World AIDS Day: हमारे समाज में एड्स को लेकर लोगो में कई तरीके के मीथ हैं. अकसर लोग इस बीमारी को लेकर खुलकर बात नही करते है. जिन लोगों को ये बीमारी होती है वो लोग इसको बताने में काफी शर्मिंदगी महसूस करते हैं. कई लोग तो इस बीमारी के बारे में अपने परिवार से भी छुपाते है . एड्स एक खतरनाक बीमारी है, जिससे बचाव ही इलाज है. ये शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है. ये HIV वायरस से इन्फेक्शन की वजह से होता है. इस बीमारी से जुड़े टैबू को दूर करने के लिए वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है.
क्यों मनाया जाता है एड्स डे?
1 दिसंवर को AIDS डे मनाया जाता है. इसे बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है. लोगों को इसके बारे में जानकारी की काफी कमी होती है.जिसकी वजह से एड्स डे मनाया जाता है. इस दिन इसके बचाव के तरीके लोगों को बताए जाते है. एचआईवी पॉजिटिव लोगों को लेकर कई गलत अवधारणाएं होती हैं, इस दिन वो भी दूर करने की कोशिश की जाती है.
इस दिन एक-जुट होकर एड्स से लड़ने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है.
AIDS डे मनाने का इतिहास
वर्ल्ड एड्स डे 01 दिसंबर, 1988 को मनाया गया था. विश्व एड्स दिवस को पहले अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता था. दुनिया भर में लगभग 3.6 करोड़ लोग, एचआईवी पॉजिटिव है. इससे लोगों को बचाव के लिए और साथ ही जागरूक होने के लिए वर्ल्ड एड्स मनाने की शुरूआत की गई थी।
क्या है इस साल की थीम?
इस साल वर्ल्ड एड्स डे की थीम लेट कम्यूनिटीज लीड (Let Communities Lead) है. AIDS से लोगो को जागरूक को लिए इस थीम को चुना गया है. लोगो को इसके बारे में बात करने पर भी शरमाते हैं. लोग खुलकर इस बीमारी के बारे में बात नहीं करते. इसी वजह से इस सोच को बदलने के लिए लेट कम्यूनिटटीज लीड का थीम चुना गया है.
First Updated : Thursday, 30 November 2023