yoga for thyroid: थायराइड में राहत दिलाएंगे ये कारगर योगासन, साथ में मिलेंगे अन्य फायदे भी

थायराइड की समस्या में दवा खाने के साथ साथ अगर नियमित रूप से योगासन किए जाएं तो जल्द ही इस बीमारी में लाभ होता है. योग की मदद से थायराइड की दिक्कत सुलझाई जा सकती है।

Vineeta Vashisth
Vineeta Vashisth
थायराइड आजकल एक आम बीमारी है. थायराइड दरअसल गर्दन में पाई जाने वाली एक ग्रंथि है जो बॉडी में मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने का काम करती है। इतना ही नहीं ये ग्रंथि हमारे दिल, हड्डियों, मांसपेशियों  के साथ साथ शरीर में कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करती है.  इस ग्रंथि से दो तरह के हॉर्मोन बनते हैें. पहला टी3 यानी ट्राईआयोडोथायरोनिन और दूसरा टी4 यानी थायरॉक्सिन. जब कुछ कारणों से ये हॉर्मोन ऊपर नीचे होते हैं तो शरीर में कई तरह की दिक्कतें आने लगती है. जैसे वजन ज्यादा या बहुत ही कम हो जाना। इसके अलावा इस बीमारी का दूसरे कई अंगों पर भी असर पड़ता है। यूं तो थायराइड में दवा काम आती है लेकिन योग करके भी इस समस्या में आराम पाया जा सकता है। आज हम आपको बता रहे हैं हाइपोथायरायडिज्म में राहत पाने के लिए योग किस तरह काम आ सकता है। 
 
आपको बता दें कि नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई - NCBI) के एक मेडिकल शोध में कहा गया है कि अगर छह माह तक नियमित रूप से योगासन किए जाएं तो शरीर में सीरम थायराइड स्टिम्युलेशन हॉर्मोन यानी टीएसएच की अवस्था में काफी सुधार हो सकता है. इसके साथ ही योगासन करने से हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों में थायरोक्सिन की नीड को कम करने  में भी हेल्प मिलती है जिससे थायराइड की परेशानी में लाभ मिलता  है।
 
मतस्यासन
ये योगासन हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों के लिए काफी कारगर सिद्ध हो सकता है क्योंकि इसे करते समय शरीर मछली की शेप में आ जाता है। इस योगासन की मदद से थायराइड ग्रंथि के रक्त संचार बढ़ता है और थायराइड में आराम मिलता है। इतना ही नहीं इस योगासन को करने से गले के तनाव को कम करने में मदद मिलती है जिससे थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित किया जाना आसान हो जाता है और थायराइड में आराम मिलता है।
 
बालासन
थायराइड की समस्या में बालासन को भी एक शानदार आसन कहा गया है. इस आसन की मदद से गर्दन में रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और इसकी मदद से थायराइड ग्रंथि उत्तेजित होती है, जिससे हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में काफी सुधार हो सकता है। इस आसन की मदद से दिमागी तनाव में रहात मिलती है और इतना ही नहीं इस आसन को करने से कमर, पीठ और रीढ़ की हड्डी को भी फायदा मिलता है।  

सर्वांगासन
इस योगासन से हाइपोथायरायडिज्म को काफी फायदा पहुंचता है. ये योगासन पूरी बॉडी में खिंचाव लाने में मददगार साबित होता है। इतना ही नहीं इसकी मदद से गर्दन वाले भाग में ब्लड सर्कुलेशन सही होता है जिससे थायराइड ग्रंथि को तेज किए जाने में मदद मिलती है. ऐसे में देखा जाए तो सर्वांगासन थायराइड के मरीजों के लिए एक अच्छा योगासन साबित हो सकता है।
 
सेतु बंधासन
सेतु बंधासन थायराइड में काफी मददगार साबित हो सकता है क्योंकि इसकी मदद से गर्दन में रक्त संचालन तेज होता है औऱ थायराइड ग्रंथि उत्तेजित होती है। इस योग की मदद से थायराइड की ग्रंथि बेहतर तरीके से काम करने में सफल होती है। 
 
भुजंगासन
भुजंगासन यानी सांप की तरह ऊपर की ओर मुंह उठाकर किया जाने वाला आसन. इस आसन को कोबरा पोज भी कहते हैं। आपको बता दें कि भुजंगासन को नियमित रूप से करने पर थायराइड ग्रंथि को एक्टिव किया जा सकता है। इस आसन से थायराइड ग्रंथि की मसाज हो सकती है जिससे वो उत्तेजित होती है और फलस्वरूप थायराइड से संबंधी दिक्कत ठीक होने के आसार बन सकते हैं.  इस आसन की मदद से गले में रक्त का संचालन भी बढ़ता है।  
 
हलासन
थायराइड में आराम पाने के लिए और थायराइड ग्रंथि को अच्छी् तरह से काम करने के लिए हलासन काफी कारगर साबित हो सकता है। इसे करने से गले में रक्त संचालन तेज होता है. देखा जाए तो हलासन थायराइड की दिक्कत से निपटने के लिए एक शानदार आसन साबित हो सकता है क्योंकि ये आसन थायराइड ग्रंथि की कार्य प्रणाली को मजबूत और तेज करता है. 
 
धनुरासन
धनुरासन की मदद से ना केवल गर्दन में रक्त का संचालन तेज होता है बल्कि इसकी मदद से थारयाइड के चलते होने वाली कब्ज में भी आराम मिलता है। इसकी मदद से थायराइड ग्रंथि तेजी से काम करती है और एक्टिव रहती है.  एक शोध के अनुसार धनुरासन को नियमित रूप से किया जाए तो हाइपोथायराइड की वजह से होने वाली पाचन संबंधी दिक्कतों को काबू किया जा सकता है। इस योग को सहायक माना जा सकता है।
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13 March 2023, 02:16 PM IST

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