Health: दुनियाभर में लोग मिश्री का इस्तेमाल सौंफ के साथ किया करते हैं, हमेशा देखा जाता है कि, जब हम होटलों में खाना खाने पहुंचते हैं तो, खाने के बाद सौंफ व मिश्री दिया जाता है. मगर क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि, इसे क्यों खाया जाता है. इतना ही नहीं मिश्री का उपयोग भगवान के भोग में किया जाता है, मिश्री का स्वाद चीनी के टेस्ट से अलग होता है. हम आपको आज बताते हैं कि, आयुर्वेद में किस तरह से इसका इस्तेमाल किया जाता है.
सर्दियों के सीजन में मिश्री एक अच्छा एंटीबायोटिक है, दरअसल आयुर्वेद का कहना है कि, मिश्री खाने से सर्दी, जुकाम, खांसी से राहत मिलती है. मगर बहुत सारे लोग सोच रहे होंगे कि, केवल मिश्री कैसे खाएं. हम आपको बताते हैं कि मिश्री को किस प्रकार से खाने से आपके शरीर में यह दवा की तरह काम करेगी.
इसका इस्तेमाल करने से पहले आप मिश्री का पाउडर बना लें, इसके बाद मिश्रण में घी और काली मिर्च का पाउडर मिला लें. वहीं इस पूरे मिश्रण को आप किसी डब्बे में रख लें, और धीरे-धीरे सर्दी, जुकाम, खांसी में दवा की तरह दिन में एक चम्मच लेते रहें.
दरअसल मिश्री का तासीर अधिक ठंडा होता है, वहीं आपके शरीर में अगर अधिक गर्मी उत्पन्न हो रही है, तो आप मिश्री खा सकते हैं. साथ ही गर्मियों की सबसे बड़ी बीमारी है नाक से खून निकलना अगर आप भी इसके शिकार होते हैं, तो आपको मिश्री का सेवन पूरी तरह आराम देगी. जब कभी आपके साथ इस प्रकार की दिक्कत आती है, तो आप मिश्री का घोल पीले नाक से खून आना बंद हो जाएगा.
वहीं अगर आप पेट की किसी बीमारी से परेशान हैं, तो आपके लिए मिश्री फायदेमंद साबित होगी. मिश्री पेट ठंडा रखने में आपकी मदद करती है, पाचन क्रिया हो या पेट में गर्मी, या फिर वजन संबंधी समस्या आप मिश्री को सौंफ के साथ मिलाकर खा लें, आपको तुरंत आराम मिलेगा. First Updated : Saturday, 06 January 2024