AzadiKaAmritMahotsavSpecial: आज़ादी के बाद इन महिलाओं ने देश को दिखाई नई दिशा

AzadiKaAmritMahotsavSpecial: These women showed a new direction to the country after independence

Shruti Singh
Shruti Singh

भारत की आज़ादी को 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस ऐतिहासिक अवसर के उपलक्ष्य में भारत सरकार आजादी की 75वीं वर्षगांठ को आज़ादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रही है। इस बीच हम आपको बता रहे हैं ऐसी महिलाओं के बारे में जिन्होंने आज़ादी के बाद देश को शिखर तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया है।

जी हां, आज बात करेंगे उन महिलाओं की जिन्होंने भारत की आज़ादी के बाद देश को हर क्षेत्र में उन्नति की राह दिखाई…

प्रतिभा पाटिल

प्रतिभा पाटिल को 25 जुलाई 2007 को भारत की बारहवीं और पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। वह एक सफल राजनेता, एक अच्छी समाज सेविका के रूप में जानी जाती हैं। उनका जन्म 19 दिसंबर, 1934 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में नन्दगांव में हुआ था। बता दें कि उन्होंने अपने पिता से प्रेरित होकर ही राजनीति में कदम रखा। दरअसल, उनके पिता नारायण राव पाटिल एक राजनेता थे। प्रतिभा पाटिल को भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति होने का गौरव हासिल है। 

 इंदिरा गांधी

इंदिरा गांधी को 19 जनवरी 1966 में देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद इंदिरा गांधी ने वह कुर्सी संभाली जो स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार उनके पिता जवाहर लाल नेहरू ने संभाली थी। वह 1967 से 1977 और फिर 1980 से 1984 में मृत्यु तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं। 

सरोजिनी नायडू

‘भारत कोकिला’ के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू आज़ाद भारत की पहली महिला राज्यपाल थी। वह 1947-49 तक उत्तर प्रदेश की गवर्नर रहीं। दि नाइटिंगेल ऑफ इंडिया, का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद(आंध्र प्रदेश) में हुआ था। सरोजिनी नायडू उन महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया था। साथ ही उन्होंने आज़ादी के बाद भी देश को प्रगति की राह दिखाई। 

किरण बेदी

किरण बेदी 1972 में भारत की पहली महिला IPS अधिकारी बनी थी। वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी और टेनिस खिलाड़ी हैं। किरण बेदी काफी होनहार, कर्मठ और समाजसेवी महिला हैं। बता दें कि वह वर्तमान में पुदुचेरी की उपराज्यपाल हैं।

हरिता कौर देओल

हरिता कौर देओल 22 साल की उम्र में अकेले वायुसेना का विमान उड़ाने वाली पहली महिला हैं। बता दें कि वह इंडियन एयरफोर्स में पायलट बनने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने भारतीय वायुसेना का इतिहास ही बदल दिया। साथ ही वह उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं जो भारतीय वायुसेना से जुड़ना चाहती हैं। 

कल्पना चावला

कल्पना चावला अंतरिक्ष यात्रा करने वाली भारतीय मूल की प्रथम महिला थी। कल्पना, मार्च 1995 में नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल हुई और वह 1997 में अपनी पहली उड़ान के लिए चुनी गई थी। उनका पहला अंतरिक्ष मिशन 19 नवम्बर 1997 को अंतरिक्ष शटल कोलंबिया की उड़ान एसटीएस-87 से शुरू हुआ। कल्पना चावला न केवल दुनिया भर की महिलाओं के लिए बल्कि अंतरिक्ष यात्री बनने की इच्छा रखने वाले सभी लोगों के लिए एक आदर्श हैं।

रीता फ़ारिया

रीता फ़ारिया मिस वर्ल्ड (विश्व सुंदरी) का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्होंने 1966 में ब्यूटी की दुनिया में भारत का परचम लहराया था। बता दें कि रीता फ़ारिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीतने वाली भारत की पहली सुंदरी हैं। वहीं मिस वर्ल्ड बनने के बाद रीता ने बॉलीवुड फ़िल्म या मॉडलिंग में जाने के बजाय अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की, जिसका नतीजा है कि वह आज एक मशहूर फ़िजिशियन (डॉक्टर) हैं।

सुचेता कृपलानी

सुचेता कृपलानी भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री थी। बता दें कि उन्हें 1963 में उत्तर प्रदेश का सीएम बनाया गया था और वह 1967 तक मुख्यमंत्री के पद पर रहीं। वह एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। कृपलानी को एक साल के लिए 1942 में जेल जाना पड़ा था क्योंकि वह भारत छोड़ो आंदोलन में काफी सक्रिय थी। उनके लिए हमेशा से ही राष्ट्र सर्वोपरि था।

सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज देश की प्रथम महिला विदेश मंत्री थी। वह 2014 से 2019 तक विदेश मंत्री के पद पर रहीं। वहीं मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्रालय संभालते ही सुषमा स्वराज ने काफी बदलाव किए। उन्होंने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों की मदद करने से लेकर विदेशों में फंसे लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए काम किया। वह एक ऐसी नेता थीं, जो अपनी दरियादिली और सहानुभूति के लिए जानी जाती थीं। 

द्रौपदी मुर्मू

द्रौपदी मुर्मू देश की पहली महिला  आदिवासी राष्ट्रपति हैं। मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं और वह झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। उन्होंने 25 जुलाई 2022 को देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण की। बता दें कि वह भारतीय इतिहास की सबसे युवा प्रेसिडेंट हैं। 

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26 July 2022, 03:27 PM IST

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