करें सेवन -
यदि किडनी या हार्ट के मरीज हैं तो इस पानी का सेवन करने से आपको परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए इसको पीने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
पेट की समस्याओं को करें दूर -
तांबे का पानी पेट की आंतों में जमा गंदगी को भी साफ कर देता है। साथ ही गैस और एसिडिटी जैसी पेट संबंधी कई समस्या से छुटकारा दिलाता है।