आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक सरकार

भारत ने दैवीय आपदाओं में हमेशा साहस का परिचय दिया है, चाहे वह देशव्यापी रही हो या फिर विश्वव्यापी। इसका हालिया उदाहरण है तुर्की में भूकंप से तबाही।

Janbhawana Times
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देवेंद्र राघव

भारत ने दैवीय आपदाओं में हमेशा साहस का परिचय दिया है, चाहे वह देशव्यापी रही हो या फिर विश्वव्यापी। इसका हालिया उदाहरण है तुर्की में भूकंप से तबाही। भारत ने यहां बचाव एवं राहत कार्यों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। कभी भारत का भेजा गेहूं लौटाने वाला तुर्की ऐसे वक्त में गहरे सदमे में था। 7.8 तीव्रता के आए भूकंप ने इस देश को घुटनों पर ला दिया। कभी अपने खूबसूरत शहरों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर इस देश को नजर लग गई।

ऐसे मुसीबत भरे वक्त में भारत सारी पुरानी गुस्ताखियों को भुलाकर इस देश के लिए 'देवदूत' बन गया। हमारे देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने इस विनाशकारी भूकंप के तुरंत बात ट्वीट कर तुर्की की मदद का ऐलान कर दिया। भारत ने वायुसेना के मालवाहक विमान से मदद की खेप तुरंत भेज दी। एनडीआरएफ की टीम के साथ जवानों को तुर्की की मदद के लिए भेज दिया गया। भारत ने इस मुसीबत के मौके पर तुर्की की बढ़-चढ़कर मदद की। वहीं पाकिस्तान का दिल कचोटता रहा ।

उसके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को तुर्की ने अपने यहां आने से मना कर दिया। जिसे वह सबसे करीबी दोस्त कहते फिरता था अब उसने भारत की मदद ली। बात यहीं पूरी नहीं हो जाती भारत अाज भी अपने से ज्यादा पड़ोसियों का ख्याल रखना जानता है। मदद मांगने से मदद करना कहीं अधिक फलदायी होता है। यही कारण है भारत की छवि आज विश्व पटल पर है।

जो खुद भूखा रहेगा वह दूसरों को क्या खिलाएगा इसका परिणाम भी स्पष्ट है कि भारत सरकार ने किसी भी दैवीय आपदा का सामना करने के लिए कमर कस ली है। हमारे दूरगामी सोच के प्रधानमंत्री के कुशल नेत्रत्व में सरकार ने युवाओं को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। ताकि किसी भी दैवीय आपदा के दौरान देश के हर सम्मानित नागरिक को मदद पहुंच सके। प्रधानमंत्री की इस राष्ट्रहित सोच से देश का युवा भी प्रभावित हो रहा है।

तुर्की में सहायक बने भारतीय दल को हमारे प्रधानमंत्री ने सम्मान दिया है। यह सच है कि हमारा देश आज मददगार के रूप में अग्रसर है। बात अगर तुर्की आपदा की करें तो पाकिस्तान के चक्कर में कश्मीर से लेकर कई अन्य मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ आग उगलने वाला तुर्की जब बेहाल हुआ तो भारत ने तुरंत मदद की पेशकश कर दी। उधर, खुद बदहाली में जी रहे पाकिस्तान के पास तो अपने इस सबसे करीबी देश को देने के लिए कुछ था ही नहीं। पीएम मोदी ने इस विनाशकारी भूकंप के पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई थी। इसके तुरंत बाद भारत ने तुर्की के लिए मदद भेज दी। उधर, पाकिस्तान अपने इस सबसे करीबी दोस्त को मिल रही भारत की मदद से मन ही मन परेशान हो रहा होगा।

उसे ये चीजें जरूर कचोट रही होंगी। उधर, तुर्की में भी भारतीय जवानों की मदद वाली तस्वीर अब सामने आने लगीं। भारतीय सेना की एक ऑफिसर को एक महिला की चूमती हुई तस्वीर देख पाकिस्तान जल-भुन गया। क्योंकि इस मदद पर भारत में तुर्की के राजदूत ने भारत को दोस्त कहकर शुक्रिया कहा। तु्र्की में आए भूकंप के बाद पाकिस्तान मदद के नाम पर कुछ कर नहीं पा रहा है। उल्टे उसके पीएम को ही तुर्की ने अपने देश में आने से मना कर दिया है। तुर्की के नागरिकों ने भी भारतीय रक्षक दल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सही मायने में भारत आज उस मुकाम पर है कि अन्य देश इसका लोहा मानने को मजबूर हैं।

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19 March 2023, 05:21 PM IST

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