Health: डेंगू, मलेरिया के अलावा मच्छरों के काटने से होती है 'हाथी पांव' की बीमारी, कैसे करें बचाव?
Health: यह एक तरह का संक्रमण रोग होता है जो कि फाइलेरिया बैंक्रॉफ्टी नामक के परजीवियों की वजह से होता है. यह क्यूलेकस नाम के मच्छरों के काटने से फैलता है.
हाइलाइट
- फाइलेरिया बैंक्रॉफ्टी नामक के परजीवियों से यह रोग होता है.
- और यह क्यूलेकस नाम के मच्छरों के काटने से फैलता है.
Health: मच्छर की कई तरह की प्रजातियाँ होती हैं, जिनके काटने से अलग अलग तरह की बीमारियां होती हैं. आज तक आपने सुना होगा कि इसके काटने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां हो जाती हैं. इसके अलावा मच्छर के काटने से एलिफेंटाइटिस नामक बीमारी भी होती है, जिसमें पीड़ित के पैर हाथी की तरह सूज जाते हैं.
क्या है एलिफेंटाइटिस?
मच्छर के काटने से एक और खतरनाक बीमारी हो सकती है. जो मनुष्य को शारीरिक तौर पर लाचार बना सकती है. इस बीमारी का नाम है एलिफेंटाइटिस, जिसको आम बोलचाल की भाषा में 'हाथी पांव' भी कहा जाता है. यह बीमारी एक परजीवी से होती है जो कि मच्छर के काटने से शरीर के अंदर फैलती है. इससे शरीर में सूजन और बुखार हो सकता है. कभी कभी शरीर की बनावट बदल जाती है. ज्यादातर में पांव में सूजन हो जाती है. इससे हमारा लसिका तंत्र संक्रमित होता है.
सूज जाता है शरीर
लसिका तंत्र के असंतुलित होने से शरीर में सूजन आ जाती है. यह सूजन घटती बढ़ती रहती है. लेकिन जब यह वॉर्म में लसिका तंत्र की नालियों के अंदर मर जाते हैं. तब लिम्फ वेसल के लिए बंद हो जाते हैं और उस जगह की स्किन मोटी और सख्त हो जाती है. कुछ रोगियों में ऑपरेशन से लिंफ वेसल्स का नया रास्ता बनाया जाता है.
कैसे करें बचाव
इसका सबसे पहले इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है. इससे बुखार की समस्या होती है, शरीर में सूजन की समस्या आती है. सबसे ज़्यादा सूजन पैरों पर दिखाई देती है. इस बीमारी बीमारी से बचना है तो अपने आस पास साफ़ सफाई रखे, रात को सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोएं, शाम के वक़्त शॉर्ट्स न पहने.