हिमाचल के बाद मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान में बाढ़ का खतरा
मध्यप्रदेश और राजस्थान में पिछले 48 घंटे से भारी बारिश हो रही है. कई कस्बों में पानी भर चुका है. बाढ़ के हालात बन रहें हैं. नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही है. डैम पर दबाव के कारण पानी को छोड़ा जा रहा है.
भोपाल। मध्यप्रदेश और राजस्थान में पिछले 48 घंटे से भारी बारिश हो रही है. कई कस्बों में पानी भर चुका है. बाढ़ के हालात बन रहें हैं. नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही है. डैम पर दबाव के कारण पानी को छोड़ा जा रहा है. कई पहाड़ी हिस्सों से भूस्खलन सामने आया है. एमपी की राजधानी भोपाल के रिहायसी इलाकों में पानी पहुंच चुकी हैं. प्रदेश के रतलाम, नीमच, जबलपुर, उज्जैन और मंदसौर में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में सड़के डूब जाने से संपर्क टूट चुका है. लोगों पर बारिश आफत बनकर टुट रही है. कई लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो रहें हैं. चारों ओर पानी ही पानी नजर आने से भय का माहौल उत्पन हो चुका है. प्रशासन की भी तैयारियां फेल होती नजर आ रही है. प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव दल को तैनात कर दिया गया है.
सड़कें और बिजली हुई क्षतिग्रस्त
भोपाल में पिछले 32 घंटे से लगातार बारिश हो रही है. 200 से ज्यादा कॉलीनियों में पानी घुस चुकी है. स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. तेज हवा के साथ बारिश आने से पेड़ो के साथ-साथ बिजली के खंभे भी जमींनदोंज हो चुकी है. बिजली बाधित होने की वजह से मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई है. कई कॉलिनियों के सड़कों पर 2-3 फीट पानी बह रही रही है. राजस्थान की सूरत भी लगभग ऐसी ही बनी हुई है हालांकि राजस्थान सरकार ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है जबकि एमपी के कई हिस्सों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है.
उत्तरप्रदेश में भी गंगा और यमूना नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है. यूपी के प्रयागराज में गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद नदी का पानी रिहायसी इलाकों में प्रवेश करना शुरू कर दिया है. कई हिस्सों में 4 फीट से भी ज्यादा पानी का स्तर देखा जा रहा है. प्रयागराज के कई होस्टल स्थिति को देखते हुए खाली हो चुकें हैं. प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है. और तमाम तरह के कदम उठाए जा रहें हैं.