Frozen Shoulder: क्यों होती है फ्रोजन शोल्डर की समस्या, कंधे की अकड़न दूर करने के लिए करें ये बेस्ट एक्सरसाइज

फ्रोजन शोल्डर कंधे की बहुत ही आम समस्या है जो 40 साल के बाद अक्सर लोगो को हो जाती है. इसमें कंधे में बहुत दर्द के साथ साथ सूजन और जकड़न हो जाती है और इसमें कंधा हिलाना मुश्किल हो जाता है।

Vineeta Vashisth
Vineeta Vashisth
शरीर के सही तरह के संचालन के लिए मजबूत कंधे बहुत काम आते हैं।  दिन भर की मूवमेंट हम कंधों की मदद से ही कर पाते हैं। ऐसे में अगर कंधे में दर्द के साथ जकड़न महसूस हो तो कंधे की मूवमेंट में दिक्कत आने लगती है। इस स्थिति में कई बार दर्द के साथ साथ सूजन और जकड़न इतनी बड़ जाती है कि कंधा मूव करना तो दूर कई बार हिलाना तक दूभूर हो जाती है। इसे कंधे की जकड़न यानी फ्रोजन शोल्डर कहते हैं। एक्सपर्ट कहतें है कि 40 साल के बाद ये दिक्कत ज्यादा परेशान करती है और पुरुषों की अपेक्षा ये महिलाओं को ज्यादा होती है। फ्रोजन शोल्डर कई वजहों से हो सकता है, जैसे रोटेटर कफ में चोट लगने के कारण, सर्जरी के कारण, एक ही पोजिशन में ज्यादा देर तक कंधा रखने के कारण, कंधे को बहुत ज्यादा रेस्ट देने के कारण, हाथ टूटने या कंधे में चोट के कारण, कंधे में फ्रेक्चर के कारण या एक ही कंधे पर ज्यादा प्रेशर देने के कारण भी ये परेशानी हो सकती है। 
 
फ्रोजन शोल्डर कैसे होता है
डॉक्टर कहते हैं कि कंधे के जोड़ों में कंधे के ज्वॉइंट्स  को मूव करने वाला एक कैप्सूल होता है। इसकी वजह से कंधा आगे पीछे, ऊपर नीचे कई तरह से मूव कर पाता है। कुछ वजहों से जब ये कैप्लूस सख्त हो जाता है या फूल जाता है तो कंधे की मूवमेंट खत्म हो जाती है और कंधा मूव करने में दर्द होने लगती है। इससे कंधे में सूजन भी आ जाती है और कंधा हिलाने में बेतरह दर्द होता है। 
 
फ्रोजन शोल्डर का इलाज
फ्रोजन शोल्डर के लिए यूं तो फिजियोथैरेपी बेस्ट इलाज कहा जाता है। हालांकि स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर सर्जरी की जाती है लेकिन अगर शुरूआती दौर में ही एक्सरसाइड किया जाए तो फ्रोजन शोल्डर की समस्या 12 से 18 माह में खुद ब खुद ठीक हो जाती है। फ्रोजन शोल्डर की समस्या एकाएक ठीक नहीं हो सकती। इसके लिए दवा से ज्यादा फिजियो थैरेपी और एक्सरसाइज ज्यादा फायदेमंद साबित होती हैं। दर्द और सूजन को कम करने के लिए दवा खाई जा सकती है लेकिन अगर कंधे की जकड़न को समाप्त करना है तो एक्सरसाइज बेस्ट ऑप्शन है।
 
फ्रोजन शोल्डर तीन चरण में होता है। पहला चरण फ्रीजिंग स्टेज होता है, इसमें कंधा जाम होने लगता है, रात के समय दर्द बढ़ जाता है। दूसरा चरण फ्रोजन स्टेज कहलाता है, इसमें कंधा काफी दर्द करता है इसे हिलाने में भी दर्द होता है, इस स्टेज में एक महीना लगता है। तीसरी स्टेज है थोइंग स्टेज, इस स्टेज में थैरेपी की मदद से कंधे का दर्द कम होने लगता है, लेकिन एकाएक दर्द बढ़ता और घटता है।। 
 
