पाचन के लिए काफी फायदेमंद है त्रिफला, वेट लूज करने में भी करता है मदद, जानिए उपयोग के तरीके

त्रिफला का चूर्ण शरीर के लिए बेहद लाभकारी कही जाने वाली आंवला, विभीतकी (आम भाषा में बहेड़ा) और हरीतकी (आम भाषा में हरड़) नामक तीन जड़ी बूटियों को मिलाककर तैयार किया गया है।

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आयुर्वेद का इतिहास हमारे इतिहास में सदियों पुराना है, आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को शारीरिक स्वास्थ्य को लिए चमत्कारी जड़ी बूटी के तौर पर देखा जाता है। इन हर्बल और औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी बूटियों में शरीर के कई रोगों को खत्म करने की ताकत है और सदियों से ये दवाओं में भी इस्तेमाल होती आ रही हैं। इन्हीं में से एक जड़ी बूटी से बना चूर्ण है त्रिफला का चूर्ण। त्रिफला का चूर्ण शरीर के लिए बेहद लाभकारी कही जाने वाली आंवला, विभीतकी (आम भाषा में बहेड़ा) और हरीतकी (आम भाषा में हरड़) नामक तीन जड़ी बूटियों को मिलाककर तैयार किया गया है। आंवला फाइबर और एंटी ऑक्सिडेंट से भरपूर है,वहीं  विभीतकी में ढेर सारे एंजाइम पाए जाते हैं औऱ ये शुगर में काफी लाभकारी होती है। हरीतकी की बात करें तो इसमें ढेर सारे एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण हैं और ये शरीर और त्वचा पर उम्र के निशान आने से रोकती है। ये जड़ी बूटी पेट के लिए बहुत अच्छी है और दिल के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी मानी जाती है। 

कैसे बनता है त्रिफला का चूर्ण - 

इन तीन जड़ी बूटियों को मिलाकऱ आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण बनता है जिसके भीतर कई बीमारियों में लाभ देने का गुण है और ये शरीर को सेहतमंद भी बनाता है। इसे आयुर्वेद में कायाकल्प करने वाले चूर्ण के नाम से भी पुकारा जाता है।

वजन घटाने में काफी लाभदायक है त्रिफला  -

त्रिफला के चूर्ण में ढेर सारा फाइबर पाया जाता है। इसकी मदद से पाचन तंत्र मजबूत होता है और आंतें भी साफ होती हैं। इसका मुख्य काम पाचन तंत्र को डिटॉक्सिफाई करना और ये चूर्ण आंतों के निचले हिस्से में फंसे अनपचे भोजन के अंशों को भी बाहर निकालता है जो आगे जाकर फैट में तब्दील हो जाते हैं। इसके नियमित उपयोग से मेटाबॉलिज्म को मजबूत करने में मदद मिलती है और वजन कम होता है। ये शरीर से एक्स्ट्रा फैट को पिघला कर बाहर निकाल देता है। त्रिफला के सेवन से नई हो या पुरानी सभी तरह की कब्ज दूर हो जाती है, इसे रोज गर्म पानी  के साथ सेवन करने से मल त्याग में आसानी होती है। इसके साथ ही त्रिफला में पाया जाने वाला खास कंपाउंड जिसे कोलेसिस्टॉकिन कहते हैं, ये दिमाग को संकेत देता है कि पेट भर चुका है, इससे व्यक्ति ज्यादा भोजन नहीं करता और जरूरत पड़ने पर शरीर फैट से ही केलौरी बर्न करता है और वजन कम होता है।

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है त्रिफला
त्रिफला चूर्ण की तीनों जड़ी बूटियों में शरीर की इम्यून पावर को मजबूत करने की क्षमता है। अगर आप रोज इसे गर्म पानी के साथ आधा चम्मच लेंगे तो आपकी प्रतिरोक क्षमता मजबूत होगी और आपका शरीर बाहरी संक्रमण और मौसमी बीमारियों से लड़ने की ताकत प्राप्त करेगा। इसलिए जो लोग जल्दी जल्दी बीमार होते हैं, उन्हें नियमित तौर पर इस चूर्ण का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

आंखों की रोशनी के लिए अच्छा है त्रिफला
त्रिफला आंखों को कई तरह की बीमारियों औऱ संक्रमणों से बचाता है। त्रिफला के चूर्ण के नियमित सेवन से आंखें ना केवल हेल्दी बनी रहती हैं बल्कि आंख से जुड़ी बीमारियां जैसे कंजेक्टिवाइटिस या मोतियाबिंद आदि को भी दूर रखने में मदद मिलती है।

हाई बीपी को कंट्रोल करता है त्रिफला
त्रिफला का चूर्ण शरीर में उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है। इसके नियमित सेवन से हाई बीपी की समस्या में आराम मिलता है। 

दिल को स्वस्थ रखता है 
त्रिफला दिल की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसके सेवन से शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल का स्तर कम करने में मदद मिलती है जिससे दिल की बीमारियों के खतरे दूर रहते हैं औऱ दिल स्वस्थ रहता है।

त्रिफला उपयोग करने का तरीका - 

त्रिफला का चूर्ण आपको आयुर्वेद की दुकान पर मिल जाएगा। इसे गर्म या गुनगुने पानी के साथ दिन में एक या दो बार लेने पर ये काफी फायदा करता है। एक बार में त्रिफला का चूर्ण एक चम्मच लेना चाहिए। अगर कब्ज है तो रात में सोने से पहले  त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ लेने पर फायदा मिलता है।

इसके अलावा त्रिफला के कैप्सूल और गोलियां भी आती हैं जिनका सेवन किया जा सकता है। बाजार में त्रिफला का रस भी मिलता है जिसके सेवन  से काफी फायदा होता है। 

Disclaimer: यहां पर मौजूद जानकारी के लिए Thejbt.com किसी भी प्रकार की मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को प्रयोग में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। First Updated : Tuesday, 04 April 2023