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पलाश क्या है, आइए जानते हैं इसके आयुर्वेदिक फायदे

यह फबासी परिवार का एक फूल है, जिसका वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा (Butea monosperma) है। यह भारत में आसानी से किसी भी स्थान पर मिल जाता है

पलाश का फूल। यह फबासी परिवार का एक फूल है, जिसका वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा (Butea monosperma) है। यह भारत में आसानी से किसी भी स्थान पर मिल जाता है। पलाश के फूल के अलावा इसकी पत्तियां, छाल व बीज का उपयोग भी विभिन्न दवाइयों के रूप में किया जाता है।

पलाश के औषधीय गुणों के कारण इससे बनी दवाइयों का इस्तेमाल त्रिदोष में वात और कफ का उपचार करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, पलाश में और भी कई गुण होते हैं, जिनके बारे में लेख में आगे विस्तार से बताया गया है।

पलाश के औषधीय गुण-

आयुर्वेद में पलाश के पौधे के विभिन्न भागों के भिन्न-भिन्न औषधीय गुणों का उल्लेख मिलता है। पलाश से संबंधित एक शोध से जानकारी मिलती है कि इसकी जड़ में कृमिनाशक (आंत के कीड़ों को साफ करने वाला), एफ्रोडिसिएक (यौन इच्छा बढ़ाने वाला), एनाल्जेसिक (दर्द को कम करने वाला) जैसे गुण होते हैं। इसके अलावा, पलाश के बीजों में एंटीडायबिटिक प्रभाव पाया जाता है, जो मधुमेह की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

वहीं, पलाश की जड़ में ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण मौजूद होता है। इसका यह प्रभाव शरीर के ऊतकों से अतिरिक्त पानी और नमक को यूरिन के रास्ते से बाहर निकाल सकता है। इसके अलावा, पलाश में सूजन को कम करने का प्रभाव भी देखा गया है। ऐसे में माना जा सकता है कि इसका प्रयोग सूजन संबंधित परेशानियों से राहत पाने के लिए भी उपयोगी हो सकता है।

पलाश के फायदे – Benefits of Palash in Hindi -

जैसा कि हमने ऊपर भी बताया कि पलाश का पौधा विभिन्न औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इन्हीं गुणों के आधार पर लेख में आगे पलाश से शरीर को होने वाले फायदों से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। आयुर्वेद के अनुसार, बस इस बात का ख्याल रखें कि यह किसी भी बीमारी का पूर्ण इलाज नहीं है। यह आपको स्वस्थ रखने के साथ कुछ बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है। चलिए, जानते हैं पलाश के फायदों के बारे में।

1.मधुमेह के लिए -

पलाश के फायदे में सबसे पहला नंबर डायबिटीज का आता है। दरअसल, पलाश के इथेनॉल अर्क में एंटीहाइपरग्लिसेमिक गुण होते हैं, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। लैब में चूहों पर किए गए शोध के आधार पर बताया जाता है कि दो हफ्ते तक 200 मिलीग्राम पलाश का उपयोग करने से ब्लड शुगर और सीरम कोलेस्ट्रोल नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही अच्छे कोलेस्ट्रोल को बेहतर करने में मदद मिल सकती है। यह शोध एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलोजी इंफॉर्मेशन) की साइट पर उपलब्ध है।

2.सूजन में पलाश के फूल के फायदे -

अगर शरीर में किसी भी कारण से सूजन आ जाए, तो उससे आराम पाने के लिए पलाश के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध में यह पाया गया है कि पलाश के फूल में मेथनॉलिक अर्क होता है। इस अर्क में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये घाव के कारण होने वाली सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं। वहीं, इसमें मौजूद ब्यूटिन, ब्यूट्रिन, आइसो ब्यूट्रिन और आइसोकोरोप्सिन नामक तत्व भी सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

3.पेट दर्द में राहत -

पलाश के फायदे में पेट दर्द से निजात पाना भी शामिल है। एक शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि पलाश के बीज का उपयोग पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। वहीं, पेट से जुड़े विकारों में राहत दिलाने के साथ पलाश के बीज पेट के कीड़े का उपचार करने में भी सहायक हो सकते हैं। फिलहाल, इसकी कार्यप्रणाली पर अभी और विस्तृत रूप से शोध की आवश्यकता है।

