क्यों होता है अस्थमा, इसके कारण के साथ जानिए इसके लक्षण और कुछ घरेलू उपाय भी
अस्थमा श्वास से जुड़ी बीमारी है जिसमें श्वास नली में सूजन या संक्रमण की वजह से सांस लेने में दिक्कत आने लगती है। इसमें खांसी उठती है और सीने से घरघराहट की आवाज आती है।
Asthma: अस्थमा जिसे आम भाषा में दमा भी कहा जाता है, सांस संबंधी एक बीमारी है जिसमें मरीज की सांस की नलियां किसी खराबी या संक्रमण के चलते पतली हो जाती है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। इस स्थिति में सांस लेने पर जोर लगाना पड़ता है और सांस फूलने लगती है, कभी कभी व्यक्ति को दौरे भी आते हैं। देखा जाए तो अस्थमा एक इंफ्लेमेंटरी बीमारी है जिससे ग्रस्त व्यक्ति मौसम में जरा सा भी बदलाव होने पर सांस फूलने की शिकायत करने लगता है और उसके दैनिक कामकाज भी प्रभावित होने लगते हैं। सीडीसी की रिपोर्ट की बात करें तो भारत में करीब पौने दो करोड़ अस्थमा के मरीज हैं और इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि वायू प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। अस्थमा किसी को भी हो सकता है, लेकिन बच्चों में इसकी गंभीरता ज्यादा होने के चलते अस्थमा क्रोनिक डिसीज बन जाता है।
क्या हैं अस्थमा के कारण
इसके अलावा रेस्पिरेटरी इंफेक्शन भी अस्थमा का एक बड़ा कारण हैं, किसी खास तरह की एलर्जी के चलते भी अस्थमा हो सकता है। बढ़ता वायु प्रदूषण अस्थमा का एक बड़ा कारण है जिसके चलते विकासशील देशों में अस्थमा के मरीज बढ़ रहे हैं। इंटेंस इमोशन को भी अस्थमा का एक कारण कहा गयाहै। इसकके अलावा बदलता मौसम और कई अन्य तरह के बैक्टीरिया भी अस्थमा के कारण बन जाते हैं। कई मामलो में एस्पिरिन और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं भी अस्थमा का कारण बन जाती हैं।
क्या हैं अस्थमा के लक्षण
लगातार खांसी अस्थमा का सबसे बड़ा लक्षण है। अगर व्यक्ति को दिन में, रात में, हंसते समय,तेज आवाज में बात करते समय, जोर से सांस लेते समय या फिर एक्सरसाइज करते समय खांसी हो रही है तो इसे अस्थमा का लक्षण माना जा सकता है। इस स्थित में सीने में जकड़न सी होने लगती है। सही से सांस लेने में दिक्कत होना अस्थमा का एक बड़ा लक्षण है। कई बार खांसी के चलते बात करने में भी परेशानी आती है। थकान, बेचैनी, घबराहट, छाती में तेज दर्द होना भी अस्थमा के लक्षण है। इस स्थिति में व्यक्ति को बार बार बैक्टीरिया इन्फेक्शन होते हैं। सांस लेने में घरघराहट की आवाज आना, सांस खींचने में दिक्कत आने के कारण नींद ना आना भी अस्थमा का लक्षण है।
अस्थमा का इलाज
अस्थमा का इलाज संभव है लेकिन इसमें काफी समय लगता है। अस्थमा के इलाज के दौरान सबसे पहले देखा जाता है कि अस्थमा का कारण क्या है। इसके बाद उपचार होता है और दवा चलती है। अस्थमा के मरीज को हमेशा इन्हेलर अपने साथ रखना चाहिए। अस्थमा अटैक के समय यह इन्हेलर आपात स्थिति में मददगार साबित होता है।
अस्थमा के घरेलू उपाय
अस्थमा की बीमारी में दवा के साथ साथ अगर कुछ घऱेलू उपचार किया जाए तो अस्थमा अटैक की स्थिति से भी बचा जा सकता है और इस बीमारी में भी काफी राहत मिलती है।
शहद को अस्थमा के लिए बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय कहा गया है। ये श्वास नली को साफ करता है, इसकी मदद से गले में जमा कफ साफ होता है और श्वास नली का संक्रमण दूर होने के साथ साथ अस्थमा के लक्षण भी कम होते हैं।
अदरक अपने एंटी इंफ्लेमेंटरी गुणों के चलते अस्थमा में काफी लाभकारी साबित होता है। इसे कच्चा खाने से, इसका रस शहद के साथ मिलाकर पीने से और अदरक की चाय पीने से अस्थमा में काफी आराम मिलता है।
हल्दी भी अस्थमा में काफी राहत देती है। इसके अंदर श्वास नली के संक्रमण को दूर करने का गुण है औऱ इसकी मदद से श्वास नली की सूजन कम होती है और गले में जमा कफ निकलने लगता है।
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