Menstruation Myths: पीरियड्स को लेकर भारतीय महिलाओं के दिमाग में हैं कई मिथ्स, ये रही इनकी सच्चाई
भारत जैसे विकसित देश में भी आज भी लोग इस विषय पर खुल कर बातचीत करने से कतराते हैं, इसलिए अधिकतर महिलाओं में पीरियड्स यानी मासिक धर्म को लेकर कई तरह के मिथ फैले हैं जिनकी सच्चाई जानना अति आवश्यक है क्योंकि महिलाएं इन्हें जानकर पीरियड्स में होने वाली कई परेशानियों से बच सकेंगी।
पीरियड्स को लेकर भारतीय महिलाओं में बहुत सारे मिथ हैं, इनकी सच्चाई जानिए ताकि ना रहे कोई भ्रम
किसी भी महिला के जीवन में पीरियड्स आना एक स्वाभाविक और नैचुरल प्रोसेस है, 12 से 13 साल की उम्र में पीरियड्स शुरू होते हैं और हर एक मां को अपनी बच्ची को इस बारे में पूरी जानकारी देना काफी लाभदायक होता है ताकि बच्ची को इस बारे में कोई गलत जानकारी या भ्रमित होने के चांस ना रहे। भारत जैसे विकसित देश में भी आज भी लोग इस विषय पर खुल कर बातचीत करने से कतराते हैं, इसलिए अधिकतर महिलाओं में पीरियड्स यानी मासिक धर्म को लेकर कई तरह के मिथ फैले हैं जिनकी सच्चाई जानना अति आवश्यक है क्योंकि महिलाएं इन्हें जानकर पीरियड्स में होने वाली कई परेशानियों से बच सकेंगी। चलिए जानते हैं कि पीरियड्स को लेकर क्या क्या मिथ हैं और उनकी क्या सच्चाई है।
देखा जाए तो पहले की अपेक्षा पीरियड्स को लेकर समाज की सोच कुछ बेहतर हुई है लेकिन आज भी कई लोग इस पर पुरानी सोच पर कायम रहते हैं, जैसे पीरियड्स गंदी चीज है, इस दौरान किचन में नहीं जाना चाहिए, अचार आदि को नहीं छूना चाहिए, बिस्तर की बजाय अलग जमीन पर सोना चाहिए। लेकिन ये बहुत ही बेकार बातें हैं, पीरियड्स एक नैचुरल बायोलॉजिकल प्रोसेस है, इसे गंदा नहीं कहा जा सकता है, इससे ही कोई स्त्री मातृत्व का सुख प्राप्त कर सकती है। पीरियड्स में अचार छूने पर गंदा या खराब नहीं होता है, इसका आपस में कोई लेना देना नहीं है। रही बात किचन में जाने की तो पीरियड्स में किचन में आराम से जाया जा सकता है और पीरियड्स में आरामदायक बिस्तर पर ही सोना चाहिए। इन सामाजिक मिथ्स के अलावा कुछ ऐसे मिथ्स हैं जो महिलाओं को भ्रमित करते हैं।
पीरियड्स में नहाना नहीं चाहिए
कई लोग मानते हैं कि पीरियड्स में शरीर को गर्म रखना जरूरी है ताकि ब्लीडिंग सही हो सके। ऐसे में कई जगहों पर नहाने से मना किया जाता है। ये बिलकुल गलत बात है, पीरियड्स में रोज नहाना चाहिए, ये पर्सनल हाइजीन के लिए भी जरूरी है।
पीरियड्स में बाल नहीं धोने चाहिए
कई जगह कहा जाता है कि पीरियड्स के दौरान बाल नहीं धोने चाहिए, जब पीरियड्स खत्म हो जाएं तब ही बाल धोना चाहिए। ये गलत बात है, पीरियड्स का बालों से कोई संबंध नहीं है। पीरियड्स में बाल धोने से बाल कमजोर नहीं होते हैं। पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखकर आप कभी भी बाल धो सकती हैं।
28 दिन में जरूरी होते हैं पीरियड्स
कई जगह कहा जाता है कि पीरियड्स का साइकिल 28 दिन का होता है और अगर पीरियड्स 28वें दिन नहीं होते तो बॉडी में कुछ गड़बड़ हो सकती है। ये बेकार की बात हैं, पीरियड्स का साइकिल 28 दिन से लेकर 35 या इसके बाद भी हो सकता है। ये साइकिल हर महिला की बायोलॉजिकल संरचना पर आधारित होता है, कुछ लोगों को 28 दिन बात पीरियड्स होते हैं तो कुछ लोगों को 30 या 35 दिन के बाद भी हो सकता है।
पीरियड्स में ज्यादा खेल कूद सही नहीं
पीरियड्स का खेल कूद से ज्यादा गहरा नाता नहीं है। हालांकि गर्भाशय में संकुचन के चलते ऐसे में पेट में ज्यादा दर्द होता है और ऐसे में आराम करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर कोई लड़की खेलकूद कर रही है या किसी प्रतियोगिता में भाग ले रही है तो ये उस लड़की की क्षमता के ऊपर निर्भर करता है। पीरियड्स का शारीरिक गतिविधि से कोई नाता नहीं है। इस दौरान आराम से खेला कूदा जा सकता है या एक्सरसाइज की जा सकती है।
पीरियड्स में संबंध नहीं बनाना चाहिए
पीरियड्स को लेकर ये बात अक्सर कही जाती है कि इस दौरान इंटीमेट नहीं होना चाहिए। ये मिथ है, पीरियड्स के दौरान इंटीमेट हुआ जा सकता है, बस आपको इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है। इसके लिए पर्सनल हाइजीन जरूरी है।