आखिर चालबाज चीन की अरुणाचल के तवांग पर क्यों है नज़र, आइये जानते हैं.....
भारत और चीन के बीच लगभग 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह बॉर्डर अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तरारखंड और सिक्किम से लगता है।
India-China Clash on Tawang: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर लंबे समय से मतभेद बना हुआ है। अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग (Tawang) में भारत और चीन के सैनिकों के बीच एक बार फिर से संघर्ष हुआ, जिसमें दोनों देशों के कई सैनिक जख्मी हुए थे । 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर में चीन के करीब 300 सैनिकों ने फिर से घुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन भारतीय सेना के वीर जवानों ने उन्हें करारा जवाब दिया।
भारत के लिए क्यों खास है तवांग?
भारत और चीन के बीच लगभग 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह बॉर्डर अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तरारखंड और सिक्किम से लगता है। अरुणाचल प्रदेश का तवांग लगभग 17000 फीट की ऊंचाई पर है। रणनीतिक रूप से ये जगह सेना को खास महत्व देती है। दोनों देशों के लिए ये स्थान इसलिए खास माना जाता है क्योंकि ये 1962 के भारत-चीन से जुड़ी हुई है। इस युद्ध में तवांग पर कब्जे के बाद चीन ने इसे खाली कर दिया था क्योंकि यह मैकमोहन लाइन के अंदर पड़ता है। लेकिन बाद में चीन की नीयत बदल गई और उसने मैकमोहन लाइन को मानने से इनकार कर दिया।
इसी कारण से भारतीय जवानों ने चीन (China) के करीब 300 से ज्यादा सैनिकों को पीछे खदेड़ दिया। संघर्ष की इस घटना में चीन को भारी नुकसान पहुंचा है।
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