ठंडे पानी की चाहत किससे पूरी होती है, अगर ये सवाल कोई पूछे तो आप बिना कुछ सोचे सबसे पहले कहेंगे कि मटके के पानी से. जी हां, गर्मियों में मिट्टी के मटके यानी घड़े का पानी सबसे लाजवाब होता है. ये ठंडक देता है, स्वाद देता है और इससे गला भी नहीं बैठता. देखा जाए तो हमारे गांव देहात में जब पहले फ्रिज नहीं थे, तब सब लोग भरी गर्मी में अपने गले को तर करने के लिए मिट्टी के इन मटकों या घड़ों का ही पानी पीते थे। आजकल भी कई लोग जो प्रकृति की तरफ लौट रहे हैं, घरों में मिट्टी के मटके रखने लगे हैं और इन लोगों ने फ्रिज से दूरी बनाकर मिट्टी के मटके का पानी पीना शुरू कर दिया है। सेहत की नजर से भी देखा जाए तो मिट्टी के घड़े में रखा पानी पीने से सेहत सुधरती है और कई तरह से इसे फायदा मिलता है। ये ना केवल प्राकृतिक तौर पर पानी को ठंडा रखता है बल्कि कई सारे पोषक तत्व भी हमारे शरीर को प्रदान करता है। चलिए आज जानते हैं कि मिट्टी के घड़े में पानी पीने से सेहत को क्या फायदा होते हैं और शरीर की किन बीमारियों में आराम मिलता है, इसके साथ ही ये भी जानेंगे कि मिट्टी के घड़े का पानी के संभावित नुकसान क्या हो सकते हैं।
मिट्टी के मटके के फायदे
मिट्टी के मटके के पानी में ढेर सारा आयरन होता है और शरीर के लिए जरूरी कई सारे मिनिरल्स होते हैं जो इस पानी को मटके की मिट्टी से लगातार प्राप्त होते रहते हैं। मिट्टी के मटके में कैल्शियम, मैग्ननीशियम, फासफोरस जैसे मिनिरल्स कुदरती तौर पर मौजूद होते हैं। मिट्टी के मटके के अंदर एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं जो शरीर को दर्द और सूजन से बचाते है।
एल्काइन से भरपूर होता है मटके का पानी
आपको शायद पता नहीं कि आजकल लोग एल्कलाइन पानी (प्राकृतिक और मिनिरल्स से भरपूर पानी) को पीने से लिए काफी खर्च करते हैं। जबकि मिट्टी के मटके का पानी कुदरती रूप से एल्कलाइन युक्त होता है। मिट्टी का के मटके का पानी शरीर में जाकर PH स्तर को संतुलित करने में मददगार साबित होता है।
पाचन तंत्र को मजबूत करता है मिट्टी के मटके का पानी
इस पानी में नैचुरल खनिज सुरक्षित रहते हैं और इसकी वजह से मिट्टी के मटके पानी पीने से पेट संबंधित बीमारियां जैसे एसिडिटी, अफारा, मरोड़ आदि की समस्या नहीं होती। इसे पीने से पेट बिलकुल ठंडा और साफ रहता है और मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है। इसे पीने से पाचन बेहतर बनाया जा सकता ।
शरीर में मिनिरल्स की कमी को दूर करता है मटके का पानी
मिट्टी के मटके का पानी शरीर में पानी और अन्य खनिज लवणों की कमी पूरी करता है। चूंकि ये प्राकृतिक तौर पर मिट्टी के भीतर ही ठंडा होता है इसलिए इसके सेवन से शरीर को सभी तरह का पोषण मिलता है।
फ्रिज के ठंडे पानी की अपेक्षा अगर मिट्टी के मटके का पानी पिया जाए तो गला खराब नहीं होता। इसके सेवन से आपको गर्मियों में गले में खराश जैसी दिक्कतें नहीं होंगी। इससे आपको खट्टी डकार नहीं आएंगी और गला बिलकुल सही रहेगा।
प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है मिट्टी के मटके का पानी
मिट्टी के मटके का पानी शरीर के प्रतिरोधक सिस्टम को मजबूत करता है जिससे शरीर की इम्यूनिटी पावर बेहतरीन होती है। आपको बता दें कि अगर शरीर की प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है तो शरीर बाहरी बीमारियों औऱ संक्रमणों का डटकर मुकाबला कर पाता है और बार बार बीमार नहीं पड़ता है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है मिट्टी के मटके का पानी
मिट्टी के मटके का पानी पीने से रक्तचाप को कंट्रोल किए जाने में मदद मिलती है। ये नैचुरल ठंडक देता है और शरीर का तापमान और रक्त का तापमान संतुलित बनाए रखता है। इससे रक्तचाप ज्यादा ऊपर नीचे नहीं होता है।
त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होता है मिट्टी के मटके का पानी
मिट्टी के मटके का पानी केवल सेहत ही नहीं बल्कि आपकी त्वचा यानी स्किन के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। इससे अगर आप चेहरा धोएंगे तो चेहरा निर्मल कोमल हो जाता है औऱ उसे पोषण मिलता है।
लू से बचाता है मिट्टी के मटके का पानी
मिट्टी के मटके का पानी पीने से लू नहीं लगती क्योंकि ये शरीर को कुदरती तौर पर ठंडा कर देता है जिससे लू लगने की संभावना नहीं लगती।
मिट्टी के मटके के संभावित नुकसान
यूं तो मिट्टी के मटके के पानी का कोई नुकसान नहीं होता, इसे साल भर पिया जा सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मटका समय समय पर साफ करते रहना चाहिए वरना इसमें बैक्टीरिया पनप सकता है और इस पानी के सेवन से शरीर बीमार हो सकता है।
दूसरी खास बात कि हर सीजन में आपको मिट्टी का मटका बदल देना चाहिए। डॉक्टर कहते हैं कि मिट्टी के एक मटके को हर तीन महीने पर बदल देना चाहिए क्योंकि लगातार इस्तेमाल से इसके भीतर की मिट्टी के मिनिरल्स खत्म हो जाते है और मटका पोषण नहीं दे पाता। इसलिए हर तीन माह पर नया मटका लाकर पानी पीना चाहिए। First Updated : Wednesday, 12 April 2023