मरीज को चाहिए कि फ्रोजन शोल्डर होने पर कंधे को ज्यादा आराम देने की बजाय एक्सरसाइज पर ध्यान दे। दर्द तो होगा लेकिन कंधे की मूवमेंट बनी रहेगी। मरीज को कंधे के दर्द को कम करने के लिए मौसम के अनुसार हीट और आइस पैक का नियमित इस्तेमाल करना चाहिए। इससे सूजन और दर्द में आराम मिलता है। सही एक्सरसाइज करने से फ्रोजन शोल्डर में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती। सोने के पैटर्न में बदलाव लाकर आप राहत पा सकते हैं। जैसे यदि आप  पीठ के बल लेटकर सोते हैं, तो आपको फ्रोजन शोल्डर के नीचे एक तकिया रखना होगा, ताकि आपके हाथ के उस हिस्से को आराम मिल सके। 
 
फ्रोजन शोल्डर के लिए कारगर एक्सरसाइज
 
1- अराउंड द वर्ल्ड
ये एक्सरसाइज फ्रोजन शोल्डर में काफी आराम देती है और इससे कंधे की काफी सही मूवमेंट होती है। सबसे पहले पेट के बल जमीन पर लेट जाइए। अब दोनों बांहें ठीक सामने की ओर ले जाइए और इस  स्टेज में आपके पैर पीछे की ओर तने रहने चाहिए। अब अपने दोनों हाथों के साथ  अपने पैरों, सिर और छाती को मैट से ऊपर की ओर उठाइए। इसके बाद दोनों हाथों को इस तरह घुमाइए कि लगे कि आप पीछे की तरफ एक राउंड बना रहे हैं। ऐसा करते समय अपने कंधे को मूव करते हुए कंधे की हड्डी को घुमाइए औऱ  हाथ को उलटी दिशा से गोला बनाते हुए चलाते रहिए। शुरू में पा्ंच बार इसे करिए और बाद में इसे दस बार करिए, इससे कंधे की मूवमेंट आसान हो जाएगी। 
 
2- नेक ट्विस्ट
फ्रोजन शोल्डर के दर्द और अकड़न को कम करने के लिए ये एक्सरसाइज काफी लाभकारी सिद्ध हो सकती है। सबसे पहले सीधे बैठकर गर्दन को बाएं से दाएं और फिर दाएं से बाएं की ओर घुमाना चाहिए। इस दौरान आपके कंधे आपको कानों से काफी दूर रहे, ये सुनिश्चित कर लीजिए। इसी तरह गर्दन को बाएं से दाएं और दाएं से बाएं करीब बीस से तीस बार घुमाइए औऱ फिर रिलेक्स छोड़ दीजिए। दिन में इसे करीब तीन से चार बार किया जा सकता है। 
 
3- शोल्डर रोटेशन
ये बहुत ही आसान एक्सरसाइज है, इसे दिन में तीन से चार बार करना चाहिए ताकि कंधे का मूवमेंट बढ़ सके। सबसे पहले रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखते हुए बैठ जाइए। अब अपने दोनों कंधों को बाहर से अंदर की ओर घुमाते हुए पास लाइए। इसके अगले चरण में ठीक उलटा यानी कंधों को अंदर से बाहर की ओर घुमाते हुए लाइए।  एक बार में इस प्रोसेस को 10 से 12 बार किया जा सकता है। इससे आपके कंधे जल्दी रोटेट करने लगेंगे। 
 
4- नमस्कार हैंड्स अप
सबसे पहले सीधे बैठकर दोनों हाथों को जोड़कर नमस्ते करने की प्रेक्टिस कीजिए। अब अपने दोनों हाथों को उसी मुद्रा में यानी हाथों को जोड़े हुए ही ऊपर की ओर उठाइए और फिर नीचे की तरह ले आइए। इसे दिन में चार से पांच बार कर सकते हैं औऱ इससे कंधों की मोबिलिटी बढ़ती है और कंधों को आराम मिलता है।
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03 March 2023, 03:25 PM IST

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