हाल ही में हुए एक अध्ययन में एक चौकाने वाली बात सामने आई है कि कोविड-19 महामारी की वजह से किशोरों और बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज़ का रिस्क बहुत ज़्यादा बढ़ गया है. इस शोध में 19 साल से कम एजग्रुप के 1,02,984 लोगों को शामिल किया गया था.
शोध के रिजल्ट्स बताते हैं कि बच्चों और किशोरों में डायबिटीज की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है. शोध में डायबिटिक केटोएसिडोसिस का भी ज्यादा रेट देखा गया है, जो कोरोना से पहले के मुकाबले महामारी के दौरान 1.26 गुना ज्यादा रहा.
डायबिटिक केटोएसिडोसिस टाइप-1 डायबिटीज का सबसे कॉमन और सीरियस कॉम्प्लिकेशन है, जिससे जान भी जा सकती है.
कनाडा में स्थित टोरंटो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि स्टडी में यह भी सामने आया है कि कोविड की शुरुआत के बाद से किशोरों और बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज का खतरा काफी बढ़ा है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, हमें यह नहीं मालूम कि आखिर किस वजह से बच्चों और किशोरों में डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं,हो सकता है कि लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ खराब आदतें, स्ट्रेस, आइसोलेशन, नॉन कोविड इन्फेक्शन्स, सांस से जुड़ी दिक्कतें इसका कारण हो सकती हैं.