Organ Donation:अगर करना है अंग दान तो, हेल्दी रहना कितना जरूरी जान लीजिए..
Organ Donation: ऑर्गन डोनेट करने का मतलब है कि किसी को जीवन दान देना. लेकिन जो ऑर्गन डोनेट कर रहा है उसकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता होना चहिए नही हो सकती है बड़ी परेशानियां.
Organ Donation: ऑर्गन डोनेट किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं. बस ये पता होना चाहिए जो ऑर्गन डोनेट कर रहा है उसकी मेडिकल हिस्ट्री ठीक है या नही. ऑर्गन डोनेट बच्चों से लेकर बुजुर्ग सभी वर्ग के लोग कर सकते हैं. लेकिन अगर किसी की उम्र 18 साल से कम है तो उसे अंगदान करने से पहले अपनी फैमिली के परमिशन की जरूरत है. भारत में ऑर्गन डोनेशन का चलन बढ़ रहा है, लेकिन आबादी के हिसाब से यह अभी भी कम है.
ऑर्गन डोनेशन से मरीजों को जरूरत पड़ने पर ट्रांसप्लांटेशन में आसानी होती है. मसलन, सर्जिकल टेक्नीक्स, ऑर्गन प्रिजर्वेशन और फार्माको-इम्युनोलॉजिक जैसी सुविधाओं में इम्प्रूवमेंट्स से यह आसान हुआ है.
डोनेशन के नियम
ऑर्गन डोनेशन करने के लिए सबसे पहले एक फॉर्म भरना पड़ता है. फिर ऑर्गन डोनेशन के लिए www.organindia.org पर अप्लाई किया जा सकता है. जिसके बाद ऑर्गेनाइजेशन की ओर से एक डोनर कार्ड भेज जाता है. इस कार्ड पर यूनिक गवर्नमेंट रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा रहता है.
कौन से अंग डोनेट कर सकते
आपको बता दे ऑर्गन डोनेशन दो तरह के किए जाते है. एक जिंदा रहने पर और एक मौत के बाद. जीवित अंगदान का मतलब है कि किडनी और पैंक्रियास का कुछ हिस्सा दान करा जा सकता है. और मरने के बाद हार्ट, लिवर, किडनी, जैस सभी अंग शामिल है. कहा जाता है जो लोग अंगदान करते है उनको हेल्दी रहने की सलाह दी जाती ह. तााकि जब वो अंग दान करें तो किसी भी तरह की समस्या ना हो .