भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया को लेकर नया प्रस्ताव हो सकता है पारित
भारतीय सेना ने साल 2022 अग्नीपथ स्कीम लागू की थी। जिसके माध्यम 4 साल के लिए अग्निवीर की भर्ती की जा रही है। इस योजना को लेकर काफी विवाद हुआ था जिसमें देश के कई राज्यों बिहार, आध्रंप्रदेश हरियाणा व यूपी समेंत कई राज्यों के छात्रा इसे लेकर सड़को पर उतरे थे और इस योजना के खिलाफ धरना प्रदर्शन किए थे। आपको बता दे कि इस बीच भारतीय सेना में इस प्रकिया को लेकर नया प्रस्ताव आ सकता है।
साल 2022 में भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना लागू की थी, जिसके माध्यम 4 साल के लिए अग्निवीरों की भर्ती की जा रही है। इस योजना को लेकर काफी विवाद हुआ था जिसमें देश के कई राज्यों बिहार, आंध्र प्रदेश हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों के छात्र इसे लेकर सड़कों पर उतरे थे। इस योजना के खिलाफ धरना प्रदर्शन और तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आईं। आपको बता दें कि इस बीच भारतीय सेना में इस प्रकिया को लेकर नया प्रस्ताव आ सकता है। आपको बता दें कि ट्रे़ड्समैन के पदों को आउट सोर्स किया जा सकता है। यानी इन पदों के लिए जवान के तौर पर नियमित भर्ती नहीं होगी। आपको बता दें कि इससे भारतीय सेना में 80 हजार नियमित पदों की कमी की जाएगी।
सुत्रों के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि सेना का सैलरी और पेंशन का बिल लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सीमित रखने के लिए ऐसे प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है ताकि सेना के आधुनिकीकरण पर खर्च के लिए बड़ी रकम से बच सके। सेना ने एक अधिकारी के अनुसार कोरोना काल में दो सालों तक भर्ती नही हुई है। इसके चलते सेना में 1.20 लाख जवान कम हो गए है। इसके अलावा बीते साल पहले 40000 अग्निवीरों की ही भर्ती की गई है। इस तरह से बजट से कटौती के प्रयास किए जा रहे है।
सैन्य सुत्रों के अनुसार इस साल यानी 2023 में आधे सैनिक आग्निवीर हो जाएंगे। जिससे सैनिको का औसत में कमी आ जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि सैनिकों की औसत में 6 से 8 प्रतिशत कमी आ जाएगी। साथ ही अगर इसके फायदे देखे तो दो तरह के फायदे माने जा रहे है। एक सेनिको की औसत उम्र में कमी होगी और तकनीकी को समझ रखने वालें युवा को सेना में भर्ती मिल जाएगी।
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