शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर मिलते हैं ये संकेत, जानिए स्वस्थ व्यक्ति में कितना हीमोग्लोबिन होना चाहिए

शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला प्रोटीन हीमोग्लोबिन कहलाता है. इसकी कमी से शरीर में एनीमिया हो जाता है जो कई अन्य बीमारियों का कारण बन जाता है।

यूं तो शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए हमें सभी तरह के खनिज और विटामिन्स आदि की जरूरत पड़ती है। लेकिन जब इन पोषक तत्वों की शरीर में कमी हो जाती है तो सबसे पहले शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। हीमोग्लोबिन यानी रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला जरूरी प्रोटीन है जिसकी कमी से शरीर में सबसे जरूरी खून की कमी हो जाती है। इसलिए शरीर को सही तरीके से चलाने और उसे स्वस्थ रखने के लिए हीमोग्लोबिन का पर्याप्त मात्रा में होना और सही तरह से बनना जरूरी बताया गया है। अगर शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए तो शरीर एनीमिया नामक बीमारी का शिकार हो जाता है। एनीमिया कई बार इतना गंभीर हो जाता है कि मरीज की जान तक चली जाती है। इसलिए हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन होना जरूरी है। 
 
क्या है हीमोग्लोबिन और क्यों है ये शरीर के लिए जरूरी- 
 
हीमोग्लोबिन वो प्रोटीन है जो हमारे शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। ये कोशिकाएं शरीर के हर अंग को ऑक्सीजन पहुंचाती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालती हैं। अगर शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाए तो शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन पहुंचाने के काम में दिक्कत आती है और कार्बन डाइऑक्साइड भी सही से बाहर नहीं निकल पाती। अगर शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए तो शरीर में एनीमिया हो सकता है औऱ एनीमिया शरीर में अर्थराइटिस, किडनी और कैंसर जैसी बीमारियों का जरिया बन सकता है।
 
हीमोग्लोबिन की कमी पर मिलते हैं ये संकेत - 
 
हीमोग्लोबिन यूं तो हर व्यक्ति में उसके शरीर और उम्र के हिसाब से होता है। लेकिन अगर शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए तो डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि हीमोग्लोबिन कम होने के संकेत पहचान लिए जाएं. इसके सबसे पहले संकेतों में से एक है कमजोरी आना। इसके साथ ही व्यक्ति को थकान होने लगती है, सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, सिर चकराता है औऱ चक्कर आने लगते हैं। दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है, कभी काफी तेज हो जाती है तो कभी काफी धीमी चलने लगती है। आंखें और नाखून पीले पड़ने लगते हैं। सिर में दर्द रहना भी हीमोग्लोबिन की कमी का एक संकेत है। ऐसे में छाती में भी दबाव बना रहता है। ऐसे व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं और कमजोर होने लगते हैं। कुछ काम करने का मन नहीं करता और शरीर हमेशा थका थका रहता है। ध्यान केंद्रित या फोकस करने में काफी दिक्कत आती है और हर वक्त घबराहट बनी रहती है।
 
किस व्यक्ति में कितना खून होना चाहिए- 
 
शरीर में खून और हीमोग्लोबिन को लेकर उम्र और लिंग के हिसाब से कुछ मानक तय किए गए हैं। मानक के हिसाब में वयस्क पुरुषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 13.5-17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होती है। जबकि महिलाओं में हीमोग्लोबिन का लेवल 12.0 - 15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर के हिसाब से होता है। महिलाओं में प्रेग्नेंसी और मासिक धर्म के समय में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। उम्र के लिहाज से बुजुर्गों में भी हीमोग्लोबिन कम होता है। 
 
इन फूड्स के सेवन से बढ़ जाएगा शरीर में हीमोग्लोबिन - 
 
अगर शरीर में खून की कमी हो रही है और हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो रहा है तो आप डाइट में कुछ सुपरफूड को शामिल करके हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ा सकते हैं। आपको अपनी डाइट में आयरन युक्त फूड्स जैसे चिकन, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे और डेयरी उत्पादों को शामिल करना चाहिए। 
 
चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और मेथी, ब्रोकोली, गाजर, टमाटर, बीन्स औऱ कद्दू के बीज आदि को डाइट में शामिल करना चाहिए। फलों की बात करें तो संतरा, पका अमरूद, केला, आंवला, जामुन, अंजीर, अनार, सेब ढेर सारा आयरन होता है जो शरीर  में हीमोग्लोबिन बढ़ाता है। 
 
सूखे मेवे आयरन का सबसे बेहतरीन सोर्स कहे जाते हैं। सूखे मेवे में काजू, बादाम, अखरोट, पिस्ता, सूखी किशमिश और खजूर से भी शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी पूरी कर सकते हैं। इसके अलावा तिल, गुड़ और मूंगफली में भी ढेर सारा आयरन पाया जाता है जो आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाता है।
 
तुलसी की पत्तियों को रोज चबाने से भी शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
अगर आप दाल, चना, मूंग, मोठ आदि को अंकुरित करके इनका सेवन करते हैं तो आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी पूरी होती है।
calender
29 March 2023, 11:23 AM IST

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