लाइफस्टाइल से जुड़े वो कारण जिनकी वजह से कम हो जाती है महिलाओं की प्रजनन क्षमता
नए दौर में शारीरिक कारणों के साथ साथ कुछ औऱ कारण हैं जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को कम करते जा रहे हैं। इनमें अनियमित लाइफस्टाइल और गलत खानपान के साथ साथ बढ़ता मोटापा भी शामिल है।
मां बनना लगभग हर महिला का सबसे बड़ा सपना कहलाता है. लेकिन बदलते दौर में महिलाओं की प्रजनन क्षमता ना केवल कमजोर होती जा रही है बल्कि इसके लिए निर्धारित उम्र में भी काफी बदलाव आ गया है. नए दौर में बदलती जीवनशैली, बदलता खान पान, आदतें और कई अन्य कारण हैं जो महिलाओं की प्रजनन क्षमता को कमजोर कर रहे हैं. इन कारणों की वजह से फर्टिलिटी रेट घट रहा है। 2016 की सेंसस रिपोर्ट कहती है कि पिछले दस सालों में महिलाओं की प्रजनन क्षमता 21 फीसदी घट गई है जो वाकई चिंताजनक कहा जा सकता है। ऐसे में वो महिलाएं जो गर्भधारण करना चाह रही हैं या फिर कंसीव करने की तैयारी कर रही हैं, उनको प्रजनन क्षमता को जोखिमों के बारे में पता होना चाहिए।
करियर और ज्यादा उम्र में शादी
करियर की चाह में आजकर महिलाएं देर से शादी करने का फैसला कर रही हैं। करियर बनने के साल और उसके बाद नई नौकरी के सेट होने के इंतजार में औरतें देर से शादी कर रही है और फिर देर से ही फैमिली बढ़ाने के बारे में सोचना महिलाओं की उम्र को 35 के पार ले जा रहा है। इस उम्र में फर्टिलिटी रेट काफी कम हो जाता है। इस उम्र में आकर गर्भधारण करना एक रिस्की टास्क है जो कई बार पूरा नहीं हो पाता।
अनियमित लाइफस्टाइल
धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन, कैफीन का ज्यादा सेवन और अनहैल्दी डाइट के चलते महिलाओं का फर्टिलिटी रेट तेजी से घटा है। ये वो कारण हैं जो महिलाओं के आधुनिकीकरण से जुड़े हैं लेकिन कई स्तर पर ये कारण प्रजनन क्षमता पर असर डालते हैं। ज्यादा धूम्रपान करने वाली और ज्यादा अल्कोहल लेने वाली महिलाओं को गर्भधारण में काफी दिक्कत आती है।
कम पोषण वाला भोजन
महिलाएं भागदौड़ के चलते अपनी डाइट पर सही से ध्यान नहीं दे पा रही हैं। वो पोषक डाइट की बजाय अनहैल्दी डाइट ले रही है जिससे उनकी गर्भधारण की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। जंक फूड का ज्यादा सेवन, ज्यादा मीठा खाना, तला भुना औऱ मसालेदार भोजन खाने से ओव्यूलेशन में दिक्कत होती है। वहीं अगर भोजन में पर्याप्त प्रोटीन और मिनरल्स मिलें तो महिलाओं की फर्टिलिटी बढ़ती है। महिलाओं को गर्भधारण क्षमता में मजबूती लाने के लिए एंटीऑक्सिडेंट युक्त डाइट अपनानी होगी जैसे ढेर सारे फल, हरी और पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे, साबुत अनाज और ढेर सारा तरल पेयर और पानी।
मोटापा
नए जमाने में मोटापा बीमारी कम बल्कि बीमारियों को आमंत्रित करने वाला फैक्टर ज्यादा बन चुका है। मोटापे की वजह से महिलाओं का फर्टिलिटी रेट काफी गिरा है। इसकी वजह है अनियमित खान पान और एक्सरसाइज की कमी। इसलिए महिलाओं की प्रजनन क्षमता तेजी से कमजोर होती जा रही है।
गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
फैमिली प्लानिंग के नाम पर शादी के बाद गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से भी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में महिलाएं चाह कर भी बाद में गर्भधारण नहीं कर पाती।
तनाव और नींद का गलत पैटर्न
कामकाज और परिवार के प्रेशर में महिलाएं ज्यादा तनाव ले रही हैं जिसके चलते उनको गर्भधारण में दिक्कत आती है। आपको बता दें कि ज्यादा तनाव लेने वाली महिलाओं में कोर्टिसोल बढ़ता है जिसके चलते शरीर में हॉर्मोन्स के बीच असंतुलन पैदा होता है और गर्भधारण करने में दिक्कत आती है। दूसरी तरफ मोबाइल और बिजी लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं के सोने का पैटर्न काफी बिगड़ गया है। ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक के शोधकर्ताओं के अनुसार महिलाएं देर रात तक जाग रही है जिसके चलते उनकी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है और उनके गर्भधारण में दिक्कत आती है।
एक्सरसाइज और फिटनेस की कमी
डेली एक्सरसाइज करना आज के जमाने में बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल लोगों के पास एक्सरसाइज का समय नहीं है और यही कारण है कि सही तौर पर शारीरिक एक्टिविटी ना होने के कारण महिलाओं का फर्टिलिटी रेट कम हो रहा है। देखा जाए तो नियमित रूप से एक्सरसाइज करने पर ना केवल फिटनेस बढ़ती है बल्कि शरीर के हॉर्मोन्स भी संतुलित होते हैं जिससे फर्टिलिटी रेट बढ़ता है।