एक घंटे में एडमिट, 3 घंटे में डिस्चार्ज, पढ़ें हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े IRDAI के नए नियम
Health Insurance New Rule: हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. हेल्थ बीमा से जुड़े नियमों में अधिक सरलता हो इसके लिए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरणभारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए विनियामक मानदंडों में कई बड़े बदलाव किए हैं.
Health Insurance New Rule: हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. हेल्थ बीमा से जुड़े नियमों में अधिक सरलता हो इसके लिए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरणभारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए विनियामक मानदंडों में कई बड़े बदलाव किए हैं. ये नए बदलाव बीमाधारकों को मजबूत बनाने और इंश्योरेंस कंपनियों की मनमानी पर लगाम लगाने की दिशा में एक अहम फैसला है. इस दौरान इरडा ने 1 और 3 घंटे का नया नियम लागू किया है, जो कैशलैस इलाज में लोगों को बड़ी सहूलियत देने वाला है. आइए समझते है इस पूरे नियम को विस्तार से.
इलाज के दौरन नहीं करना होगा लंबा इंतजार
इरडा द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस में कैशलेस भुगतान के नियमों में किए गए नए बदलावों के तहत अब आम लोगों या बीमाधारकों को कई तरीके का फायदा मिल सकेगा. इसमें सबसे बड़ा ये है कि इलाज सही समय पर शुरू हो जाएगा. दरअसल, कई मामलों में देखने को मिलता है कि मरीज के परिजनों को अस्पताल में इलाज की शुरुआत में अस्पताल के कहने पर तुरंत पैसे जुटाने की जरूरत पड़ती है और वो परेशान होते हैं, लेकिन अब ये समस्या नहीं आएगी. नए नियमों के तहत बीमा कंपनियों के कैशलेस इलाज के लिए 1 घंटे अप्रूवल में देने से बीमाधारक को अस्पताल में जल्द से जल्द इलाज मिलना शुरू हो सकेगा.
3 घंटे के भीतर हो सकेगा क्लेम सेटल
अभी तक लोगों को कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस के तहत इलाज कराने के बाद भी लोगों को क्लेम सेटलमेंट के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी. लेकिन अब इस परेशानी से छुटकारा मिलने वाला है. दरअसल, इंश्योरेंस रेग्युलेटर इरडा ने हेल्थ इंश्योरेंस के क्लेम से जुड़े नियमों में एक और अहम बदलाव ये किया है कि अब बीमा कंपनियों को अस्पताल से जैसे ही मरीज के डिस्चार्ज होने की रिक्वेस्ट मिलेगी, उसके महज 3 घंटे के अंदर ही बीमा कंपनियों को अपना अप्रूवल देना जरूरी होगा. इसका मतलब है कि मरीज के डिस्चार्ज होने की रिक्वेस्ट के 3 घंटे में ही क्लेम सेटल या बिल सेटलमेंट हो जाएगा.
जल्दी देना होगा अप्रूवल
वहीं किसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, तो अब तक इस हालात में कैशलेस इलाज को लेकर हॉस्पिटल एक रिक्वेस्ट जेनरेट करके संबंधिक बीमा कंपनी को भेजते हैं. इसके बाद बीमा कंपनी की ओर से अप्रूवल दिया जाता है और इसमें कभी कभी लंबा टाइम लगता है, लेकिन अब नए नियमों के तहत बीमा कंपनियों को ऐसी रिक्वेस्ट पर सिर्फ एक घंटे के भीतर ही फैसला करना होगा और इस रिक्वेस्ट पर अपना अप्रूवल या डिसअप्रूवल देना होगा.
कागजी कार्रवाई को लेकर कोई परेशानी नहीं
इरडा के मास्टर सर्कुलर के अनुसार, नए नियम के तहत अब बीमाधारक को कई तरीके की कागजी कार्रवाई से छुटकारा मिल जाएगा. बता दें कि, बीमा कंपनियों को इरडा ने निर्देश दिया है कि ग्राहकों को ऑनबोर्ड करने से लेकर पॉलिसी के रीन्युअल व अन्य सभी तरह की सेवाओं के लिए एंड-2-एंड टेक्नीकल सॉल्युशंस मिलना चाहिए. इसके अलावा क्लेम सेटलमेंट के लिए अब बीमाधारक को किसी भी तरह का कोई डॉक्युमेंट जमा नहीं कराना होगा, बल्कि बीमा कंपनियां इन्हें संबंधित अस्पताल से खुद ही कलेक्ट करेंगी.
बीमाधारक के पास होगी पॉलिसी की एक-एकजानकारी
नए नियमों के तहत अब बीमा कंपनियां ग्राहक को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचते समय किसी भी जरूरी बात को छिपा नहीं पाएगी, उन्हें एक-एक जानकारी उनके साथ शेयर करनी पड़ेगी. इरडा के सर्कुलर के अनुसार, इंश्योरेंस कंपनियों को ग्राहकों को एक कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट देनी होगी. इसमें बिल्कुल आसाना भाषा में उसे दी गई पॉलिसी के बारे में सभी जानकारी, जैसे ये कैशलेश है, बीमा राशि कितनी है, कवरेज की डिटेल, क्लेम के दौरान होने वाले डिडक्शन समेत बीमा कवरेज के अलावा भी संबंधित सभी जानकारियां शामिल होंगी.