glycemic index in sugar: क्या है ग्लाइकोसेमिक इंडेक्स जिसकी मदद से शुगर रोगी करते हैं फूड्स का सही चुनाव

शुगर रोगियों के लिए हर फूड का जीआई स्कोर देखा जाता है। इसे ग्लाइकोसेमिक इंडेक्स कहते हैं। आखिर ये ग्लाइकोसेमिक इंडेक्स क्या है और कैसे शुगर रोगियों के लिए सही और गलत फूड की पहचान करता है, यहां जानिए।

आज के दौर में डायबिटीज यानी शुगर की बीमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी के रूप में प्रचलित हो चुकी है। खान पान में लापरवाही के चलते टाइप टू शुगर तेजी से अपना जाल फैला रही है। शुगर में परहेज करना बहुत जरूरी होता है और इसलिए इस बीमारी में रोगी कुछ भी खाने पीने से पहले ये जरूर जानना चाहता है कि कहीं वो खाद्य पदार्थ उसके शरीर में शुगर का स्तर बढ़ा तो नहीं देगा। इसके लिए शुगर रोगी और उसके परिवार को ये जानना जरूरी है कि किस खाद्य पदार्थ के चलते शुगर बढ़ सकता है और कौन सा खाद्य पदार्थ शुगर में नुकसान नहीं करेगा। चलिए जानते हैं ऐसे ही फलो के बारे में  जिनका ग्लाइकोसेमिक इंडेक्स कम होने  के चलते ये फल खाने शुगर में नुकसान नहीं करते। 
 
ग्लाइकोसेमिक इंडेक्स क्या होता है -
 
ग्लाइसेमिक इंडेक्स दरअस एक प्रकार का स्केल यानी स्तर है जिसकी मदद से हम हर फूड्स में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को जान सकते हैं। जिस फूड का ग्लाइकोसेमिक इंडेक्स ज्यादा है, इसका मतलब होगा कि उसमें शुगर और कार्ब्स ज्यादा है और वो शुगर रोगी के लिए सही नहीं है। ठीक उसी प्रकार जिस फूड का ग्लाइकोसेमिक इंडेक्स कम होगा उसमे कार्ब्स और शुगर की मात्रा कम होगा और वो शुगर रोगी के ब्लड में जाकर शुगर लेवल को बढ़ाएगा नहीं। 
 
यानी मोटे तौर पर देखा जाए तो ये इंडेक्स इस बात की तस्दीक करता है कि कौन सा खाद्य पदार्थ को शुगर रोगियों के लिए अच्छा है और कौन सा उनके शरीर में ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है।  अब शुगर के रोगियों के लिए शुगर के इनटेक के पैमाने की बात करें तो ये स्केल 55 से डिवाइड होता है। ग्लाइकोसेमिक इंडेक्स की गणना तीन तरह से की जाती है। पहला है हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स जो शुगर रोगियों के शरीर में जाकर शुगर लेवल को बढ़ा देता है। दूसरा है मॉडरेट ग्लाइसेमिक इंडेक्स, यानी शुगर रोगी इसे सीमित स्तर पर खा सकते हैं औऱ तीसरा है, लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानी ये शुगर मरीजों के लिए अच्छा बताया जाता है।
 
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स -
जिस फूड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 100 से 70 के बीच में होता है, उसे उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले भोजन की श्रेणी में रखा जाता है। ये फूड शरीर में जाकर ब्लड शुगर लेवल को हाई कर देते हैं और इससे शुगर रोगियों को काफी परेशानी होती है। इसलिए 70 से 100 की रेंज वाला फूड शुगर रोगियों को नहीं  खाना चाहिए। 
 
मॉडरेट ग्लाइसेमिक इंडेक्स -
जिस फूड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 69-56 के बीच आता है उसे मॉडरेट ग्लाइसेमिक इंडेक्स की श्रेणी में रखा जाता है। हालांकि ये वो फूड हैं जो सीमित स्तर पर खाए जा सकते हैं लेकिन डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। ऐसे फूड्स को कम लेकिन कभी कभी खाना चाहिए।
 
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स -
अब बात करते हैं शुगर रोगियो के लिए सबसे बेहतर फूड्स की जो लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स की श्रेणी में आते हैं। इन फूड्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 55-0 के बीच माप में आता है और इन फूड्स के सेवन से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर नहीं बढ़ता है। ऐसे फूड्स शुगर रोगियों के लिए अच्छे कहे जाते हैं और डॉक्टर शुगर रोगियों को ये फूड्स खाने की सलाह देते हैं।
 
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स में क्या क्या शामिल है 
 
इन फूड्स में सबसे पहले नाम आता है सफेद चावल का। इसके अलावा फलों में तरबूज में सबसे ज्यादा शुगर होता है। केक, ब्रेड, पिज्जा, बर्गर, चॉकलेट आदि हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स की लिस्ट में  शामिल हैं। सब्जियों की बात करें तो आलू और कद्दू में सबसे ज्यादा शुगर होता है। सफेद चीनी और गुड़ भी हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स  में शामिल हैं औऱ शुगर रोगियों के लिए खतरनाक हैं।
 
मॉडरेट ग्लाइसेमिक इंडेक्स में क्या क्या शामिल है 
 
सामान्य गेंहूं मॉडरेट ग्लाइसेमिक इंडेक्स की लिस्ट में शामिल है।  ब्रॉउन राइस और बासमती चावल मॉडरेट ग्लाइसेमिक इंडेक्स में आते हैं। सब्जियों की बात करें तो जिमीकंद, शकरकंद, मटर आदि इसी लिस्ट में आते हैं। फलों की बात करें तो पपीता, खरबूजा, आम, अंजीर, केला इस श्रेणी में आते हैं। किशमिश का जीआई स्कोर  69-56 के बीच होता है। इसके अलावा आइसक्रीम, सॉफ्ट ड्रिंक औऱ शहद को इसी लिस्ट में रखा जाता है। 
 
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स में क्या क्या शामिल है
 
जौ, दलिया, ब्लैक राइस और रेड राइस लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड कहे जाते हैं। शुगर मरीज इनका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा किनोआ, जौ का दलिया, मूंग की दाल, मसूर की दाल, अरहर की दाल के अलावा बीन्स जैसे लोबिया, छोले, राजमा, सोयाबीन इसी लिस्ट में आते हैं। सब्जियों की बात करें तो बीन्स, पालक, खीरा, टमाटर, मेथी, के साथ साथ बैंगन, गोभी और हरी गोभी यानी  ब्रोकली आदि इस लिस्ट में शुमार किए जाते हैं। फलों की बात करें तो सेब, मौसमी, खुबानी, संतरा, कीवी, बेरीज आलू बुखारा, नाशपाती में लो ग्लाइकोसेमिक इंडेक्स होता है। आपको बता दें कि लो फैट दूध और इससे बनी चीजें जैसे  पनीर, दही, मट्ठा और छाछ भी इस श्रेणी में आते हैं। नट्स की बात करें तो पीनट्स मूंगफली, चिया सीड्स, बादाम, कद्दू के बीज अखरोट, और सूरजमुखी के बीज में भी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स लिस्ट में शामिल है।
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20 March 2023, 01:46 PM IST

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