अमित शाह: हमने बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की और अभी करनी है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज यानी गुरुवार को कर्नाटक के दौरे पर है। आज वे दोपहर के समय कर्नाटक के बेल्लारी में संबोधित किया। इसके बाद वे कर्नाटक के बैंगलुरू में संबोधित कर रहे है। अमित शाह 23 फरवरी से 25 फरवरी तक तीन दिवसीय दौरे पर है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज यानी गुरुवार को कर्नाटक के दौरे पर है। आज वे दोपहर के समय कर्नाटक के बेल्लारी में संबोधित किया। इसके बाद वे कर्नाटक के बैंगलुरू में संबोधित कर रहे है। अमित शाह 23 फरवरी से 25 फरवरी तक तीन दिवसीय दौरे पर है। कर्नाटक के बाद वो मध्य प्रदेश और बिहार का दौरा करेंगे। मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि कल यानी 24 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश के दौरे पर रहेंगे। जहां वह मध्यप्रदेश के जिले सतना में मां शारदा शक्तीपीठ में पूजा- अर्चना करेंगे। इसके बाद वो आदिवासी समूह की एक सभा को संबोधित करेंगे और शहर में एक मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे।
25 फरवरी को अमित शाह बिहार के दौरे पर रहेंगे जिस दौरान वह पश्चिमी चंपारण में एक रैली को संबोधित करेंगे। पटना में किसानों और मजदूरों के एक समागम में हिस्सा लेंले और तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकेंगे। पटना में किसानों और मजदूरों को करेंगे संबोधित।
कर्नाटक के बेंगलुरू में भारतीय राजनीति 65 वर्ष का परिदृश्य और मोदी के तहत प्रतिमान बदलाव" पर इंटरैक्टिव सत्र को संबोधित किया। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि भारत के स्वतंत्र इतिहास में हर सरकार ने देश को आगे ले जाने का काम किया है। लेकिन जब देश अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है, तो हमें अपने महान लोकतांत्रिक मूल्यों और उसमें हुए घटनाक्रमों का वस्तुनिष्ठ विश्लेषण करने की जरूरत है। हम सभी को यह सुनिश्चित करना है कि 2047 तक, भारत दुनिया में हर पहलू में नंबर वन बन जाए, यह ग्लोबल लीडर बन जाए।
अमित शाह ने कहा कि आज हम आजादी का 'अमृत महोत्सव' मना रहे हैं।ये समय है 1947 से लेकर 2022 तक की हमारी यात्रा को देखने का, इतने समय में हमने बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की है और बहुत सारी अभी भी हासिल करनी हैं। हम भारत में इसे दो भागों में विभाजित करने के परिदृश्य का विश्लेषण करेंगे- आजादी के बाद से 65 साल की अवधि और मोदी सरकार के लगभग 10 साल।
उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण कभी राजा नहीं बने थे, वह नायक थे, वहां गणतंत्र था राजतंत्र की व्यवस्था नहीं थी। गध और मगध के बाद के राज्यों में भी गणतंत्र था और कर्नाटक में भी भगवान बसवेश्वर ने गणतंत्र की स्थापना की थी। हमारे लोग बड़े गर्व से कहते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था हमारे यहां है। लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि हम दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं हैं , हम 𝐌𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐃𝐞𝐦𝐨𝐜𝐫𝐚𝐜𝐲 हैं।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जिसने देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान दिया, वह आज पूरी की पूरी परिवारवादी व्यवस्था में घिर चुकी है। कांग्रेस पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो चुका है। जितनी भी समाजवाद पार्टियां थीं वह धीरे- धीरे जातिवादी पार्टियों में बदल गईं और फिर परिवारवादी हो गईं। कांग्रेस पार्टी किसी विचारधारा के साथ नहीं जन्मी थी। कांग्रेस पार्टी में न सांस्कृतिक विचारधारा थी न अर्थव्यवस्था को लेकर विचारधारा थी और न देश के गठन को लेकर कोई विचारधारा थी।
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने किसी विचारधारा के साथ जन्म नहीं लिया। यह बुद्धिजीवियों का संगठन था। मैं राष्ट्र की स्वतंत्रता में इसके योगदान से इनकार नहीं करता, लेकिन इसकी न तो कोई सांस्कृतिक विचारधारा थी और न ही अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण से संबंधित कोई विचारधारा थी। कांग्रेस सिर्फ एक मंच थी और देश की आजादी के सपने देखने वाले और चाहने वाले सभी लोग इसमें शामिल हो गए। भाजपा की विचारधारा का पहला स्तम्भ है- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद। हिंदुस्तान को छोड़कर दुनिया के सारे देश भू-राजनीतिक देश हैं जबकि हमारा देश भू-सांस्कृतिक देश है।
कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य भारत को औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराना था; उस उद्देश्य के अलावा किसी और चीज के लिए उसकी कोई स्पष्ट नीति और विचारधारा नहीं थी। भारत की आजादी के बाद गांधी जी द्वारा कांग्रेस को भंग करने का आह्वान करने का यही कारण था।