4.बुखार में पलाश के फायदे -

जब शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होता है, तो उसे बुखार कहा जाता है। साथ ही शरीर में किसी तरह के वायरस या बैक्टीरिया के कारण संक्रमण हो जाता है, तो भी बुखार हो सकता है। बुखार से आराम पाने में भी पलाश के फूल के फायदे देखे जा सकते हैं।

एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि पलाश के फूल कई अन्य शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ क्रोनिक बुखार से आराम पाने में भी सहायक हो सकते हैं। हालांकि, इसके पीछे पलाश का कौन-सा गुण काम करता है, इसे लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है।

5.रक्त साफ करने में सहायक -

रक्त में गंदगी के कारण मुंहासे, रैशेज, एलर्जी आदि परेशानी हो सकती हैं। वहीं, रक्त को साफ करने के लिए किसी दवा की जगह हर्बल चीजों का इस्तेमाल करना सही रहता है। ऐसी ही एक हर्बल औषधि है पलाश की छाल। पलाश की छाल ब्लड प्यूरिफायर की तरह काम करती है और खून साफ कर, कई स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से बचाव में मदद कर सकती है। इस तरह पलाश ब्लड को प्यूरिफाई करने में उपयोगी साबित हो सकता है।

6.कुष्ठ रोग में लाभदायक -

कुष्ठ रोग यानी लेप्रोसी के इलाज के लिए भी पलाश के फूल के फायदे देखे जा सकते हैं। यह रोग एक तरह के संक्रमण, माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक बैक्टीरिया से होता है। इस रोग में नसों, मांसपेशियों और त्वचा पर प्रभाव पड़ सकता है। इसके उपचार में पलाश के फूल कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं। आयुर्वेद की माने तों पलाश के फूल में एंटीलेप्रोटिक प्रभाव होता है, जो कुष्ठ रोग से निजात दिलाने में मददगार हो सकता है।

7.पाइल्स में लाभकारी -

मलद्वार या मलाशय के आसपास की नसों में होने वाली सूजन को पाइल्स कहा जाता है। एनसीबीआई पर प्रकाशित शोध की मानें, तो पलाश के सूखे हुए फूल के पाउडर में कई जरूरी खनिज तत्व पाए जाते हैं जिनमें से एक है मैंगनीज। यह बवासीर के इलाज में कुछ हद तक सहायक हो सकता है। इसलिए, पाइल्स से राहत पाने के लिए भी पलाश के फायदे देखे जा सकते हैं।

8.घेंघा यानी गॉइटर में फायदेमंद -

घेंघा या गॉइटर ऐस बीमारी है, जिसमें थायराइड ग्लैंड बढ़ जाता है और सूजन आ जाती है। इस समस्या से आराम पाने के लिए भी पलाश के फायदे उठाए जा सकते हैं। शोध की मानें तो पलाश की छाल का जूस घेंघा का उपचार करने में मदद कर सकता है। वहीं, इसमें थायराइड हार्मोन को नियंत्रित करने का गुण भी होता है। अभी इस संबंध में वैज्ञानिक और अध्ययन कर रहे हैं।

9.दाद में पलाश का उपयोग -

दाद एक तरह का संक्रमण होता है, जो फंगस के कारण होता है। इसके लिए पलाश का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है। एक शोध में बताया गया है कि पलाश के पेड़ से निकलने वाला रस यानी पलाश का गोंद दाद के प्रभाव को कम कर सकता है।

इसके साथ ही पलाश की छाल में एंटीफंगल गुण भी पाया जाता है, जो संक्रमण फैलाने वाले फंगस को खत्म करने में सहायक हो सकता है। इस तरह से माना जा सकता है कि पलाश के गोंद के फायदे दाद में लाभकारी हो सकते हैं।

10.यौन शक्ति बढ़ाए -

यौन शक्ति बढ़ाने में भी पलाश का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। दरअसल, पलाश के अर्क में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके इस समस्या से आराम दिला सकता है। साथ ही यह नाइट्रिक ऑक्साइड और एंड्रोजन के स्तर को भी बढ़ाता है, जिससे पुरुषों में यौन की समस्या से आराम मिल सकता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि पलाश के फूल के फायदे यौन शक्ति और उससे जुड़ी अन्य समस्याओं में लाभकारी हो सकते हैं।

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11 November 2022, 01:16 PM IST

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