थकान दूर करके रिफ्रेश करती है चाय की चुस्की, लेकिन ज्यादा चाय पहुंचा सकती है ये नुकसान

चाय के दीवाने दुनिया भर में हैं। लोगों की नींद चाय के साथ खुलती है औऱ चाय दिन में कई बार पी जाती है। मेहमानों के लिए भी चाय सबसे बढ़िया पेय है। ये रहे चाय के फायदे औऱ नुकसान।

healthचाय का नाम आते ही जेहन में चाय की प्याली उभर  आती है। भारतीयों की बात करें तो भारतीय चाय की ऐसी मछली हैं जो चाय के बिना रह नहीं पाते। अस्सी फीसदी भारतीयों  की सुबह चाय के साथ शुरू होती है और शाम भी चाय के साथ ही गुलजार होती है। चाय के सेहत को बहुत सारे फायदे होतें हैं जैसे ये मूड रिफ्रेश करती है, नींद भगाती है, थकान दूर करने के साथ  साथ इंस्टेंट एनर्जी देती है।  इसके साथ  साथ  चाय स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद है.  लेकिन जैसे हर चीज के साइड इफेक्ट होते हैं, हरदिल अजीज चाय के भी कुछ  साइड इफेक्ट हैं. इसका ज्यादा सेवन  आपको फोकस की कमी, डिहाइड्रेशन और पेट की बीमारियों से परेशान कर सकता है। चलिए जानते हैं कि चाय के शरीर को क्या फायदे मिलते हैं, और इसके क्या नुकसान हैं। इसके साथ ही जानेंगे कि एक दिन में कितने कप चाय पीना  सेहत के लिए सुरक्षित हो सकता है।

 
चाय के फायदे 
चाय एक बेहतरीन एनर्जी ड्रिंक है जो सेहत के लिए किसी औषधि से कम काम नहीं करती है। चाय में ढेर सारी ऊर्जा के साथ साथ आयरन, कार्ब्स, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर और ढेर सारा फोलेट होता है। चाय में कैफीन के साथ  साथ राइबोफ्लेविन और थियोब्रोमाइन भी होता है जो सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। कैफीन की बात करें  तो कैफीन इंस्टेंट एनर्जी देता है, नींद, थकान उतारने में इसका बहुत बड़ा हाथ है, ये कार्यक्षमता बढ़ाता है औऱ ताजगी लाता है। 
 
चाय का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये सिर दर्द भगा देती है. इसके भीतर पाई जाने वाली कैफीन सिर दर्द में काफी आराम देती है और सिर दर्द ठीक हो जाता है। इसके अलावा चाय में पाए जाने वाले ढेर सारे एंटी ऑक्सिडेंट ऑक्सिडेटिव तनाव को दूर करने में मददगार साबित होते हैं।
 
बिना चीनी यानी बिना मीठे की चाय शुगर में फायदा करती है। दरअसल चाय इंसुलिन की एक्टिविटी बढ़ाती है जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। ग्रीन टी, ब्लैक टी और ओलोंग टी को डायबिटीज की बीमारी में लाभकारी कहा गया है।
 
अर्थराइटिस में फायदा करती है चाय 
रूमेटाइड अर्थराइटिस में चाय का सेवन काफी फायदा करता है। दरअस इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर में जोड़ों में दर्द, कठोरता और सूजन बनी रहती है। ऐसे में चाय में मौजूद एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण जोड़ों के दर्द, सूजन और कठोरता को दूर करने में लाभकारी सिद्ध होते हैं। गठिया की बीमारी में ग्री टी का सेवन काफी मददगार साबित हो सकता है। 
 
दिल के लिए अच्छी है चाय की चुस्की 
चाय को दिल के लिए काफी अच्छा बताया गया है। दरअसल इसमें पाए जाने वाले एंटी ऑक्सिडेंट हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करके सीरम में लिपिड की मात्रा को नियंत्रित करते हैं जिससे दिल की बीमारी के जोखिम कम होते हैं। चाय में कोलेस्ट्रोल भी ना के बराबर होता है औऱ दिल के रोगियों के लिए कम मीठी चाय या फिर ग्रीन टी का सेवन काफी लाभ करता है। 
 
कैंसर के जोखिम कम करती है चाय 
चाय में ढेर सारे एंटी ऑक्सिडेंट पाए जाते  हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स और कैंसर फैलाने वाली कोशिकाओं को खत्म करते हैं। इसके अलावा चाय में पाए जाने वाले पॉलीफेनॉल्स शरीर में  ट्यूमर कोशिकाओं को फैलने से रोकने में हेल्प करते हैं। 
 
त्वचा को जवां बनाती है चाय 
चाय त्वचा को जवां बनाने के लिए भी काफी बड़ी भूमिका निभाती है। खासकर  ग्रीन टी और व्हाइट टी में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल (कैटेचिन)  एंटी ऑक्सीडेंट त्वचा की कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते है। ब्लैक टी की बात करें तो इसमे पाया जाने वाला थिएफ्लेविन त्वचा का असमय आने वाली झुर्रियों से बचाव कर सकता है। 
 
एक दिन में कितनी चाय पीना है सही
चाय सेह को कई तरह से फायदा करती है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप दिन में आठ या दस चाय पी जाएं। चाय का फायदा तभी मिलता है जब इसमें लिमिट में पिया जाए। इस पर कई तरह के शोध और अध्ययन हो चुके हैं और इसके बाद ये कहना सही होगा कि एक दिन में दो से तीन कप चाय काफी होती है। इससे ज्यादा चाय पीने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
 
चाय के नुकसान 
ज्यादा चाय पीना शरीर  को कई बीमारियों और दिक्कतों का शिकार बना सकता है। चाय में भरपूर कैफीन होता है और इसकी वजह से इसके ज्यादा सेवन से पेट से जुड़ी समस्याएं सिर उठा लेती हैं। पेट की परेशानियां जैसे एसिडिटी, पेट में दर्द, अफारा, मरोड़  और सीने में जलन।
अगर ज्यादा चाय पीते हैं तो शरीर  में पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन हो सकता है।
चाय का ज्यादा सेवन करने से ब्लड प्रेशऱ बिगड़ सकता है।
ज्यादा चाय पीने से आपको नींद की परेशानी हो सकती है.  ऐसे में नींद का पैटर्न बिगड़ जाता है औऱ नींद की कमी हो जाती है। 
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29 March 2023, 04:54 PM IST

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