गुरुवार 2 मार्च को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग के मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट इस केस में आज बहुत बड़ा फैलसा लिया है। कोर्ट ने हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप के शेयरों को लेकर जारी की गई रिपोर्ट की जांच के लिए 6 सदस्यों की टीम का गठन किया है। गठित की गई यह टीम इस मामले की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की रिपोर्ट के एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इसमें पूर्व जस्टिस ए एम सप्रे कमिटी के अध्यक्ष होंगे। उनके अलावा टीम में ओपी भट्ट, जस्टिस जेपी देवदत्त, के वी कामथ, नंदन नीलकेनी और सोमशेखरन सुंदरसन शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले कि सुनवाई करते हुए सेबी को बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने सेबी को गड़बड़ी की जांच करने का आदेश दिया है। वहीं कोर्ट ने सेबी को दो महीने के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया है। आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने सेबी को अडानी और हिंडनबर्ग से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज को समिति को सौंपने को कहा है।
शीर्ष अदालत ने एक्सपर्ट कमेटी को अडानी-हिंडनबर्ग मामले के कारणों और बाजार पर इसका क्या असर हुआ है। इसकी जांच करने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने कमेटी को निवेशकों की सुरक्षा को लेकर जरूरी सुझाव देने को भी कहा है। आपको बता दें कि कोर्ट ने समिति को इस तरह के केस से निपटने के लिए मजबूत कानूनी उपाय भी देने को कहा है।
17 फरवरी को अडानी-हिंडनबर्ग के केस की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कमेटी के गठन के लिए केंद्र के सुझाव को स्वीकार करने से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “वह मामले में पूरी तरह पारदर्शिता बनाए रखना चाहती है”।
कोर्ट ने आगे कहा कि “हम खुद अपनी कमेटी का गठन करेंगे”। कोर्ट ने कहा कि “हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच के लिए समिति न्यायाधीशों की ओर से बनाई जाएगी और केंद्र की ओर स कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा”। First Updated : Thursday, 02 March 2023