बारिश का मौसम आते ही गर्मी से राहत मिलने लगता है. उमस, धूप और चिलचिलाती गर्मी हमारे आस-पास नहीं भटकती है. इस मौसम में चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है. मगर यह मौसम अपने साथ कई गंभीर बीमारियां को लेकर आता है. बता दें कि इस मौसम में लोगों को जोड़ों के दर्द, हड्डियों में दिक्कत जैसी समस्याएं होनी शुरू हो जाती है. खासकर मानसून वाले दिनों में ये दर्द ज्यादा ही बढ़ने लगता है. इस दर्द की असली वजह बारिश नहीं है, बल्कि यह कम बैरोमेट्रिक दबाव की वजह से होता है. तो चलिए इसके बारे में विस्तार से पढ़ते हैं.
क्यों होती है बैरोमेट्रिक दबाव?
वायुमंडल में मौजूद एयर प्रेशर को ही बैरोमेट्रिक दबाव कहा जाता है. जब यह दबाव पूरी तरह से कम हो जाता है, तो शरीर के टिशूस और मांसपेशियों में सूजन और दर्द वाली दिक्कतें होनी शुरू हो जाती है. वहीं कम तापमान की वजह से टिशूस, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द के अलावा ऐंठन भी होने लगती है. जिन व्यक्तियों में हड्डियों और जोड़ों से संबंधित पुरानी चोटे पहले से होती हैं, उन्हें ही बारिश के मौसम में दर्द से गुजरना पड़ता है.
नियमित व्यायाम जरूरी
इस मौसम में अगर किसी भी व्यक्ति को पुराने जोड़ों में दर्द के साथ पुरानी चोट है तो इस तरह के लोगों को कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए. पहले तो आप बारिश वाले मौसम में शुद्ध भोजन करें. नियमित व्यायाम के साथ डाइट में ड्राई फ्रूट्स अवश्य ही रखें.
अपना बचाव इस प्रकार करें
बारिश के मौसम में हड्डियों के दर्द से राहत पाने के लिए नियमित रूप से योग, स्विमिंग के साथ कुछ फ्लेक्सिबल एक्सरसाइज़ को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें. वहीं सुबह उठकर सबसे पहले थोड़ा सा गुनगुना पीएं. जिससे आपका ब्लड सर्कुलेशन तेज होगा, अगर शरीर में दर्द और जकड़न की दिक्कत है तो डाइट का भी खास ध्यान रखें. इसके अलावा अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा को बढ़ाएं.