प्लास्टिक पैकेजिंग: क्या आपके खाने में है कैंसर का छिपा खतरा?
क्या आप जानते हैं कि आपके रोज़मर्रा के खाने में छुपा हुआ कैंसर का खतरा क्या है? हाल ही में हुई एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि प्लास्टिक फूड पैकेजिंग में मौजूद केमिकल्स महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ा सकते हैं. हमारे घरों में आने वाले लगभग 80 फीसदी खाद्य उत्पाद प्लास्टिक में पैक होते हैं. इस रिपोर्ट में जानिए कैसे ये हानिकारक रसायन हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं और किस तरह के स्वस्थ विकल्प हमें चुनने चाहिए.
Hidden Risk Of Cancer: आजकल कैंसर का खतरा लगातार बढ़ रहा है और इसका एक बड़ा कारण हमारे खान-पान की आदतें हैं. क्या आपको पता है कि ज्यादातर खाद्य उत्पाद प्लास्टिक पैकेजिंग में आते हैं जो हमारी सेहत पर गंभीर असर डाल सकते हैं. आइए, इस रिपोर्ट में हम जानते हैं कि ये प्लास्टिक पैकेजिंग कैसे ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है.
आजकल हमारे घरों में आने वाले खाने के लगभग 80 फीसदी उत्पाद किसी न किसी प्रकार की प्लास्टिक पैकेजिंग में होते हैं. चिप्स, दूध, ब्रेड—हर चीज प्लास्टिक में पैक होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सुविधाएं हमारी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा रही हैं? हाल ही में हुई एक स्टडी में यह सामने आया है कि इन पैकेजिंग में कई हानिकारक केमिकल्स होते हैं, जो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं.
अध्ययन के निष्कर्ष
एक शोध में पाया गया है कि फूड पैकेजिंग और प्लास्टिक टेबलवेयर में लगभग 200 केमिकल्स होते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क को बढ़ाते हैं. फ्रंटियर्स इन टॉक्सिकोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से कई केमिकल्स खाने के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार, ऐसे 76 हानिकारक पदार्थ हैं जिन्हें पैकिंग से हटाना जरूरी है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो इनसे होने वाली बीमारियों का जोखिम कम नहीं होगा.
हानिकारक केमिकल्स का प्रभाव
जब हम प्लास्टिक पैकेजिंग में रखे खाने को गर्म करते हैं तो माइक्रोप्लास्टिक के कण खाने में मिल जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं. दरअसल पेरफ्लूरोएल्काइल और पॉलीफ्लूरोएल्काइल जैसे केमिकल्स हाई कोलेस्ट्रॉल, कैंसर और हार्ट डिजीज के लिए जिम्मेदार हैं. इसीलिए हमें किसी भी तरह के खाने को प्लास्टिक बर्तन या फूड पैकेजिंग में गर्म करने से बचना चाहिए.
अन्य कारण और बचाव के उपाय
दरअसल महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कई अन्य कारणों से भी बढ़ रहा है जैसे मोटापा, शराब और सिगरेट का सेवन, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल. आज ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन चुका है.
विशेषज्ञों का कहना है कि हमें प्लास्टिक पैकेजिंग की जगह कांच या स्टील के कंटेनर का इस्तेमाल करना चाहिए. ये विकल्प न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं.
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि हमें अपने खान-पान की आदतों में सुधार करने की जरूरत है. प्लास्टिक पैकेजिंग के हानिकारक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए हमें सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प चुनने चाहिए. कैंसर का खतरा कम करने के लिए यह पूरी तरह से हमारे हाथ में है. अपने और अपने परिवार की सेहत के लिए यह कदम उठाना बेहद जरूरी है.