Banana Benefits: केला न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह पोषण से भरपूर एक अद्भुत फल है. अलग-अलग आकार और प्रकार के केले होते हैं, जिनका स्वाद और पोषण मूल्य भिन्न हो सकता है.
बहुत से लोग नहीं जानते कि केले के आकार और आकार का इसके स्वाद और स्वास्थ्य लाभों पर भी प्रभाव पड़ता है. इसका आकार कैसे इसके मीठेपन, बनावट, और पोषण सामग्री को बदलता है, यह जानना बेहद दिलचस्प है.
केले के आकार का सीधा संबंध उसके स्वाद से है. छोटे और गोल आकार के केले, जिन्हें आमतौर पर 'इलायची केला' या 'फिंगर केला' कहा जाता है, अधिक मीठे और सुगंधित होते हैं. इनकी बनावट नरम होती है और इनमें शर्करा की मात्रा अधिक होती है, जो इन्हें प्राकृतिक मिठास देती है. बड़े और लम्बे केले जैसे 'कैवेंडिश' प्रजाति का केला, जो बाजार में सबसे ज्यादा मिलता है, कम मीठा होता है लेकिन इसका स्वाद हल्का और संतुलित होता है. छोटे केले जल्दी पक जाते हैं और इनका स्वाद पका हुआ अवस्था में और भी मीठा हो जाता है, जबकि बड़े केले पकने में अधिक समय लेते हैं और हल्का खट्टापन बनाए रखते हैं.
केले का आकार उसके पोषक तत्वों के प्रकार और मात्रा पर भी प्रभाव डालता है. छोटे केले में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. बड़े केले में अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होता है. इसके अलावा, छोटे और गोल केले में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जो दिल और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है. बड़े केले में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है. इसलिए, जो लोग ज्यादा ऊर्जा की जरूरत महसूस करते हैं, उनके लिए बड़े केले एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं.
सही प्रकार के केले की पहचान करने के लिए आपको उसके रंग, आकार और बनावट पर ध्यान देना होगा. छोटे और पीले रंग के केले (जैसे इलायची केला) मीठे और पके होते हैं, जबकि बड़े और हरे केले (कैवेंडिश) अधिक समय तक चलने वाले होते हैं और धीरे-धीरे पकते हैं. जब बड़ा केला थोड़ा हल्का पीला हो जाए और उस पर हल्के भूरे धब्बे आ जाएं, तो यह संकेत होता है कि केला अब खाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. छोटे केले ज्यादा जल्दी खराब हो सकते हैं, इसलिए उन्हें खरीदने के बाद जल्द ही खा लेना बेहतर होता है. बड़े केले लंबे समय तक स्टोर किए जा सकते हैं, लेकिन उन्हें समय-समय पर जाxचते रहना चाहिए कि वे ज्यादा पक न जाएं. First Updated : Monday, 21 October 2024