Nipah Virus: बढ़ते जा रहे निपाह वायरस के मामले, केरल का सफर करना चाहते हैं तो हो जाएं सावधान!

Nipah Virus: केरल 2018 के बाद से चौथी बार एक ऐसे किसी वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है, जिसका कोई टीका नहीं है, साथ ही ये संक्रमित लोगों में से 75% तक की जान ले लेता है.

Shabnaz Khanam
Edited By: Shabnaz Khanam

हाइलाइट

  • 6 सितंबर तक बंद किए गए स्कूल-कॉलेज
  • वायरस से अब दो लोगों की मौत

Nipah Virus: केरल के कोझिकोड जिले में घातक निपाह वायरस अपना कहर बरपा रहा है. इस वायरस से राज्य में दो मौतें दर्ज की जा चुकी हैं. इसके साथ ही वायरस को लेकर राज्य में अलर्ट जारी किया गया है. निपाह वायरस से संक्रमित पांच और मरीजों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. 2018 के बाद से केरल में निपाह वायरस का यह चौथा प्रकोप है. केरल में आने जाने को लेकर सलाह दी गई है. 

30 अगस्त और 11 सितंबर को निपाह वायरस के संक्रमण से मरने वाले दो लोगों के घरों के पांच किलोमीटर के दायरे में प्रोहिबिटेड एरिया बनाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, राज्य ने परीक्षण के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में 11 और नमूने भेजे थे, जिससे सरकार को राहत मिली और वायरस के नेगेटिव परिणाम आए हैं.

कोझिकोड में बंद हुए स्कूल कॉलेज

केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के खतरे को देखते हुए सभी स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. एहतियात के तौर पर यहां स्कूल-कॉलेजों और कोचिंगों को 16 सितंबर तक बंद कर दिया गया है. लेकिन परीक्षाओं में किसी भी तरह का कोई बदलाव अभी तक नहीं किया गया है. 

केरल की यात्रा को लेकर सलाह

केरल में निपाह वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी ना हो इसके लिए सरकार ने एक परिपत्र जारी किया है. आम लोगों को वायरस से प्रभावित इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी है. कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, केरल के सीमावर्ती जिलों कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर और कर्नाटक में प्रवेश के बिंदुओं पर निगरानी की ज़रुरत है. 

वायरस को लेकर अहम बैठक

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच एक मीटंग हुई. जिसमें कहा गया कि लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है, हम सब इससे मिलकर लड़ सकते हैं. 

क्या है निपाह वायरस?

निपाह वायरस का संक्रमण एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) से जुड़ा होता है और इससे हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और यहां तक ​​कि मौत भी हो सकती है. एशिया के कुछ हिस्सों, बांग्लादेश और भारत में इसका प्रकोप लगभग हर साल होता है.

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15 September 2023, 09:24 AM IST

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